Mauni Amavasya 2023: हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का खास महत्व है. माघ माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को ही मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस दिन गंगा में स्नान को विशेष महत्व दिया गया है. मान्यता है कि जो व्यक्ति मौनी अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करता है उसके सभी पाप धुल जाते हैं. इस साल मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023 Date) 21 जनवरी 2023 सुबह 6 बजकर 17 से शुरू हो रहा है और अगले दिन 22 जनवरी सुबह 2 बजकर 22 तक है. आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के दिन किस भगवान की पूजा की जाती है, क्या दान करना चाहिए, स्नान और पूजा के नियम क्या है.
मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2023) का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि सालभर की पूजा अर्चना से भगवान विष्णु को इतनी खुशी नहीं होती है. जितनी माघ महीने में उनकी स्मृति में की गई स्नान उपासना से होती है. जितेंद्र शास्त्री के अनुसार यह महीना ब्रह्मलोक की ओर ले जाता है. इस दिन विष्णु की पूजा अत्यंत फलदायी मानी जाती है. ऐसे में जो लोग गंगा नदी में स्नान करते हैं उन्हें उत्तम पुण्य फल की प्राप्त होती है, क्योंकि गंगा के जल में भगवान विष्णु का वास होता है, इसलिए यह दिन भगवान विष्णु का दिन माना गया है.
मौनी अमावस्या के दिन सबसे पहले मौन होकर मन में भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए गंगा में स्नान करना चाहिए. पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार इस दिन स्नान के बाद गाय का दान करना शुभ माना गया है. साथ ही धन, तिल और सोने से बना हुआ कोई वस्तु दान करें. ऐसा करने से आपके सभी पाप धुल जाएंगे और स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं.
Also Read: Mauni Amavasya 2023: कब है मौनी अमावस्या 2023? क्या है गंगा स्नान का महत्व, जानें शुभ मुहूर्त
पंडित जितेंद्र शास्त्री के अनुसार माघ महीने में पवित्र नदियों जैसे संगम, गंगा नदी में स्नान शुभ माना गया है, लेकिन अगर आप मौनी अमावस्या के दिन इन नदियों में स्नान करते हैं तो पुण्य फल कई गुना बढ़ जाता है. इस दिन मौन रहकर स्नान और दान करने से सभी जन्मों के पाप कट जाते हैं. मौनी अमावस्या के दिन सबसे पहले गंगाजल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें. इसके बाद डुबकी लगा है फिर साफ कपड़े पहने और जल में काले तिल डालकर सूर्य को अर्घ दें और मंत्र जाप करें. इसके बाद अपने प्रिय वस्तुओं का दान करें. बता दें इस दिन क्रोध ना करें और किसी को अपशब्द बोलने से बचें.