Lucknow News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. उन्हें राजधानी लखनऊ स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में अपनी आवाज का नमूना देना होगा. कोर्ट ने रामपुर के जिलाधिकाी और पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में आदेश दिया है.
दोनों अफसरों से कहा गया है कि वे एफएसएल से संपर्क कर दिन और समय तय कराएं और आजम खां को इसकी जानकारी दें. इसके साथ ही एमपी-एमएलए कोर्ट (सेशन ट्रायल) ने आजम खां को भी तय वक्त पर लखनऊ में उपस्थित रहने का आदेश दिया है. यह आदेश कोर्ट ने उनके खिलाफ टांडा थाने में दर्ज एससी-एसटी एक्ट के मामले में दिए हैं. अब इस मामले की सुनवाई 23 अगस्त को होगी.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के खिलाफ सात अगस्त 2007 को विधानसभा चुनाव में भाषण के दौरान टांडा थाने में दलित समाज के प्रति आपत्तिजनक और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में बसपा नेता धीरज कुमार शील ने मुकदमा दर्ज कराया था.
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इसमें पुलिस ने विवेचना के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. पिछले दिनों हाईकोर्ट ने सपा नेता आजम खां की रिट को खारिज करते हुए आवाज का सैंपल देने के आदेश दिए थे. अब इस मामले में एमपी-एमएलए (सेशन ट्रायल) कोर्ट ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को आदेश दिए हैं कि आजम खां की आवाज का नमूना लेने की तारीख को मुकर्रर करें.
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है कि तारीख तय करने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता को इसके बारे अवगत कराएं. कोर्ट ने आजम खां को विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ में उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं. इस मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.
इसके साथ ही आजम खां के खिलाफ दर्ज एससी-एसटी केस में उनके भाषण की कैसेट तैयार करने वाले गवाह संजय ने कोर्ट में पेश होकर अपने बयान दर्ज कराए हैं. वहीं आजम खां के अधिवक्ता ने जिरह भी की. उनकी गवाही पूरी हो गई है.
इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आजम खां और अब्दुल्ला आजम की विधानसभा की सदस्यता साजिश करके छीनी गई है. राहुल गांधी की तरह कोर्ट से इन दोनों नेताओं को भी इंसाफ मिलेगा.
इस बीच रामपुर में समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो पासपोर्ट के मामले में कोर्ट में विवेचक ने गवाही दी. समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खां के खिलाफ 2019 में शहर विधायक आकाश सक्सेना ने सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था.
आरोप है कि पूर्व विधायक के पास दो पासपोर्ट हैं. दोनों ही पासपोर्ट में जन्म तिथि अलग-अलग हैं. पुलिस ने मामला दर्ज करने के बाद मामले की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है।
सुनवाई के दौरान एमपी-एमएलए मजिस्ट्रेट कोर्ट में विवेचक दरोगा लखपत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए. अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता ने उनसे बहस की जो कि पूरी नहीं हो सकी. वहीं दूसरी ओर अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड मामले में गवाह के कोर्ट में न पहुंचने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी.
एफएसएल का पूरा नाम Forensic Science Laboratory है. फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी में आवाज की जांच कई तरीकों से की जा सकती है, जो आमतौर पर उस समय के प्रयोजनों और विशेषाधिकारों के आधार पर निर्धारित होती हैं. इस प्रक्रिया को इस तरह समझा जा सकता है.
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स्पेक्ट्रल एनालाइजिस: यह प्रक्रिया आवाज के विभिन्न तत्वों के फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम को विश्लेषण करने में मदद करती है. विशेषतः, यह आवाज के स्पेक्ट्रल फीचर्स, जैसे कि उच्च और निम्न फ्रीक्वेंसी स्तर, ध्वनि के उच्चता-नीचता, आदि की पहचान कर सकता है.
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आवाज के अंशों की पहचान: इस प्रक्रिया में आवाज के विभिन्न घटकों, जैसे कि वाद्य यंत्रों की ध्वनियों, क्लिक्स, आदि की पहचान की जा सकती है.
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आवाज की शोर मापन: आवाज के शोर स्तर को मापकर विश्लेषण किया जाता है, जिससे आवाज की उचितता और गुणवत्ता की जांच की जा सकती है.
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आवाज की वृत्ति और गतिविधियों का विश्लेषण: आवाज की विभिन्न गतिविधियों की विश्लेषण के लिए आवाज की वृत्ति और गतिविधियों का समय-स्थान जानकारी उपयोगी होता है.
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मॉडेलिंग और सिमुलेशन: आवाज के अलग-अलग प्रकार के मॉडल बनाए जा सकते हैं, जिनसे आवाज के परिवर्तनों को समझने में मदद मिल सकती है.
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स्पेशल इफेक्ट्स की पहचान: आवाज में स्पेशल इफेक्ट्स की पहचान करने के लिए भी विशेष तकनीकें उपयोगी हो सकती है, जैसे कि स्पेशल इफेक्ट्स के संकेत और सूचनाएं.
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आवाज की उपस्थिति और अनुभूति की जांच: आवाज की रिकॉर्डिंग में अव्यवस्थितता, संग्रहण विफलता या अन्य समस्याएं हो सकती हैं, जिनका पता लगाने के लिए जांच की जाती है.