17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उमेश पाल हत्याकांड: CM योगी के मिट्टी में मिलाने वाले बयान से डरा माफिया अतीक, जेल में हिलने तक से किया इंकार

अपराधी से नेता बने अतीक अहमद को भी डर लगता है. जेल से बाहर निकलकर खुद उसने यह बात कह दी. उससे पहले याचिका दाखिल कर कोर्ट से गुहार लगायी थी कि उसके मामले की सुनवाई साबरमती जेल से ही आनलाइन हो. इसके लिए उसने सीएम योगी द्वारा विधान सभा में दिये माफिया को मिट्टी में मिलाने वाले बयान को आधार बनाया था.

लखनऊ. ‘ इनका प्रोग्राम पता है, मेरी हत्या करना चाहते हैं’. यह डर गैंगस्टर अतीक अहमद को लग रहा है. गुजरात की साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी जेल लाए जा रहे एक बार सांसद और पांच बार विधायक रह चुके अतीक अहमद को डर है कि उनकी हत्या कर दी जाएगी. यूपी एसटीएफ द्वारा अदालत ले जाने के दौरान नकली दुर्घटना या मुठभेड़ में उनको मार दिया जायेगा. माफिया को सीएम योगी का डर इतना है कि कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी. अतीक के वकीलों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधान सभा में दिये बयान को आधार बनाते हुए कहा कि योगी ने कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे..

गैंगस्टर से राजनेता बना , 100 से अधिक मामलों में आरोपी

अतीक 100 से ज्यादा मामलों में आरोपी हैं. उमेश पाल के अपहरण मामले में 28 मार्च को उनको प्रयागराज के एमपी- एमएलए कोर्ट में पेश किया जाना है. गैंगस्टर से राजनेता बने 60 वर्षीय अतीक ने अपने जीवन के खोने का इतना डर था कि जब जेल से रवाना करने की बात चली तो बेचैन हो गया. साबरमती जेल से बाहर निकलना तो दूर हिलने से भी इनकार कर दिया था. वह वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई चाहता था. इसके लिये कोर्ट का सहारा लिया लेकिन यूपी एसटीएफ के आगे उसकी योजना रखी रह गयी.

Also Read: umesh pal hatyakand : अतीक बोला, हो सकती है मेरी हत्या, अखिलेश ने मांगी अमेरिका से मदद, UP में वैन politics
अतीक अहमद के वकील इलाहाबाद हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल करेंगे

सूत्रों का कहना है कि अतीक अहमद की कानूनी टीम को उम्मीद नहीं थी कि पुलिस 30 घंटे से अधिक की यात्रा कर वैन में सड़क मार्ग से प्रयागराज ले जायेगी. सुप्रीम कोर्ट जिस याचिका पर 28 मार्च को सुनवाई करेगा उसमें वकीलों की दलील थी कि सीएम योगी विकास दुबे की दर्ज पर अतीक अहमद की गाड़ी की दुर्घटना करा सकते हैं. या मुठभेड़ में मार सकते हैं. यूपी पुलिस के पिछले रिकॉर्ड का भी हवाला दिया गया. जेल में बंद मुन्ना बजरंगी की हत्या का उदाहरण दिया गया. सूत्रों ने कहा कि पुलिस द्वारा प्रोडक्शन वारंट तैयार करने की प्रक्रिया बहुत ही गोपनीय तरीके से की गई थी. सूत्रों का दावा है कि अतीक अहमद के वकील जल्द ही इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल करेंगे जिसमें कहा गया है कि सुनवाई की तरह अदालत का फैसला भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनाया जाए.

Also Read:
पुलिस ने खोद डाला अतीक अहमद का ‘ कमांड सेंटर ‘, दफ्तर में हथियारों का जखीरा- कैश बरामद, सर्च आपरेशन

गुर्गे को मुठभेड़ में गोली लगने की खबर से हिल गया माफिया

आज (रविवार) जब अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश पुलिस की टीम हिरासत में लेने पहुंची तो उन्होंने साबरमती जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया. सूत्रों ने कहा कि टीम ने जेल अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की, जिन्होंने उन्हें बताया कि उनकी हिरासत लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी की जरूरत है. सूत्रों ने कहा कि 60 वर्षीय को शीर्ष अदालत के आदेश पर वहां रखा गया है. अतीक अहमद 2005 में हुई बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी है. उस पर हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या का भी आरोप है.

हम कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं : डिप्टी सीएम

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि “हम कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं. कोर्ट जो कहेगा वो किया जाएगा. इस तरह की बातचीत से कोई फर्क नहीं पड़ता.” उमेश पाल का 2005 में अपहरण कर लिया गया था और बाद में उसे छोड़ दिया गया था. अपहरण मामले में सुनवाई के आखिरी दिन 24 फरवरी को उसकी हत्या कर दी गयी. दिनदहाड़े हत्या का एक वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित किया गया, जिससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह कहने पर मजबूर होना पड़ा कि वह राज्य में अपराध सिंडिकेट को नष्ट कर देंगे. कोर्ट को इसी मामले में आरापियों को सजा का निर्धारण कर अपना फैसला देना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें