Lucknow: यूपी में गर्मी के बीच लोगों को आने वाले दिनों में बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. भीषण गर्मी और उमस के कारण अप्रत्याशित रूप से बिजली की मांग में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है. प्रदेश में बिजली की मांग लगातार बढ़ने से अघोषित कटौती के कारण लोग जूझ रहे हैं. इसे लेकर विपक्षी दल भी सरकार पर हमलावर बने हुए हैं.
उत्तर प्रदेश में रविवार को बिजली की मांग अनुमान से ज्यादा बढ़ गई. पावर कॉरपोरेशन ने चालू वित्त वर्ष में बिजली की अधिकतम मांग 27775 मेगावाट रहने का अनुमान लगाया था. लेकिन, अब बिजली की अधिकतम मांग 28284 मेगावाट पर पहुंच गई. ऐसे में बारिश नहीं होने पर बिजली संकट होने के आसार हैं.
पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिजली की अधिकतम मांग 26589 मेगावाट थी. 2023-24 के लिए पावर कॉरपोरेशन ने बिजली की अधिकतम मांग में इजाफा होने का अनुमान लगाया. लेकिन, ये मांग इतनी बढ़ जाएगी, ये अफसरों ने भी नहीं सोचा था. हालांकि प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि इस ऐतिहासिक मांग को भी ऊर्जा विभाग ने विद्युत कर्मियों के प्रयासों से सकुशल पूरा किया है. इसके पहले 23 जुलाई को 28043 मेगावाट, 22 जुलाई को 27622 मेगावाट विद्युत मांग को पूरा किया गया है.
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इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में लगातार बिजली का संकट बना हुआ है. भाजपा सरकार न शहरों में बिजली की आपूर्ति कर पा रही है और न गांव में किसानों के लिए. अघोषित कटौती से पूरा प्रदेश त्रस्त है. बार-बार बिजली कटौती से महानगरों में लोगों की नींद गायब है. भीषण गर्मी और उमस से लोग परेशान हैं.
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कहा कि समाजवादी सरकार में जो बिजली के प्लांट लगाए जा रहे थे, भाजपा सरकार ने उन्हें पूरा नहीं होने दिया. भाजपा सरकार ने अपने छह साल के कार्यकाल में एक भी यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं बढ़ाया. भाजपा सरकार में प्रदेश का विकास अवरुद्ध है. भाजपा सरकार का सारा विकास कार्य कागजों पर चल रहा है. जमीन पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा है.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र में भी भाजपा सरकार है. लेकिन, उसने उत्तर प्रदेश का बिजली का कोटा नहीं बढ़ाया. भाजपा की डबल इंजन की सरकार ने बिजली महंगी कर दी है. वह प्रदेश की जनता से भारी-भरकम बिजली का बिल वसूल रही है. लेकिन, बिजली की लगातार आपूर्ति नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा कि हालत यह है कि शहरों में भी 8 से 10 घंटे बिजली की कटौती हो रही है. गांवों में तो कोई पूछने वाला ही नहीं है. सरकार राजधानी लखनऊ में भी बिजली की सुचारू आपूर्ति नहीं कर पा रही है. क्योंकि भाजपा सरकार ने प्रदेश में मांग के अनुरूप बिजली उपलब्ध कराने के लिए पहले से कोई तैयारी ही नहीं की है.
सपा अध्यक्ष ने कहा कि इन दिनों धान की रोपाई का सीजन चल रहा है. जिन किसानों ने अपने धान की रोपाई कर ली है, वहां पर भी उनका धान सूख रहा है. कई जिलों में किसान धान की रोपाई नहीं कर पा रहा है, क्योंकि बिजली न आने से नलकूप नहीं चल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की अकर्मण्यता और भ्रष्टाचार का खामियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है. भाजपा को प्रदेश के विकास और जनता की परेशानियों से कोई लेना देना नहीं है. भाजपा का काम समाज को बांटना और नफरत की राजनीति करना रह गया है. जनता भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में वोट की चोट से करारा जवाब देगी.
इस बीच राज्य में बिजली की बढ़ती मांग के मद्देनजर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए किये जा रहे कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करें और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें. कार्यों में पूर्ण पारदर्शिता एवं सक्रियता बहुत जरूरी है. भ्रष्टाचार किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उन्होंने निर्देश दिया कि निर्धारित शिड्यूल के अनुरूप प्रदेश के सभी क्षेत्रों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जाए. कहीं से भी उपभोक्ताओं की शिकायतें आ रही हों, उसका त्वरित संज्ञान लेकर निदान किया जाए. इस समय आंधी-पानी के कारण पेड़ों के गिरने आदि से तथा लोड बढ़ने से तारों के टूटने, जम्फर और फ्यूज के उड़ने से भी विद्युत आपूर्ति में बाधा आ रही है, ऐसी शिकायतों का त्वरित संज्ञान लेकर आपूर्ति बहाल करें.
ऊर्जा मंत्री ने लाइन लॉस वाले फीडरों पर विद्युत चोरी रोकने के लिए गहन एवं रेंडम चेकिंग अभियान चलाने के भी निर्देश दिये हैं. राजस्व वसूली पर विशेष ध्यान देने तथा बड़े बकायेदारों से वसूली के प्रयास करने को कहा. उन्होंने सभी उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल देने को कहा जिससे कि उपभोक्ताओं को परेशानी न हो और वो समय से अपना बिल जमा कर सकें.
उन्होंने कहा कि जहां पर भी ओवरलोडिंग की समस्या है उसकी नियमित जांच की जाय, जिससे ट्रांसफार्मर को क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके। खराब ट्रांसफार्मर को शीघ्र बदलें, जहां पर आवश्यक हो ट्राली ट्रांसफार्मर की भी व्यवस्था करें.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बरसात में अधिकांशतः खंभों, लटकते तारों, ट्रांसफार्मर और उसकी सुरक्षा जाली, बाक्सों में करंट उतरने का खतरा होता है। जिससे अक्सर दुर्घटनाएं हो जाती हैं. इसके लिए सभी अधिकारी अपने क्षेत्रों में ऐसे उपकरणों में करंट उतरने की जांच कराएं तथा उसको तत्काल ठीक कराएं. साथ ही लोगों को ऐसे उपकरणों से दूर रहने के लिए जागरूक भी करें.
उन्होंने लो-वोल्टेज एवं ट्रिपिंग की समस्या का समाधान करने तथा अचानक से आने वाले हाई-वोल्टेज को भी नियंत्रित करने का प्रयास करें, जिससे कि उपभोक्ताओं को नुकसान न हो सके. उन्होंने विद्युत कर्मियों को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए की गयी व्यवस्था का पूर्णतया पालन करने तथा विद्युत फाल्ट व लाइन पर कार्य करने वाले कर्मियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने को भी कहा.
पावर कॉरपोरेशन के अफसरों का दावा है कि मांग बढ़ने से भी बिजली की किल्लत पैदा नहीं होगी. 2023 के आखिर तक बिजली की उपलब्धता 32356 मेगावाट करने का लक्ष्य रखा गया है. लक्ष्य को पूरा करने के लिए नई विद्युत उत्पादन परियोजनाओं पर काम चल रहा है.