Lucknow: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भाजपा का यूपी में मिशन 80 आासन नहीं होगा. इसके लिए टिकट के दावेदारों को कड़ी परीक्षा से गुजरना होगा. उन्हें पार्टी नेतृत्व को यकीन दिलाना होगा कि वह पूरे पांच साल जनता के बीच में रहें हैं, विभिन्न मुद्दों पर उन्होंने क्षेत्र में जन संवाद किया है और हर वर्ग को पार्टी से जोड़ने में सफल भी हुए हैं. खास बात है कि ये सब मुंह जुबानी नहीं होगा, बल्कि उन्हे अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी. इसके बाद पार्टी नेतृत्व रिपोर्ट की जांच पड़ताल करेगा.
यूपी की 80 लोकसभ सीटों पर लोकसभा चुनाव में दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी. समजावादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहां सभी सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है, वहीं भाजपा ने इस पर काम करना भी शुरू कर दिया है. इसके लिए उसने अपना महा जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है.
अब भाजपा सांसदों को इसकी पूरी जानकारी देनी होगी कि एक महीने तक चलने वाले इस अभियान के दौरान किस तारीख और समय पर वह कहां गए, किससे मिले. इतना ही नहीं उन्हें तस्वीरों के जरिए इसका प्रमाण भी देना होगा. ये तस्वीर ऐप के जरिए डाउनलोड करनी होगी. इसके लिए सभी सांसदों को फार्म दे दिया गया है.
भाजपा सांसदों को महा जनसंपर्क अभियान के दौरान विधानसभा वार लोगों से मिलने की जानकारी देनी होगी. इसके अलावा विशिष्ट जनों से मिलने की डिटेल अलग से तैयारी की जाएगी. हर लोकसभा में एक सांसद को कम से कम एक हजार विशिष्ट जनों की सूची तैयार करनी होगी. इसके लिए एक टीम बनाकर वह खुद क्षेत्रीय विधायक एमएलसी और कार्यकर्ताओं के साथ विशिष्टजनों से घर जाकर चाय पर चर्चा करेंगे.
इन विशिष्टजनों में पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी, शहीद परिवार के लोग, मेधावी छात्रों का परिवार, पद्म पुरस्कार का विजेता शामिल होंगे. सांसदों को 30 जून तक घर-घर में संपर्क कर रिपोर्ट देने को कहा गया है.
इसके साथ ही सभी सांसदों को लोकसभा क्षेत्र में यूट्यूब, इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया माध्यमों को प्रभावित करने वालों की भी लिस्ट तैयार करनी है. ऐसे 100 की लिस्ट तैयार करके भेजने को कहा गया है. इसमें खासतौर पर जानकारी देनी है कि सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले इनमें से कितने लोग पार्टी के पक्ष और कितने लोग विपक्ष में पोस्ट करते हैं.
इसके साथ ही अगर कोई तटस्थ पोस्ट डालता है तो उसका नाम अलग से बताना होगा. सबसे पहले ऐसे ही लोगों पर फोकस करने को कहा गया है. इन्हें पार्टी के कार्यों से अवगत कराते हुए अपने पक्ष में करने की कोशिश की जाएगी, जिससे चुनाव में लाभ मिल सके. वहीं इसके बाद विपक्ष समर्थित पोस्ट करने वालों से संपर्क किया जाएगा. इसके बाद इन सभी को एक जगह बुलाकर कार्यशाला भी आयोजित करने को कहा गया है.
पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक शीर्ष नेतृत्व 80 लोकसभा सीटें जीतने के लिए हर सीट पर बारीकी से फोकस कर रहा है. इसके लिए प्रत्येक सांसद की ओर से जमा किए गए ये फार्म बेहद अहम होंगे. एक तरह से ये उनका रिपोर्ट कार्ड होगा, जिसके आधार पर उनका सियासी भविष्य तय होगा. टिकट वितरण में इसकी बेहद अहम भूमिका होगी.