Rahu Ketu Ke Upay: राहु-केतु को ज्योतिष में भले ही छाया ग्रह कहा गया है, लेकिन जब इन दोनों ग्रहों का अशुभ प्रभाव किसी भी जातक की कुंडली पर अगर पड़ जाता है, तो वह व्यक्ति तमाम तरह की कठिनाइयों से घिर जाता है. उसके जीवन पर सकंट का बादल मंडराने लगता है. करियर में असफलता, बीमारी, आर्थिक समस्या और मानसिक तनाव जैसी कई तरह की दिक्कतों का सामना कुंडली में राहु-केतु दोष से कारण करना पड़ता है. आप राहु-केतु के अशुभ लक्षण को पहचान कर इससे जुड़े उपाय कर सकते हैं. इन उपायों से राहु-केतु का अशुभ प्रभाव कम होता है और शुभ फलों में वृद्धि होती है. आइए ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा से जानते हैं राहु-केतु दोष के निवारण के उपायों के बारे…
चैत्र नवरात्र 22 मार्च दिन बुधवार से शुरू होकर 30 मार्च दिन गुरुवार को संपन्न होगी. नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से न सिर्फ सभी 9 ग्रह शांत होते हैं, बल्कि उनके अशुभ प्रभाव भी दूर हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय ऐसे हैं, जिनको करने से न सिर्फ नवग्रह शांत होंगे बल्कि आपको हर समस्या से छुटकारा भी मिलेगा.
किसी भी व्यक्ति की कुंडली में अगर राहु दोष है तो उसे मां ब्रह्मचारिणी की पूरे विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए. केतु की समस्या से पीड़ित हैं तो मां चंद्रघंटा की आराधना करें. नवरात्रि में इन देवियों की पूजा करने से आपको इन दोनों पापी ग्रह राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी.
अगरआप नहाने के पानी में चंदन का पाउडर डालकर स्नान करते हैं, तो कुंडली में राहु के दोष खत्म हो जाते हैं. नवरात्रि से इन उपायों को शुरू करें और लगातार 3 महीने तक करने से फायदा मिलेगा और सारी तकलीफें दूर होंगी.
Also Read: राहु के नक्षत्र में शनि का प्रवेश, अगले 7 माह तक मेष-कर्क, कन्या-कुंभ और मीन वाले सही काम करके भी फंसेंगे बुरे
नवरात्र में मां दुर्गा के साथ-साथ हनुमान जी और भगवान शंकर की पूजा करें. ऐसा करने पर आपको राहु और केतु परेशान नहीं करेंगे. अगर नवरात्र में आप हर दिन शिव सहस्त्रनाम और हनुमान सहस्त्रनाम का पाठ करते हैं तो कुंडली में राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाते हैं.
अगर आप राहु दोष से मुक्ति चाहते हैं तो नवरात्रि में चांदी का एक ठोस हाथी खरीद लाएं. इसको आप पूजाघर या घर की तिजोरी में भी रख सकते हैं. ऐसा करने और उसके हर दिन दर्शन से कुंडली में राहु के बुरे प्रभाव कम होने लगते हैं और आपको करियर में उन्नति मिलती है.
दुर्गा सप्तशती का पाठ नवरात्र के 9 दिनों में करने से राहु-केतु के बुरे असर कम हो जाते हैं. दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से न सिर्फ मां प्रसन्न होती हैं बल्कि भक्तों को इन दो पापी ग्रहों की बुरी नजर से भी बचाती हैं.
Also Read: राहु-केतु चलेंगे उल्टी चाल, मुसीबतों के चक्रव्यू में फसेंगे मेष-वृषभ, कन्या और मीन राशि वाले जातक
पूजा के दौरान ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे भी राहु-केतु दोष का प्रभाव कम होता है. राहु-केतु से संबंधित बीज मंत्रों का जाप करने से भी दोष दूर होते हैं. किसी गरीब कन्या का विवाह कराने या विवाह में सहयोग करने से भी राहु-केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
मो- 080426594/9545290847