लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अब अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी का इस्तेमाल आधा किया जायेगा. इसकी भरपायी गाय के उपला (गोइठा ) से होगी. यह उपला भी निराश्रित गोवंश स्थल से उपलब्ध कराया जायेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बैठक कर इस संबंध में अधिकारियों को दिशा- निर्देश दिये हैं. सरकार के इस निर्णय से आवारा गोवंश के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा. सीएम ने दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने पर भी जोर दिया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब अंत्येष्टि स्थल- श्मशान घाट पर उपयोग की जाने वाली कुल लकड़ी में 50 फीसद गोवंश उपला- गोइठा का उपयोग किया जाए. यह उपला निराश्रित गोवंश स्थल से उपलब्ध कराया जायेगा. गोइठा से होने वाली इस आय का प्रयोग गोवंश स्थल के प्रबंधन के लिए किया जायेगा. अधिकारियों को इनका नियमित निरीक्षण करने का आदेश दिया है. सभी को निरीक्षण रिपोर्ट सरकार को भेजनी होगी.
गोवंश संरक्षण के लिए प्रदेश में अब तक 274 वृहद गोवंश संरक्षण केंद्र को सक्रिय कर दिया गया है. 06 माह में बचे हुए 75 वृहद गोवंश स्थल तैयार करने का लक्ष्य पूरा कर लिया जायेगा. सीएम ने गोवंश संरक्षण स्थलों पर केयर टेकर तैनात करने को कहा है. केयर टेक की जिम्मेदारी होगी कि वह गोवंश की बीमारी अथवा मौत होने की दशा में सभी जरूरी व्यवस्था करे.
गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहभगिता योजना में अब तक 17.74 लाख गोवंश आमजन को सौंपे गए हैं. इसके साथ ही कुपोषित बच्चों वाले परिवार को दूध की उपलब्धता के लिए पोषण मिशन के अंतर्गत 3598 गोवंश दिया गया है.गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को ₹900 प्रतिमाह की राशि डीबीटी के जरिये हर महीने उपलब्ध करायी जा रही है. गोवंश सत्यापन के लिए स्थानीय स्तर पर उपजिलाधिकारी स्तर के अधिकारी को नामित करने के निर्देश दिये हैं.