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आजादी का संघर्ष 90 साल चला, हमारा आंदोलन भी जारी रहेगा : टिकैत
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब भारत सरकार हमें बातचीत के लिए आमंत्रित करेगी, हम जायेंगे. जब तक सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा. आजादी के लिए संघर्ष 90 साल तक चला, इसलिए मुझे नहीं पता कि यह आंदोलन कब तक चलेगा.
किसानों के समर्थन में आए वरूण गांधी, कहा- सम्मानजनक तरीके से बात हो
भाजपा नेता वरूण गांधी ने कहा कि मुजफ्फरनगर में आज लाखों किसान धरना प्रदर्शन में जुटे हैं. वे हमारे अपने ही हैं. हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से जुड़ना शुरू करने की जरूरत है. उनके दर्द, उनके दृष्टिकोण को समझें और आम जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें.
यूपी पुलिस ने तैनात की 25 कंपनियां, 20 अधिकारी भी मौजूद
मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत पर यूपी एडीजी (कानून और व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि हमने सभी व्यवस्थाओं का आश्वासन दिया है. पीएससी की 25 कंपनियां और मेरठ जोन के तहत 20 अधिकारियों को तैनात किया गया है. हमने यातायात की सुचारू आवाजाही के लिए ट्रैफिक अलर्ट जारी किया. हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं.
रणसिंघा बजाकर शुरू हुआ किसानों का महापंचायत
किसान महापंचायत की शुरुआत रणसिंघा बजाकर की गयी. किसानों ने कहा कि पुराने समय में जब इज्जत मान सम्मान के लिए युद्ध लड़े जाते थे तो इसी यंत्र से आह्वान किया जाता था. आज भाजपा और कॉरपोरेट राज के खिलाफ समस्त किसान मजदूर ने युद्ध का आह्वान किया है.
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मुजफ्फरनगर पहुंचे राकेश टिकैत, सड़कों पर उमड़े किसान
किसान महापंचायत में शामिल होने के लिए भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत मुजफ्फरनगर पहुंच गये हैं. उनके आगमन पर किसानों का हुजूम सड़कों पर उमड़ पड़ा.
कृषि कानूनों की वापसी प्रमुख मुद्दा
मुजफ्फरनगर में आज हो रही किसान महापंचायत में शामिल होने आयी एक महिला किसान ने कहा कि हम तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर यहां एकत्रित हुए हैं. हम प्रधानमंत्री से तीन कानूनों को वापस लेने का अनुरोध करते हैं.
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महापंचायत के लिए देश भर से जुट रहे किसान
मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत को लेकर देश भर से किसान यहां पहुंच रहे हैं. राकेश टिकैत का इंतजार हो रहा है. राकेश टिकैत यहां मंच से किसानों को संबोधित करने वाले हैं.
जब तक कानून वापसी नहीं, तब तक घर वापसी नहीं : टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक हमारा आंदोलन चलते रहेगा. कानूनों की वापसी के बाद ही हम घर वापस लौटेंगे.
केंद्र सरकार की ओर से लाये गये 3 कृषि कानूनों के विरोध में आज किसानों का महापंचायत है. इस महापंचायत में 300 से अधिक किसान संगठनों के जुटने की उम्मीद की जा रही है. मुजफ्फरनगर में होने वाले इस किसान महापंचायत को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस अलर्ट पर है. महापंचायत में पंजाब, हरियाण और राजस्थान के अधिकतर किसान शामिल होने वाले हैं.
महापंचायत के लिए तैयारी पूरी कर ली गयी है. किसानों के भोजन के लिए करीब 500 लंगर शुरू किये गये हैं. महापंचायत की व्यवस्था में 5000 से अधिक वॉलंटियर तैनात किये गये हैं. 100 चिकित्सा शिविर लगाये गये हैं. इस महापंचायत का आयोजन जीआईसी ग्राउंड में किया जा रहा है. विपक्ष के कई नेताओं के भी इसमें शामिल होने की उम्मीद है.
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किसान नेताओं के हवाले से खबरें आ रही हैं कि पंजाब की किसान संगठनों ने किसानों पर किये गये झूठे मुकदमे वापस लेने के लिए पंजाब सरकार को आठ सितंबर तक का समय दिया है. इस महापंचायत के माध्यम से भाजपा और उसके सहयोगी दलों के खिलाफ विरोध स्वरुप काले झंडे भी दिखाये जायेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में भाजपा नेताओं का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
यूपी की योगी सरकार ने पुलिस को अलर्ट किया है. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक अपर पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक) रईस अख्तर खुद इस महापंचायत के वक्त वहां मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही एसपी संजीव वाजपेयी, एसपी शिवराम यादव भी मौके पर तैनात होंगे. कई जिलों से पुलिस बल बुलाये गये हैं. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पूरी तैयारी की गयी है.
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चुनाव से महापंचायत का कोई लेना देना नहीं
बता दें पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं. संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा कि महापंचायत का चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. किसी भी राजनीतिक दल या नेता को इस मंच का इस्तेमाल चुनावी रोटी सेंकने के लिए नहीं करने दिया जायेगा. महापंचायत में केवल किसानों के हित की बात होगी. सरकार से कई मांग किये जाने हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.