Lakhimpur kheri Violence: उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी कांड को लेकर राजनीतिक घटनाक्रम तेज़ी से बदल रहा है. ऐसे में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा के गिरफ्तार होने की संभावना बढ़ गई है. लखनऊ की आईजी लक्ष्मी ने बयान दिया है कि वे जल्द आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लेंगी. गौरतलब है कि अब तक पुलिस सिर्फ जांच की बात कह रही थी लेकिन प्रदेश की फायरब्रांड आईपीएस अफसर लक्ष्मी सिंह के इस बयान के बाद आशीष का बच पाना अब मुश्किल है. लक्ष्मी सिंह ने यह स्पष्ट किया है पुलिस की कई टीमें आशीष मिश्रा की खोज में लगी हुई हैं.
लखनऊ की आईजी लक्ष्मी सिंह ने कुछ देर पहले जानकारी दी है कि लखीमपुर हिंसा मामले में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र आशीष मिश्रा को समन भेजा जा रहा है. प्रभात खबर से हुए विशेष बातचीत में लखनऊ की आईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि जिन दो लोगों को गिरफ्तार करके आज पूछताछ की जा रही है, उनसे हमें काफी सूचना प्राप्त हुई है और इस घटना में तीन अन्य लोगों के शामिल होने की पुष्टि की है जो बाद में मृत हो गए.
Also Read: Lakhimpur Kheri Update: ‘कार से कुचलने’ का वीडियो शेयर कर वरुण गांधी ने यूपी सरकार से मांगा न्याय, पढ़ेंआईजी लक्ष्मी ने बताया कि मरने वाले तीन अन्य लोगों की भूमिका की पुष्टि होने पर तकनीकी रूप से इनका नाम भी जांच में शामिल कर लिया गया है. ये लोग कई तरह की जानकारियां दे रहे हैं और इनके आधार पर हम मुख्य आरोपी (आशीष मिश्रा) को पूछताछ के लिए समन भेज रहे हैं. पुलिस सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया है कि आशीष की गिरफ्तारी के लिये पुलिस की तीन अलग-अलग टीमें जगह-जगह छापेमारी कर रही हैं.
Also Read: Lakhimpur Kheri Violence: क्या लखीमपुर की घटना उत्तर प्रदेश सरकार के लिये आंख की किरकिरी बन गया है ?गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मामले को स्वतः संज्ञान में लेते हुए सुनवाई की है और राज्य सरकार से कहा कि वह यह बताए कि प्राथमिकी में किन लोगों के नाम हैं और उन्हें गिरफ्तार किया गया है या नहीं. प्राथमिकी में यह दावा किया गया है कि आशीष मिश्रा ने लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गोलियां चलाई थीं और वह किसानों को कुचलने वाली कार में भी मौजूद थे.
लक्ष्मी सिंह ने कहा, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो और अन्य जानकारी को भी भी जांच में शामिल किया गया है. इसी बीच, लखीमपुर हिंसा मामले में पुलिस ने आशीष पांडेय एवं लवकुश नामक दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. यह दोनों लोग काफिले में मौजूद थे. पुलिस की कई टीमों ने स्थानीय मुखबिरों की सूचना पर लगातार छापेमारी की है. इसके अतिरिक्त तीन अन्य संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लेकर उनसे एक अज्ञात स्थान पर पूछताछ की जा रही है.
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर में यह लिखा गया है कि 3 अक्टूबर को हुई हिंसा, जिसमें किसानों समेत 8 लोगों की मृत्यु हो गयी थी, वह पूरी तरह एक पूर्व नियोजित साजिश का हिस्सा थी, जिसे अजय मिश्रा एवं आशीष मिश्रा द्वारा अंजाम दिया गया था. तिकुनिया पुलिस थाने में इन्स्पेक्टर जगजीत द्वारा दर्ज की गई इस एफआईआर में स्पष्ट है कि आशीष 15-20 हथियारबंद लोगों के साथ तीन गाड़ियों के काफिले में वहां मौजूद थे.
एफआईआर में यह भी लिखा गया है कि आशीष अपने वाहन के बाईं ओर बैठा था और किसानों को टक्कर मारते ही उन पर गोलियां चला दीं. गोली लगने से एक किसान गुरविंदर सिंह की वहीं मौके पर ही मौत हो गई. सड़क के दोनों ओर चल रहे किसानों को तीन अन्य तेज रफ्तार वाहन टक्कर मार कर आगे बढ़े और पलट गए, जिसके फलस्वरूप राहगीर भी घायल हो गए. इसके बाद आशीष गोलियां चलाते हुए हुए गन्ने के खेतों की ओर भागा और वहीं छिप गया. इन कृत्यों को गृह राज्य मंत्री और उनके बेटे ने एक सुनियोजित साजिश के तहत अंजाम दिया था.
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