Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार में अब तक सबसे बड़ी पूछताछ की कार्यवाही शनिवार देर रात खत्म हुई. लगभग 12 घंटे चली मैराथन पूछताछ के बाद अंततः राज्यमंत्री टेनी के पुत्र आशीष को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया. आशीष की गिरफ्तारी के प्रमुख कारणों पर नजर डालें तो पता चलता है कि आशीष के पास शुरू से ही बचने का कोई रास्ता नहीं था.
प्रभात खबर ने पहले ही सूचित किया था कि आशीष की थार जीप से इस्तेमाल किये हुए कारतूस पुलिस को बरामद हुए हैं. 315 बोर के यह कारतूस किसकी बन्दूक के थे, यह अभी स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन बताया जा रहा है यह आशीष का हथियार था. इस कारतूसों के सन्दर्भ में पुलिस एवं एसआईटी के अधिकारियों द्वारा सवाल पूछे जाने पर आशीष के कोई संतोषजनक या स्पष्ट जवाब नहीं दिया.
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पुलिस सूत्रों ने प्रभात खबर को बताया कि आशीष ने कुल 13 वीडियो पुलिस को दिखाये थे. इसके अलावा उन्होंने कुछ लोगों के नाम बताये थे, जिनके अनुसार वे उस समय घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. आशीष ने कुछ हलफनामे भी पुलिस को दिखाए थे, लेकिन उनके इन साक्ष्यों से अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए. आशीष यह साबित नहीं कर पाये कि घटना के समय दंगल वाली जगह पर थे, जबकि पुलिस के पास ऐसे ढेरों साक्ष्य मौजूद थे, जिनसे यह साबित हो रहा था कि आशीष उस समय घटनास्थल पर ही मौजूद थे.
पुलिस ने उनसे स्पष्ट रूप से पूछा कि रविवार को दोपहर 2.36 से लेकर 3.40 तक वे कहां थे ? इस पर आशीष यह साबित नहीं कर पाये कि वे उस वक्त अपने पिता के साथ दंगल प्रतियोगिता में थे.
अधिकारियों द्वारा सवाल पूछे जाने पर आशीष ने कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया. एसआईटी के अफसरों द्वारा पूछे गये हर सवाल के जवाब में आशीष टालमटोल करते रहे. लगातार चली इस पूछताछ का निष्कर्ष न निकलने के बाद पुलिस अधिकारियों ने उनको गिरफ्तार कर लिया. उनके अधिवक्ता को जवाब दाखिल करने के लिये तीन दिन का समय दिया गया है. इस मामले में अब अंकित दास एवं सुमित जायसवाल भी आरोपी हैं और उनकी तलाश की जा रही है.
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(रिपोर्ट- उत्पल पाठक, लखनऊ)