Lucknow News: राजधानी लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ओबीसी वर्ग के कार्यक्रम के दौरान मारपीट हो गई. सपा कार्यकर्ताओं ने एक युवक को जमकर पीटा. युवक पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर जूता फेंकने का आरेाप है. घटना के बाद आयोजन में हंगामे की स्थिति हो गई.
बताया जा रहा है कि आरोपी युवक वकील की वेशभूषा में कार्यक्रम में पहुंचा था. उसको पुलिस ने कार्यकर्ताओं से बचाकर अपनी कस्टडी में लिया है. युवक का नाम आकाश सैनी बताया जा रहा है. पुलिस कस्टडी में उसने कहा कि हम पूजा-पाठ करने वाले हैं.
लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ओबीसी वर्ग के कार्यक्रम के दौरान मारपीट हो गई. सपा कार्यकर्ताओं ने एक युवक को जमकर पीटा. युवक पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने का आरोप है.@SwamiPMaurya #SamajwadiParty #Lucknow pic.twitter.com/58qiXuIXTr
— sanjay singh (@sanjay_media) August 21, 2023
राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पिछड़ा वर्ग के महापुरुषों पर चर्चा के लिए आज महासम्मेलन रखा गया है. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी कार्यक्रम में शामिल होना है. वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य महासम्मेलन में पहुंचे थे. यहां ओबीसी समाज के महापुरुषों के राजनीतिक परिवेश पर चर्चा होनी थी.
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सपा ने सम्मेलन में मौर्य, कुशवाहा, शाक्य, सैनी और बिंद समाज के पूर्व मंत्रियों, विधायक, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों और पूर्व राज्यसभा सांसदों को बुलाया गया था. यहां भीड़ में एक युवक वकील की ड्रेस में मौजूद था. आरोप है कि उसने स्वामी प्रसाद पर जूता फेंका. इससे नाराज होकर कार्यकर्ताओं ने उसको पकड़ लिया और मारपीट की.
पुलिस ने तत्काल पहुंचकर आकाश को कार्यकर्ताओं से छुड़ाया और अपनी कस्टडी में लिया. आरोपी युवक ने फिलहाल पूछताछ में इतना बताया कि वह पूजा पाठ करने वाले है. इसके बाद पुलिस उसको ऑटो में लेकर परिसर से निकल गई. पुलिस के मुताबिक मामले की जांच पड़ताल की जा रही है.
इस बीच समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंके जाने की घटना पर अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास (Mahant Rajudas) ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने घटना पर खुशी जताई और युवक को ऐसा करने के लिए धन्यवाद दिया.
स्वामी प्रसाद मौर्य अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं. कई बार बयानों की वजह से वो विवादों में भी घिरे हैं. करीब तीन दशक से राजनीति में सक्रिय मौर्य बसपा और भाजपा का सफर तय करते हुए समाजवादी पार्टी में पहुंचे हैं. वह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं.
महंत राजूदास ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता चलाने वाले युवक को साधुवाद दिया है. उन्होंने कहा, ‘निवेदन करता हूं, एक तरफ सपा के नेता ये कहते हैं कि हम सभी धर्म, सभी संप्रदाय, भी मत-मतांतर को मानते हैं और किसी से भेदभाव नहीं करते हैं, लेकिन उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता रोज-रोज सनातन धर्म को टारगेट करते हैं, सनातन धर्म को गाली देते हैं. एक तरफ डॉ. राम मनोहर लोहिया जी रामायण मेले की शुरुआत करते हैं दूसरी तरफ सपा नेता जिस प्रकार रामचरित मानस पर बैन लगाने और सनातन धर्म को गाली देना ये सब रोज का है, तो सनातनी कब तक इसे बर्दाश्त करेगा’.
महंत राजूदास ने सपा अध्यक्ष पर भी निशाना साधते हुए विवादित बयान दिया. उन्हों कहा कि अभी तो स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता चला है, आने वाले दिनों में अखिलेश यादव भी जूते से पीटे जाएंगे, क्योंकि उनकी पार्टी के नेता रोज-रोज सनातन को गाली देते हैं और अखिलेश यादव उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर राजू दास की अभद्र टिप्पणी के बाद पार्टी नेता भड़क गए. पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय ने कहा कि महंत संत रामदास के खानसमा राजू दास अपनी हैसियत में रहे. सस्ती लोकप्रिय लेने के लिए हमारे नेता और इस प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पर अभद्र टिप्पणी न करें. भगवा पहन लेने से कोई संत नहीं हो जाता. कोई महात्मा नहीं हो जाता. उन्होंने कहा कि संत महात्मा बनने के लिए आचरण को अच्छा करना होता है. खानसामे राजूदास का चरित्र कैसा है, इसकी एक मेडिकल जांच रिपोर्ट जिला अस्पताल में है. हम लोगों ने बोल दिया तो वो किसी को अपना चेहरा दिखाने के लायक नहीं रहेंगे. चेतावनी देते हुए पवन पांडेय ने कहा अखिलेश यादव की तरफ उंगली उठाने की हैसियत उनकी नहीं है. वे अपने हद में रहकर बयान बाजी करें.
भाजपा के हिंदुत्व के मुद्दे की स्वामी प्रसाद मौर्य आलोचना करते रहते हैं. उन्होंने बीते दिनों मथुरा की एक घटना को लेकर भी कटाक्ष किया और कहा कि साधु-संतों का असली चेहरा एक-एक करके उजागर हो रहा है, मथुरा में पांच साल के बच्चे को पटक-पटक कर निर्मम हत्या कर दी. इनको साधु कहेंगे या हत्यारा व अपराधी.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीते दिनों कहा कि क्या दलितों, आदिवासियों व पिछड़ो को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर अपमानित करना ही धर्माचारियों का शगल बन गया है. अब समय आ गया है, ऐसे पाखंडियो-ढोंगियों से दूरी बनाये और अपने सम्मान को बचाएं.
वहीं उन्होंने आरोप लगाया कि आरक्षण नियमों की लगातार धज्जियां उड़ाई जा रही है. सपा नेता ने कहा कि कभी ओबीसी का कोटा तो कभी एससी का कोटा शून्य किया जाता है, तो कभी एसटी का और अब फिर ओबीसी का कोटा भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में पीएचडी के चयन में शून्य कर दिया गया, जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि संविधान की कसम खाने वाले लोगों को यदि थोड़ा भी शर्म है तो कम से कम संविधान का सम्मान करते हुए आरक्षण नियमों से खिलवाड़ न करें.