14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Politics: जब नेताओं पर फेंकी गई स्याही और उछाले गए जूते, यूपी सहित देश-दुनिया में विरोध जताने का बना जरिया

यूपी की सियासत में इन दिनों काली स्याही और जूते फेंकने को लेकर आरोप प्रत्यारोप की लड़ाई चल रही है. नेता एक दूसरे को झूठा साबित करने पर अमादा हैं. देखा जाए तो स्याही हमला सियासत में कोई नया किस्सा नहीं है. पहले भी नेताओं को इस तरह के विरोध का सामना करना पड़ता रहा है.

Lucknow: उत्तर प्रदेश में भाजपा नेता दारा सिंह चौहान पर काली स्याही फेंकने के बाद सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका गया. दारा सिंह चौहान को घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान और स्वामी प्रसाद मौर्य को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में निशाना बनाया गया. दोनों ही घटनाओं में इसे अपना विरोध जाहिर करने के तरीके के तौर पर अपनाया गया. हालांकि ये पहली घटना नहीं है. यूपी सहित देश और विदेश में इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं.

स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणियों से आहत होकर जूता फेंका

राजधानी लखनऊ में पिछड़ा वर्ग के कार्यक्रम में एक युवक ने सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका. इससे सम्मेलन में हंगामा मच गया. सपा कार्यकर्ताओं ने युवक को पकड़कर जमकर पिटाई की. युवक की पहचान आकाश सैनी के रूप में हुई है. उसका कहना है कि वह हिंदू धर्म के बारे में की गई स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणियों से आहत था. हमला करने वाला युवक वकील के वेशभूषा में था. घटना के बाद पुलिस उसे गिरफ्तार कर विभूतिखंड थाने ले गई.

भाजपा झूठ को बनाना चाहती है सच: अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जितने भी इस तरह के मसले हो रहे हैं, उसमें भाजपा शामिल है. अभी आपने घोसी का देखा था, जिसमें इंक लगा दी गई. जानकारी मिली उसमें भी भाजपा के लोग शामिल थे. लोग जागरूक हो गए हैं और अपने हक के लिए खड़े हो गए हैं इसलिए भाजपा के लोग ध्यान भटका रहे हैं.

उन्होंने कहा कि भाजपा क्या करेगी चुनाव से पहले किसको पता, कुछ भी होगा. ये सरकार एक कंपनी को हायर करके अपने झूठ को सच बनाना चाहती है. वो नंबर 1 सिर्फ इसलिए हैं क्योंकि वो मीडिया को नंबर 1 दे रहे हैं.

फरवरी में स्वामी प्रसाद मौर्य को दिखाए गए काले झंडे

इससे पहले फरवरी माह में भी वाराणसी में स्वामी प्रसाद मौर्य को ऐसे ही विरोध का सामना करना पड़ा था. सोनभद्र जाते समय टेंगरा मोड़ पर भाजपा नेताओं ने स्वामी प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाए और वाहन पर काली स्याही फेंकी. अपनी बयानबाजी से सुर्खियों में रहने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य तब रामचरित मानस पर टिप्पणी करने के कारण लोगों के निशाने पर रहे. विरोध के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य के काफिले पर काले कपड़े फेंके गए.

इस दौरान हर-हर महादेव और जय श्रीराम के नारे गूंजते रहे. पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे युवकों को पीछे किया तब जाकर स्वामी प्रसाद मौर्य का काफिला आगे के लिए रवाना हुआ. विरोध-प्रदर्शन में शामिल युवा भाजपा नेता दीपक सिंह राजवीर ने तब बयान दिया कि स्वामी प्रसाद मौर्य बार-बार सनातन पर सवाल उठाने के कारण ऐसा किया गया. रामचरित मानस पर विवादित टिप्पणी करने वालों को कभी माफ नहीं किया जाएगा.

Also Read: शिवपाल यादव 2019 में हुई गलती को सुधारेंगे, फिरोजाबाद से बनेंगे अक्षय यादव के सारथी, जानें सियासी समीकरण
दारा सिंह चौहान पर स्याही फेंकने वाले का सपा से कनेक्शन

घोसी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान पर काली स्याही फेंकने के मामले में आरोपी ने सोमवार को थाने पहुंचकर आत्मसपर्मण कर दिया. इसे लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सत्तापक्ष पर कटाक्ष किया है. हालांकि पुलिस ने आरोपी युवक और उसके ग्रुप का सपा से पुराना संबंध बताया.

इसके साथ ही मामले में भाजपा नेता की भूमिका से इनकार कर दिया है. पुलिस के मुताबिक दारा सिंह चौहान ने पिछला चुनाव समाजवादी पार्टी के टिकट पर लड़ा था और इस बार पर वह भाजपा से उपचुनाव में प्रत्याशी हैं. ये बात आरोपी युवक के मन में खटक रही थी. इस वजह से उसने काली स्याही फेंकने की घटना को अंजाम दिया.

यूपी से बाहर देश के अन्य हिस्सों में भी हो चुकी हैं घटनाएं

  • मई 2022 में किसान आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे नेता राकेश टिकैत पर बेंगलुरु प्रेस क्लब के गांधी भवन में काली स्याही फेंकी गई. करीब 12 लोगों ने प्रेस मीटिंग में घुसकर किसान नेता राकेश टिकैत पर स्याही फेंकी. जिस वक्त उन पर स्याही फेंकी गई तब वो मीडिया को संबोधित कर रहे थे.

  • वर्ष 2019 में भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव पर जूता मारा गया. जूता सीधे उनके चेहरे पर आकर लगा.

  • दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 20 नवंबर को दिल्ली सचिवालय में चैंबर से बाहर निकलते हुए एक शख्स ने मिर्च पाउडर फेंक दिया. इस दौरान हुई धक्‍का-मुक्‍की में उनका चश्‍मा भी टूट गया.

  • 2016 में 24 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर जूता फेंका गया था. जूता उन्हें लगा नहीं था. तब वे सीतापुर में एक रोड शो कर रहे थे.

  • 19 सितंबर 2016 को आम आदमी पार्टी नेता मनीष सिसोदिया पर दिल्ली में ही एलजी ऑफिस के बाहर इंक फेंकी गई थी.

  • 2016 में कांग्रेस नेता नवीन जिंदल पर जूता फेंका गया था. जूता फेंकने वाले की पहचान एक शिक्षक के रूप में हुई थी.

  • 28 जनवरी 2016 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जूता फेंका गया था. वो जूता, मंच पर बैठे नीतीश तक नहीं पहुंचा था. जूता फेंकने वाले व्यक्ति की पहचान पीके राय के रूप में हुई थी. वह समस्तीपुर का रहने वाला बताया गया था.

  • 17 जनवरी 2016 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर एक लड़की ने भाषण के दौरान इंक फेंकी. केजरीवाल ऑड-इवेन फार्मुले की सफलता के लिए धन्यवाद भाषण दे रहे थे.

  • 12 अक्टूबर 2015 को खुर्शीद महमूद की किताब के अनावरण में शामिल होने का विरोध करते हुए शिवशेना के कार्यकर्ताओं ने वामपंथी नेता सुधींद्र कुलकर्णी के चेहरे पर इंक पोत दी थी.

  • 5 जनवरी 2015 को जीतन राम मांझी की ओर भी जूता उछाला गया था.

  • 15 अगस्त 2014 को पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की ओर कथित रूप से जूता उछाला गया था. तब वे एक राजनीतिक कॉन्फ्रेंस में थे. कहा गया था कि जूता एक बेरोजगार युवक ने फेंका था, जिसकी पहचान विक्रम सिंह के रूप में हुई थी.

  • मार्च 2017 में योगेंद्र यादव के मुंह पर इंक फेंकी गई. ये घटना उस वक्त हुई, जब योगेंद्र यादव महिला दिवस के मौके पर नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. योगेंद्र यादव तब आम आदमी पार्टी में थे.

  • जनवरी 2012 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी देहरादून के विकास नगर में रैली के दौरान कुलदीप नाम के एक युवक ने उनके मंच पर जूता फेंका. हालांकि जूता राहुल के पास तक नहीं पहुंच पाया. लोगों ने इस व्यक्ति को पकड़कर उसकी पिटाई शुरु कर दी, जिस पर राहुल ने कहा कि उसे मारा न जाए. बाद में पुलिस ने इस व्यक्ति को हिरासत में ले लिया.

  • 15 अगस्त 2010 को जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ध्वजारोहण कर रहे थे, तभी एक व्यक्ति ने उनकी तरफ जूता उछालकर फेंका था.

  • 2009 में प्रेस कॉन्फ्रेंस में तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम की ओर भी जूता फेंका था. वह जूता उनके बगल में गिरा था. कहा गया था कि जूता एक पत्रकार ने उछाला था.

  • 26 अप्रैल 2009 को गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित एक चुनावी रैली के दौरान मनमोहन सिंह की ओर जूता उछाला गया था.

  • 8 अप्रैल 2009 को कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की ओर चप्पल फेंकी गई थी. तब वे हासन जिले में भाजपा की रैली में थे. चप्पल फेंकने वाले को गिरफ्तार भी किया गया था.

  • कांग्रेस नेता नवीन जिंदल पर अप्रैल 2009 को जूता फेंका गया. कांग्रेस नेता और सांसद नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र में पार्टी बैठक में मौजूद थे, तभी एक युवक ने उन पर जूता फेंका. जिस युवक ने जूता फेंका वह शराब के नशे में था और पहले शिक्षक हुआ करता था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

विदेशों में भी नेताओं को बनाया गया निशाना

  • वर्ष 2008 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज बुश पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक इराकी पत्रकार मुंतजिर अल जैदी ने जूता फेंक दिया था. मुंतजिर के इस जूता कांड ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया था. इसके बाद मुतजिर को अरब जगत में बतौर हीरो पेश करने की कोशिश की गई. साथ ही इनामों की बौछार भी की गई.

  • साल 2010 में सितंबर में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर पर एक व्यक्ति ने जूता फेंकने की कोशिश की थी. उन पर अंडा भी फेंका गया था.

  • पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी भी उन वैश्विक नेताओं में शुमार हैं जिन पर जूता फेंक गया. जरदारी लंदन के किसी कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे, तभी एक व्यक्ति ने उन पर जूता फेंका था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें