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सावधान! धनतेरस-दिवाली पर चांदी के गहने या सिक्के खरीदते समय रहें होशियार, बाजार में बिक रहा जर्मन सिल्वर

दीवाली और धनतेरस पर अगर आप भी चांदी के सिक्के व आभूषण खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो थोड़ा सतर्क हो जाएं. सिक्के व आभूषण में चांदी के जगह गिलट या जर्मन सिल्वर की 99 परसेंट मिलावट कर देते हैं. इन पर सिल्वर कोटिंग करके इन्हें मार्केट में उतार दिया जाता है. यहां जानें कैसे करें पहचान.

देश में त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है. दीवाली से पहले धनतेरस आने वाला है, इस दिन ज्यादातर घरों में चांदी के सिक्के व आभूषण लोग खरीदते हैं. अगर आप भी धनतेरस पर सिक्के व आभूषण खरीदने के बारे में प्लान कर रहे हैं, तो थोड़ा सतर्क हो जाएं. कहीं चांदी के नाम पर जर्मन सिल्वर के सिक्के व आभूषण न खरीद लें. पिछले दिनों आगरा में नकली चांदी के साथ धंधेबाज पकड़े भी गए थे और आगरा से हिंदी बाजार में चांदी मंगाई जाती है. इस पर विशेषज्ञों की सुझाव हैं कि खरीदारी करते समय जीएसटी वाला रसीद जरूर लें और सराफा के यहां कैरोमीटर से परख करा लें. दिवाली में चांदी के सिक्कों की मांग अधिक होती है. इसके अलावा लोग चांदी से बने गौरी-गणेश की मूर्ति भी खरीदते हैं. जबकि, शादी-विवाह में उपहार स्वरूप देने के लिए लोग चांदी की पायल, चाबी रिंग, बिछिया, कीया, सिंदूरदानी, चैन, पान पत्ता, मछली आदि की खरीदारी करते हैं.

त्योहारों में जर्मन सिल्वर को आसानी से खपा देते हैं धंधेबाज

नकली चांदी बेचने वालों धंधेबाजों के लिए यह समय मुफीद होता है. अचानक से बढ़ी खपत में असली चांदी के साथ उसी चमक वाले जर्मन सिल्वर को भी आसानी से खपा देते हैं. लोग खरीदने के बाद हिफाजत के साथ रख लेते हैं. ऐसे में नकली की पहचान भी नहीं हो पाती है. जब चांदी के पुराने आभूषण या सिक्के बेचने जाएंगे, तब ठगी का अहसास होता है. ऐसे में जीएसटी युक्त रसीद न होने से क्लेम भी नहीं कर पाते हैं. जानकारों का कहना है कि सामान्य तौर पर जर्मन सिल्वर और चांदी के बीच कोई अंतर नहीं दिखता है.

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ऐसे पहचाने चांदी असली है या नकली

  • कैरोमीटर नाम का उपकरण आपको चांदी के सिक्के या बर्तन में शुद्धता बता देगा.

  • सराफ कसौटी पत्थर रखते हैं. चांदी का सिक्का उस पर रगड़वाएं. लकीर सफेद है तो शुद्ध चांदी है और पीली है तो इसमें तांबा, जस्ता, रांगा और एल्युमीनियम अधिक मिला है.

  • चांदी के सिक्के को लोहे की रेती से साफ कर सकते हैं और साफ हिस्से पर सल्फ्यूरिक एसिड डालें. अगर रंग काला हुआ तो सिक्का शुद्ध है और हरा हुआ तो अशुद्ध.

  • असली और नकली सिक्कों की पहचान उसकी खनक से हो जाएगी. धातु पर असली चांदी का सिक्का गिराने पर भारी आवाज आती है, जबकि नकली सिक्का लोहे की तरह खनकेगा.

  • प्राचीन और विक्टोरियन सिक्के गोल व घिसे होंगे, जबकि नकली सिक्कों के किनारे कोर खुरदुरी रहेगी.

  • चांदी असली है परख के लिए आप एक बर्फ का टुकड़ा चांदी पर रखें. किसी दूसरे धातु के मुकाबले चांदी पर रखी बर्फ ज्यादा तेजी से पिघलेगी, क्योंकि थर्मल एनर्जी तेजी से बर्फ में ट्रांसफर होती है.

  • अगर आप चांदी के वर्क को हाथ में रखकर हथेली के बीच रगड़ेंगे, तो यह गायब हो जाएगा. लेकिन अगर चांदी के वर्क में मिलावट है, तो यह एक बॉल के रूप में इकट्ठा हो जाएगा.

खरीदारी करते समय जीएसटी वाले पक्के बिल जरूर लें

वहीं सराफा बाजार के एक विशेषज्ञ ने कहा कि ग्राहक सोने या चांदी की खरीदारी करते समय जीएसटी वाले पक्के बिल रसीद को जरूर लें. पक्के बिल पर दुकानदार कभी भी ग्राहकों के साथ धोखा नहीं कर सकते. अगर किसी ग्राहक को लगता है कि उसके पास नकली सामान आ गया है तो वह हिंदी बाजार के हॉलमार्किंग सेंटरों पर गुणवत्ता की जांच भी करवा सकते हैं. इसके अलावा दुकान पर ही बीआईएस हॉलमार्क और गुणवत्ता की जांच भी अपने आभूषण की करवा सकते हैं.

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