Lucknow News: भारत और रूस की दोस्ती की कहानी के आज की नहीं है बल्कि कई साल पुरानी है. दोनों देशों ने एक दूसरे का साथ हर मुश्किल वक्त में दिया है. 13 अप्रैल 1947 को रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) और भारत ने आधिकारिक तौर पर दिल्ली में मिशन स्थापित करने का फैसला लिया था. दोनों देशों के बीच शुरू हुआ दोस्ती का यह सिलसिला आज 75 साल बाद भी जारी है. भले आज भारत अमेरिका के ज्यादा करीब दिखता हो पर रूस हमेशा भारत का सच्चा दोस्त साबित हुआ है. वहीं राजधानी लखनऊ में भी भारत-रूस दोस्ती की एक ऐसी ही मिशाल देखी जा सकती है.
बता दें कि लखनऊ के राज्य संग्रहालय में रूसी विमान राजहंस टी यू 124 रखा हुआ है, जो कि कई सालों से लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. इसके इतिहास पर नजर डालें तो रूसी विमान राजहंस टीयू 124 को सोवियत संघ ने भारत सरकार को सौंपा था.यह विमान रूस और भारत की दोस्ती का प्रतीक भी है. यह विमान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे वीवीआईपी इस्तेमाल करते थें. इस विमान को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसे उस समय यूपी के मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह को भेंट कर दिया था.
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यूपी सरकार को भेंट में मिलने के बाद 1981 में इस विमान को दिल्ली से लखनऊ लाया गया. लखनऊ आने के बाद विमान राजधानी के अमौसी एयरपोर्ट पर करीब 3 साल तक वहीं खड़ा रहा. उत्तर प्रदेश के तत्कालिक मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने 1983 में पत्र लिखकर रक्षा मंत्री से खास अनुरोध किया. उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि राजहंस का विमान आकार में काफी बड़ा है, जिससे इसे सड़क से संग्रहालय पहुंचाना में बहुत मुश्किल हो रही है. ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने सेना की मदद से विमान को संग्रहालय तक पहुंचाया. तब से लेकर आज तक संग्रहालय में खड़ा हुआ यह विमान लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. बता दें कि इस रूसी विमान लंबाई में 105 फीट, चौड़ाई में 83 फीट और ऊंचाई में 30 फीट है.