Lakhimpur Kheri Violence: रविवार शाम को लखीमपुर खीरी में हुए बवाल और किसानों की मृत्यु के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में तूफान आ गया है. सपा और कांग्रेस समेत विपक्ष के अन्य दलों ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन किये. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया)के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, सपा सांसद रामगोपाल वर्मा समेत कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. प्रदेश सरकार को कई मोर्चों पर विपक्ष के विरोध का सामना कर पड़ रहा था.
इस विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी के आ जाने के बाद मामला हाथ से निकल ही रहा था कि सरकार बुधवार दोपहर तक आखिर विपक्ष को लखीमपुर जाने की अनुमति देकर अपनी समस्या कुछ हद तक काम करने की कोशिश की है, लेकिन लखीमपुर की आग पूरे प्रदेश में फैल गई है, जिसे बुझने में अभी वक्त लगेगा.
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इस वक्त लखनऊ के राजनीतिक गलियारों में तैर रहा सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार सपा और कांग्रेस के लगातार विरोध प्रदर्शन और मामले में राहुल गांधी समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं के उतर आने के बाद बैकफुट पर आ गयी है ? यह सवाल लाजमी भी है क्योंकि पिछले तीन दिन से उत्तर प्रदेश सरकार को हर मौके पर विपक्ष ने मात दी है. ऐसे में सरकार का अंतिम समय में अन्य दलों को लखीमपुर जाने की अनुमति देना न सिर्फ इस मामले की आग को दबाने का एक तरीका है बल्कि इस बात की पुष्टि भी है कि प्रदेश सरकार अब इस मामले में विपक्ष को और राजनीति नहीं करने देना चाहती है.
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केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ने आज देश के गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली के नार्थ ब्लॉक में मुलाकात की. लगभग 40 मिनट से अधिक देर तक चली इस मुलाकात में लखीमपुर मामले को लेकर ही चर्चा हुई है. उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो अमित शाह इस घटनाक्रम को लेकर गंभीर हैं. जल्द ही अजय मिश्रा के पुत्र के गिरफ्तार होने की संभावना बढ़ गयी है. अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी कार चढ़ा दी थी, जिसमें चार किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद भड़की हिंसा में चार अन्य लोगों की जान भी चली गई थी. विपक्ष द्वारा इस्तीफे और आरोपी बेटे की गिरफ्तारी की मांग के बीच हुई इस मुलाकात ने अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया है.
इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कुछ देर पहले लखीमपुर मामले पर एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा है कि लखीमपुर खीरी मामले की जांच जारी है और इस मामले के बाबत जो भी व्यक्ति पुलिस को जानकारी देगा, उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार का निर्देश है कि किसी को बक्शा न जाय और पूरी पारदर्शी तरीके से कार्यवाही की जाय. एडीजी ने बताया कि अब लखीमपुर खीरी में 5-5 के ग्रुप में लोगों को जाने की अनुमति दे दी गई है. राज्य सरकार का उद्देश्य हर हाल में शांति व्यवस्था बनाए रखना है.
खास बात यह है कि लखीमपुर मामले की शुरुआत से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक की तरफ से कोई बयान नहीं आया है और न ही उन्होंने मीडिया से बात की है. देश के सबसे बड़े सूबे की पुलिस के मुखिया की गैरहाजिरी का कारण क्या है? इस बाबत प्रदेश के आला पुलिस अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गयी लेकिन किसी ने भी जवाब देना जरूरी नहीं समझा.
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इस बीच लखनऊ एयरपोर्ट पर धरना दे रहे राहुल गांधी ने अनुमति मिलने के बाद अपना धरना समाप्त करके सीतापुर और लखीमपुर की ओर रवाना हो गए. दिल्ली से लखनऊ राहुल गांधी के साथ छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल, पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी आए हैं. राहुल का विमान लखनऊ में लैंड करने से कुछ देर पहले सीतापुर में प्रशासन ने अस्थाई जेल से प्रियंका को रिहा कर दिया गया था. एयरपोर्ट से बाहर उनके पुलिस से बहस भी हुई, क्योंकि पुलिस उन्हें अपने वहां में लेकर जाना चाहती थी, लेकिन बाद में पुलिस ने उन्हें निजी वाहन से जाने की अनुमति दे दी है.
लखनऊ एयरपोर्ट से राहुल गांधी सीतापुर के लिए रवाना हो गए. वहां से वह प्रियंका गांधी के साथ लखीमपुर खीरी जाएंगे. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी पलिया के रस्ते चाखडा फार्म जायेंगे, जहां किसान लवप्रीत का घर है. उसके बाद निघासन में पत्रकार रमन कश्यप के घर जायेंगे. इसी बीच में लखनऊ में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रत्येक पीड़ित किसानों के परिवारों को 50 लाख रुपये और पीड़ित पत्रकार के परिवार को भी 50 लाख रुपये देने की घोषणा की है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कल बहराइच जाने की संभावना है. वह दिन के लगभग 10:30 बजे बहराइच पहुंचेंगे. अखिलेश यादव लखीमपुर घटना में मौत का शिकार हुए बहराइच के दोनों मृतक किसान सरदार गुरुविन्दर सिंह और सरदार दलजीत सिंह के गांव पहुंच कर पीड़ित परिवार से भेंट करेंगे. इस बीच बहराइच के जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने लखीमपुर घटना में मौत का शिकार हुए बहराइच के किसान सरदार दलजीत सिंह और सरदार गुरुविन्दर सिंह के गांव पहुंचकर आज दोनों परिवारों को लखीमपुर में किसानों और प्रशासन के बीच हुए समझौते के मुताबिक सहायता के तौर पर 45-45 लाख रुपये का चेक प्रदान किया. बहराइच के बाद अखिलेश यादव भी सपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ लखीमपुर जायेंगे
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भाजपा शासित सरकार पहले ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों का विरोध झेल रही है और उस इलाके में जनाधार घटने की चिंता भाजपा समेत संघ को भी है. ऐसे में लखीमपुर की घटना के बाद तराई और रोहेलखण्ड के इलाकों समेत मध्य उत्तर प्रदेश में भी विरोध प्रदर्शन शुरू होने से सरकार की चिंता बढ़ गयी है. ऐसे में डेमेज कंट्रोल के रूप में विपक्ष को लखीमपुर जाने की छूट दिए जाने को पहला कदम माना जा रहा है.
(रिपोर्ट- उत्पल पाठक)