Power crisis in UP: उत्तर प्रदेश में इस समय बिजली संकट उत्पन्न हो गया है. लोग बिजली कटौती से परेशान हैं. वहीं, सरकार भी इस संकट के हल के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है. इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा कदम उठाया है.
बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक मई से दो हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली लेने जा रही है. मिली जानकारी के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम से 400 मेगावाट हाइड्रो पावर जुटाने के अलावा बैंकिंग (पूर्व में दी गई बिजली के बदले अब बिजली लेने की व्यवस्था) की 325 मेगावाट बिजली मध्य प्रदेश से और लगभग 283 मेगावाट बिजली राजस्थान से मिलने की संभावना है.
बताया जा रहा है कि प्रदेश में केंद्रीय सेक्टर से 332 मेगावाट, राज्य सेक्टर से 118 मेगावाट और अन्य श्रोतों से 331 मेगावाट की उपलब्धता 29 अप्रैल से बढ़ी है.
Also Read: Lucknow News: UP में कोयले की कमी से गहराया बिजली संकट, रेलवे ने रद्द की 8 एक्सप्रेस ट्रेनें
गौरतलब है कि इन दिनों प्रदेश में भीषण गर्मी पड़ रही है, जिसकी वजह से बिजली की मांग में काफी इजाफा हुआ है. मौजूदा समय में प्रदेश में बिजली की मांग साढ़े 22 हजार मेगावाट तक पहुंच गई है. इन सबके बावजूद यूपीपीसीएल यानी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड लोगों को निर्बाध रूप से बिजली देने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहा है.
इसके साथ ही, टोल फ्री नम्बर 1912 की लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है. अप्रैल महीने में 1912 टोल फ्री नम्बर पर पूरे प्रदेश से 17 हजार शिकायतें मिलीं. इन शिकायतों में से 16,418 का निस्तारण कर दिया गया है. वहीं, 1 लाख 80 हजार शिकायतें बिजली आपूर्ति से संबंधित प्राप्त हुई, जिसमें से 1 लाख 77 हजार 838 का निस्तारण कर दिया गया.
ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा का कहना है कि गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है. वहीं, कई बिजली उपक्रम तकनीकी कारणों से हफ्तों से बंद हैं. ऐसे में बिजली की बचत का सभी प्रयास करें. उन्होंने कहा कि हमारे विद्युत कर्मी निर्बाध आपूर्ति के लिए रात-दिन अपने कार्य में लगे हैं