Lucknow News: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए घोषित 50 शिक्षकों की सूची में उत्तर प्रदेश से तीन नाम शामिल हैं. इनमें मेरठ के सुधांशु शेखर पांडा, बुलंदशहर के चंद्र प्रकाश अग्रवाल और फतेहपुर की आशिया फारूकी शामिल हैं. शिक्षक दिवस पर पांच सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में इन शिक्षकों को सम्मानित करेंगी।
चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदशहर जनपद का नाम उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में देश में सुर्खियों में लाने का काम किया है. शिवकुमार जनता इंटर कालेज बुलंदशहर का पहला हाईटेक स्कूल है और यहां बेटियों को नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है. शिक्षा के क्षेत्र में इस स्कूल का योगदान पूरे बुलंदशहर में सबसे बेहतर है.
विद्यालय में आर्यभट्ट खगोलीयशाला स्थापित की गई है, जिसमें विद्यार्थियों को खगोलीय ज्ञान की जानकारी दी जाती है. इसके साथ ही विद्यालय की वेबसाइट भी है, जिसमें कई तरह की जानकारी उपलब्ध है. इसके साथ ही पुस्तकालय की किताबें ऑनलाइन पठन-पाठन के लिए उपलब्ध हैं, जिनका लाभ छात्र छात्राएं उठा रहे हैं.
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मेरठ के केएल इंटरनेशनल स्कूल के प्रिंसिपल सुधांशु शेखर पुरस्कार को बेहतर करने की प्रेरणा मानते हैं. उन्होंने कहा कि 29 वर्षों के दौरान लोगों के सहयोग, शिक्षकों व विद्यार्थियों का योगदान भी इस पुरस्कार में शामिल है. मूलरूप से भुवनेश्वर के रहने वाले सुधांशु के शिक्षण कार्य की शुरुआत मेरठ में ऋषभ एकेडमी से हुई. यहां कुछ समय पढ़ाने के बाद वह इलेक्ट्रा विद्यापीठ में रहे.
दीवान पब्लिक स्कूल में लंबे समय तक शिक्षण कार्य और एकेडमिक कोआर्डिनेटर रहने के बाद इलेक्ट्रा में प्रिंसिपल बने. इसके बाद ट्रांसलेम एकेडमी इंटरनेशनल के प्रिंसिपल बने. यहां दस वर्ष की सेवा के बाद अब केएल इंटरनेशनल स्कूल में प्रिंसिपल के तौर पर कार्यरत हैं.
फतेहपुर नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय अस्ती की शिक्षिका आशिया फारूकी को 2009 में हथगाम ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बुशहरा में बतौर सहायक शिक्षिका तैनाती मिली. इसके बाद 2016 में उन्होंने नगर क्षेत्र के अस्ती प्राथमिक विद्यालय में बतौर प्रधानाध्यापिका कार्यभार ग्रहण किया. आशिया ने नवाचार के दम पर विद्यालय का कायाकल्प किया. अकेले पांच कक्षाओं का संचालन कर ज्वायफुल लर्निंग से बच्चों में शिक्षा में रुचि पैदा की. इसका परिणाम है कि तीन वर्ष में स्कूल में पंजीकृत बच्चों की संख्या 250 पहुंच गई.
राष्ट्रपति शिक्षकों को 50,000 रुपये का चेक, एक रजत पदक और प्रमाण पत्र प्रदान करेंगी. पुरस्कारों के लिए शिक्षकों का चयन ऑनलाइन त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया के माध्यम से पारदर्शी तरीके से किया गया है. इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारों के लिए चुने गए शिक्षकों द्वारा किए गए कार्यों पर शार्ट फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी.