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संगीनों के साए में सजी संजीव उर्फ जीवा की चिता, अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों का जमा कराया पहचान पत्र

बुधवार को लखनऊ कोर्ट में हुई मुख्तार के करीबी गैंगस्टर संजीव उर्फ जीवा की हत्या के बाद उसका अंतिम संस्कार गुरुवार को शामली में कर दिया गया.उसका शव पैतृक गांव पहुंचा जहां बेटे ने जीवा को मुखाग्नि दी.

लखनऊ.बुधवार को लखनऊ कोर्ट में हुई मुख्तार के करीबी गैंगस्टर संजीव उर्फ जीवा की हत्या के बाद उसका गुरुवार को शामली में अंतिम संस्कार कर दिया गया.उसका शव पैतृक गांव पहुंचा जहां बेटे ने जीवा को मुखाग्नि दी.संजीव महेश्वरी जीवा की 7 जून को लखनऊ की एक अदालत में प्रवेश करते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कुख्यात संजीव जीवा का शव दोपहर पौने तीन बजे पैतृक गांव आदमपुर में पहुंचा. मुखाग्नि बेटे तुषार ने दी. पायल माहेश्वरी नहीं पहुंची. इस दौरान कई थानों की पुलिस मौजूद रही. पुलिस ने चुनिंदा लोगों को ही अंतिम संस्कार में शामिल होने अनुमति दी थी.

शव पहुंचने से पहले पहुंचे रिश्तेदार

गैंगस्टर संजीव उर्फ जीवा की हत्या के बाद रिश्तेदारों को जब पता चला कि अंतिम संस्कार गांव आदमपुर में होगा तो वह वहां जुटना शुरू हो गए थे. वे गांव में संजीव का शव पहुंचने से पहले ही पहुंच गए थे. पुलिस एसपी ओपी सिंह के साथ कई थानों की फोर्स भी गांव में तैनात कर दी गई थी.पुलिस ने अंतिम संस्कार में कौन-शामिल होगा कौन नहीं यह भी पहले तय कर सूची तैयार कर ली थी. पौने चार बजे शव का अंतिम संस्कार कर दिया.लोगों में पुलिस-प्रशासन के प्रति गुस्सा था. आइकार्ड – आधार लेने के बाद अंतिम संस्कार में शामिल होने दिया था.

पति का आखिरी बार चेहरा नहीं देख सकी जीवा की पत्नी 

गैंगस्टर संजीव उर्फ जीवा की पत्नी पायल माहेश्वरी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सकी. अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी लेकिन कोर्ट ने पति के अंतिम संस्कार में शामिल होने की याचिका पर सुनवाई की तारीख नौ जून तय कर दी. पायल ने पति के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की गुहार लगायी थी. जस्टिस अनिरुद्ध बोस और राजेश बिंदल की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि वे इस मामले की सुनवाई शुक्रवार, 9 जून को करेंगे. हालांकि अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) गरिमा प्रसाद ने पीठ को बताया कि पायल संजीव जीवा के अंतिम संस्कार में शामिल हो सकती हैं और राज्य मानवीय आधार पर याचिका का विरोध नहीं कर रहा है.

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