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Uttar Pradesh: कोरोना काल में ली गई स्कूल फीस का 15 प्रतिशत होगा वापस, योगी आदित्यनाथ सरकार ने जारी किया आदेश

कोरोना संक्रमण काल में स्कूलों की ओर से वसूली जा रही फीस माफ किए जाने को लेकर अभिभावक हाई कोर्ट पहुंचे थे. इस पर कोर्ट ने 15 प्रतिशत फीस समायोजित करने का आदेश दिया था. इसी के मद्देनजर योगी आदित्यनाथ सरकार ने आदेश जारी कर दिया है.

Lucknow: प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने काल संक्रमण के दौरान ली गई स्कूल फीस की 15 प्रतिशत धनराशि वापस करने को लेकर आदेश जारी कर दिया है. अभिभावकों को इससे बड़ी राहत मिलेगी. इसमें कहा गया है कि अगर विद्यार्थी उसी स्कूल में पढ़ रहे हैं तो फिर फीस समायोजित की जाएगी और अगर किसी छात्र ने स्कूल छोड़ दिया है तो उसे फीस वापस करनी होगी.

वर्तमान शैक्षिक सत्र की फीस में करना होगा समायोजन

योगी आदित्यनाथ सरकार का यह आदेश प्रदेश में संचालित सभी बोर्ड के सभी विद्यालयों पर लागू होगा. इसके मुताबिक 27 अप्रैल 2020 को जारी किए गए शासनादेश द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार शैक्षिक सत्र 2020-21 में लिए गए शुल्क की 15 प्रतिशत धनराशि अभिभावकों को लौटानी होगी. स्कूल मैनेजमेंट को यह धनराशि वर्तमान शैक्षिक सत्र की फीस में समायोजित करनी होगी.

अगर कोई छात्र स्कूल छोड़कर जा चुका है तो स्कूल मैनेजमेंट संबंधित अभिभावक को यह धनराशि वापस करेगा. इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के क्रम में माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है. इस शासनादेश का सख्ती से अनुपालन कराने का निर्देश दिया गया है.

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लॉकडाउन में फीस नहीं बढ़ाने का दिया था निर्देश

दरअसल कोरोना महामारी के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने 27 अप्रैल 2020 को शासनादेश जारी कर स्कूलों को शैक्षिक सत्र 2020-21 में फीस नहीं बढ़ाने का निर्देश दिया था. स्कूल प्रबंधन से कहा गया था कि वे शैक्षिक सत्र 2019-20 में नए प्रवेश और प्रत्येक कक्षा के लिए लागू की गई शुल्क संरचना के अनुसार ही सत्र 2020-21 में छात्र-छात्राओं से शुल्क लें.

शासनादेश में यह भी कहा गया था कि यदि किसी विद्यालय ने सत्र 2020-21 में शुल्क वृद्धि करते हुए बढ़ी हुई दर से फीस ले ली है तो बढ़े हुए अतिरिक्त शुल्क को आगामी महीनों के शुल्क में समायोजित किया जाए.

अभिभावकों ने ली थी हाईकोर्ट की शरण

कोरोना संक्रमण काल में स्कूलों की ओर से वसूली जा रही फीस को माफ किए जाने को लेकर अभिभावकों की ओर से कई याचिकाएं इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल की गई थीं. इनमें कहा गया था कि लॉकडाउन के कारण छात्र स्कूल नहीं जा सके, सिर्फ ऑनलाइन पढ़ाई हुई. ऐसे में स्कूलों के तमाम खर्च बचने के बावजूद उन्होंने छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं के नाम पर फीस वसूली थी.

हाईकोर्ट ने अभिभावकों को दी थी राहत

हाई कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए 6 जनवरी 2023 को आदेश जारी किया था. इसमें स्कूल मैनेजमेंट को सत्र 2020-21 की 15 प्रतिशत फीस भविष्य में समायोजित करने का आदेश दिया था. वहीं पढ़ाई पूरी करने के बाद स्कूल छोड़कर जाने वाले छात्रों को यह रकम वापस करने को भी कहा गया था.

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