उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों की अरदास से पहले 10 आईपीएस अधिकारियों को फील्ड पर तैनाती की है. वहीं आशीष मिश्रा की रिमांड को लेकर सीजेएम कोर्ट में सुनवाई हुई. पुलिस ने मिश्रा को शनिवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. पुलिस आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने की कोशिश में जुटी थी. इसी बीच सीजेएस कोर्ट ने आरोपी आशीष मिश्रा को तीन दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है.
इसके पहले खबर आई कि यूपी पुलिस की एसआईटी की टीम आशीष मिश्रा को तीन दिन के लिए रिमांड पर लेना चाहती है, जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई. इससे पहले एसआईटी के प्रमुख और यूपी पुलिस के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने कहा था कि पुलिस की जांच में आशीष मिश्रा ने कई सवालों के जवाब नहीं दिए, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी (एसपीओ) एसपी यादव ने मीडिया को बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आशीष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लखीमपुर खीरी जिला जेल भेज दिया है. एसपी यादव ने बताया कि आशीष की पुलिस रिमांड के लिए अर्जी दी गयी थी और अदालत ने इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 11 अक्टूबर की तारीख तय की.
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि लखीमपुर हिंसा के मामले में 11 अक्टूबर तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को पद से नहीं हटाया गया और गिरफ्तार नहीं किया गया तो वो चरणबद्ध प्रदर्शन शुरू करेगा. बताया जा रहा है कि मोर्चा की ओर से दी गई चेतावनी के बाद गृह विभाग अलर्ट हो गई है.
पुलिस ने एक आदेश जारी कर कहा है कि लखीमपुर खीरी में लखनऊ रेंज के एडीजी एसएन साबत और आईजी लक्ष्मी सिंह कैंप करेंगी. इसके अलावा लखीमपुर खीरी में 10 आईपीएस अधिकारी को तैनात किया गया है, जबकि बहराइच और पीलीभीत में 3-3 आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया गया है.