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सुब्रत रॉय: लखनऊ के बैकुंठ धाम में आज होगी सहाराश्री की अंत्येष्टि, पोता देगा मुखाग्नि, कई नेता रहेंगे मौजूद

सहाराश्री के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर बुधवार शाम को लखनऊ पहुंचा, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह से ही लोग इसका इंतजार कर रह थे और जैसे ही सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, भारी संख्या में उनके चाहने वाले लोग सहारा शहर पहुंच गए.

Lucknow News: सहारा समूह के प्रबंध कार्यकर्ता और अध्यक्ष सुब्रत रॉय की अंत्येष्टि गुरुवार को होगी. सहारा शहर से उनके पार्थिव शरीर को सुबह दस बजे रवाना किया जाएगा. सहारा शहर से शव को भैंसाकुंड लाया जाएगा, जहां उन्हें मुखाग्नि दी जाएगी. कहा जा रहा है कि सुब्रत रॉय के 16 वर्षीय पोते बैकुंठ धाम में उनका अंतिम संस्कार करेंगे. सुब्रत रॉय की पत्नी स्वप्ना रॉय और बेटे सुशांतो रॉय और सीमांतो के विदेश में होने के कारण अंतिम संस्कार में शामिल होने की संभावना नहीं है. ऐसे में सहाराश्री के पोते के ही मुखाग्नि देने की बात कही जा रही है. परिवार के करीबी सदस्यों ने इसकी पुष्टि की है. सहाराश्री के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर बुधवार शाम को लखनऊ पहुंचा, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह से ही लोग इसका इंतजार कर रह थे और जैसे ही सुब्रत रॉय का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, भारी संख्या में उनके चाहने वाले लोग सहारा शहर पहुंच गए. प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल सहित कई बड़े नेता और चर्चित हस्तियां उनके अंतिम दर्शन के लिए सहारा शहर पहुंचे. भीड़ बढ़ने के ​कारण लोगों की आईडी देखकर उन्हें प्रवेश दिया गया. रॉय के पार्थिव शरीर पर श्रद्धांजलि देने के लिए देर रात तक लोग उमड़ते रहे. जाड़ा होने के बावजूद लोग कतारबद्ध होकर अपने सहाराश्री के अंतिम दर्शन करते दिखे. गुरुवार को लखनऊ भैसाकुंड में सहाराश्री का अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस बैंकुठ धाम की दशा सुधारने का काम सहारा ने किया है. आज वहीं पर सहाराश्री की अंत्येष्टि की जाएगी. इस दौरान परिजन, कई वीआईपी, करीबी मित्र, सहारा कार्यकर्ता सहित भारी संख्या में लोगों की भीड़ पहुंचने की संभावना है. इसे लेकर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं.

वीआईपी लोगों ने इस तरह सहाराश्री को किया याद

लखनऊ में सहारा शहर में सुब्रत रॉय के अंतिम दर्शन करने के बाद यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सहारा प्रमुख ने अपने जीवन काल में उत्तर प्रदेश में बहुत बड़ा कारोबार खड़ा किया. वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे. लेकिन, आज वे हमारे बीच में नहीं है. सपा अध्यक्ष अखिलेश ने कहा कि सहाराश्री सुब्रत रॉय का निधन उत्तर प्रदेश और देश के लिए भावात्मक क्षति हैं क्योंकि वो एक अति सफल व्यवसायी के साथ-साथ एक ऐसे अति संवेदनशील विशाल हृदयवाले व्यक्ति भी थे जिन्होंने अनगिनत लोगों की सहायता की उनका सहारा बने. सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि सहाराश्री सुब्रत राय का जाना अपूरणीय क्षति है. शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्य कभी भुलाए नहीं जा सकते.

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मुंबई से विशेष विमान से लखनऊ लाया गया पार्थिव शरीर

मुम्बई के एक अस्पताल में मंगलवार रात सुब्रत राय का 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. उनके निधन की सूचना पर सहारा परिवार के लोगों में शोक की लहर दौड़ गई. बुधवार दोपहर बाद चार्टर के जरिए उनके पार्थिव शरीर को चौधरी चरण सिंह अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लाया गया. जहां पहले से ही उनके परिजन मौजूद थे. शाम 4.10 बजे अमौसी एयरपोर्ट पर चार्टर उतरा, जहां एयरपोर्ट प्रशासन की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे. शाम 4.35 बजे वाहनों के काफिले के बीच पार्थिव शरीर को शहीद पथ के रास्ते सहारा शहर के लिए रवाना कर दिया गया. गोमतीनगर स्थित सहारा शहर में पहले से ही अंतिम दर्शन करने वालों की भीड़ उमड़ी हुई थी. शाम 5.12 बजे पार्थिव शरीर उनके आवास पर पहुंचा, जिसके बाद मुख्य गेट पर सिक्योरिटी व आईडी जांच के बाद लोगों को अंदर भेजा गया. जहां उनके आवास पर दर्शन करने वालों को कतारों में लगवाया गया था.

देर रात तक अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी लोगों की भीड़

सहारा परिवार से जुड़े कर्मचारी व अधिकारी बड़ी संख्या में सहारा शहर पहुंचे हुए थे. जहां उनके पार्थिक शरीर के दर्शन के दौरान लोगों की आंखें नम भी हो गईं. दर्शन करने वालों में युवाओं से लेकर उम्रदराज लोग व महिलाएं तक शामिल रहीं. लोग सहाराश्री से जुड़े किस्सों को भी एक-दूसरे से साझा करते नजर आए. सहारा शहर से पार्थिव शरीर तक की दूरी काफी होने की वजह से लोगों की सुविधा के लिए पिकअप वाहन लगवाया गया. मुख्य गेट से लोगों को वाहनों से दर्शन के लिए ले जाया गया. पंडाल भी लगवाए गए थे तथा लोगों के लिए चाय-पानी की व्यवस्था थी. देर रात तक लोग दर्शन करने के लिए उमड़े रहे.

सभी दलों के नेता अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे

सहाराश्री के पार्थिव शरीर के दर्शन के लिए सहारा परिवार से जुड़े लोगों के साथ-साथ वीआईपी भी उपस्थित रहे. इसमें उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल, सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, पूर्व मंत्री अरविंद सिंह गोप, अभिषेक मिश्र, सपा एमएलसी राजेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता अनिल दुबे, राजद प्रदेश अध्यक्ष अशोक सिंह, कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्र सहित अम्मार रिजवी, सांसद नरेश अग्रवाल, मंत्री नितिन अग्रवाल शामिल रहे.

इस वजह से कानूनी विवाद में फंसे सुब्रत रॉय

सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को अपने समूह की कंपनियों के संबंध में कई नियामक और कानूनी लड़ाइयों का सामना करना पड़ा, जिन पर बहु-स्तरीय विपणन योजनाएं बनाने के लिए नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगाया गया था. वर्ष 2010 में एक शख्स ने नेशनल हाउसिंग बैंक को चिट्ठी लिखकर सहारा ग्रुप की दो कंपनियों की ओर से जारी बॉन्ड्स की जांच करने का अनुरोध किया था. इसमें आरोप लगाया गया था बॉन्ड्स को नियमों के अनुसार जारी नहीं किया गया.

सेबी के एक्शन के बाद सहारा समूह पर कसा शिकंजा

नेशनल हाउसिंग बैंक ने ये जानकारी सेबी को दी थी. जिसके बाद सेबी ने जांच करते हुए 2011 में सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईसीएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था. नियामक ने फैसला दिया था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा था, जिसमें दोनों कंपनियों को निवेशकों से लिए गए धन को 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने के लिए कहा गया था. अंततः सहारा को निवेशकों को रिफंड के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपए जमा करने के लिए कहा गया.

सहारा की ओर से किए दावे

दूसरी ओर सहारा समूह ने हमेशा कहा कि यह दोहरा भुगतान है क्योंकि वह पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को रकम सीधे वापस कर चुका है. कोर्ट ने सुब्रत रॉय को जेल भेज दिया था क्योंकि कथित तौर पर सहारा ग्रुप की कंपनियां निवेशकों को भुगतान करने में विफल रही थीं. उन्होंने लगभग दो साल जेल में बिताए. 2017 से वह पेरोल पर बाहर थे. इसके कुछ समय बाद उनकी तबीयत खराब होती चली गई. बाद में मंगलवार रात मुंबई के अस्पताल में सहाराश्री ने अंतिम सांस ली.

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