Lucknow: माफिया मुख्तार अंसारी पर कानून का शिकंजा और कस सकता है. गैंगस्टर और हत्या के प्रयास के मामले में मुख्तार अंसारी के खिलाफ गुरुवार को फैसला सुनाया जा सकता है. ये मामला काफी समय से कोर्ट में विचाराधीन है. एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहे दो मामलों में बीते दिनों जजमेंट आना था, जिसे बढ़ाकर आगे की तारीख दे दी गई थी. अब कोर्ट के फैसले की ओर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं.
मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली के मुताबिक वर्ष 2009 में मीर हसन की तरफ से 307 के तहत थाना मोहम्मदाबाद में मुकदमा आरोपी सोनू यादव के नाम से दर्ज किया गया था. पुलिस ने इसके बाद अपनी विवेचना शुरू की, जिसमें मुख्तार को इस मामले में सह अभियुक्त बनाते हुए 120बी के तहत भी एफआईआर दर्ज कर दी गई.वहीं इस मामले में मुख्य अभियुक्त सोनू यादव बरी हो चुका है. लियाकत अली के मुताबिक उस समय मुख्तार अंसारी जेल में थे. वहीं कपिलदेव सिंह हत्याकांड के सिलसिले में करंडा थाने के अंतर्गत भी एक हत्या की एफआईआर दर्ज थी.
मुख्तार अंसारी के वकील के मुताबिक इन सभी मामलों को गैंग चार्ट में शामिल किया गया. इन मामलों में बीते दिनों फैसला सुनाए जाना था. लेकिन, शासकीय अधिवक्ता ने लिखित बहस के लिए कोर्ट के समक्ष दो सप्ताह का समय दिए जाने का प्रार्थना पत्र दिया. इसके बाद कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया और मामले में 27 अप्रैल की तारीख तय की. अब आज शासकीय अधिवक्ता इस मामले में कोर्ट में अपनी बात रखेंगे.
इसके साथ ही मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुहम्मदाबाद और करंडा थाने में दर्ज मामले में भी बीते दिनों फैसला आना था. दोनों एफआईआर वर्ष 2009 में दर्ज की गई थी. वहीं आज मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज एक मुकदमे का जजमेंट पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं. सजा सुनाए जाने पर मुख्तार की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. गैंगस्टर एक्ट में अधिकतम 10 वर्ष की सजा हो सकती है.