16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उत्तर प्रदेश में सपा का ‘बिजली व्रत’, अखिलेश यादव ने पार्टी के नेता-कार्यकर्ता और शुभचिंतकों बड़ी अपील

उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव ने कहा है कि सपा ‘बिजली व्रत’ करेगी और जनता का साथ देगी. बता दें कि बिजली कंपनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के चयन तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मियों ने गुरुवार की रात से तीन दिन हड़ताल शुरू की है.

लखनऊ. उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मियों की गुरुवार की रात से जारी हड़ताल के कारण रविवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी के नेता-कार्यकर्ता और शुभचिंतकों से बिजली के वैकल्पिक साधनों का उपयोग नहीं करने की अपील की है. अखिलेश यादव ने कहा है कि सपा ‘बिजली व्रत’ करेगी और जनता का साथ देगी. बता दें कि बिजली कंपनियों में चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के चयन तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर उत्तर प्रदेश के विद्युत कर्मियों ने गुरुवार की रात से तीन दिन हड़ताल शुरू की है.

सपा करेगी ‘बिजली व्रत’

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता जिस तरह बिजली संकट से जूझ रही है, उसे देखते हुए हम यह अपील करते हैं कि सपा के नेतागण, कार्यकर्ता व शुभचिंतक बिजली आपूर्ति सामान्य होने तक इन्वर्टर या जेनरेटर जैसे बिजली के वैकल्पिक साधनों का व्यक्तिगत रूप से उपयोग ना करें. उन्होंने आगे लिखा है कि सपा ‘बिजली-व्रत’ करेगी और जनता का साथ देगी. इस बीच राज्‍यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी और उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ ने संयुक्‍त रूप से प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा को पत्र लिखकर सुझाव दिया है.

Also Read: UP Weather: अगले 24 घंटे में यूपी के इन जिलों में ओलावृष्टि और बारिश की चेतावनी, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
पत्र लिखकर कांग्रेस नेता ने दिया सुझाव

पत्र में लिखा है कि इसे प्रतिष्ठा का प्रश्‍न न बनाकर तत्काल बिजली विभाग के हड़ताली कर्मचारियों से वार्ता करनी चाहिए. अतीत में जो समझौते हुये हैं उनका अनुपालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए. क्‍योंकि मंत्री व अधिकारी बदलते रहते हैं. लेकिन, सरकार एक सतत व निरंतर प्रक्रिया है. तिवारी और मिश्रा ने रविवार को जारी एक साझा बयान में यह जानकारी दी. यह आम चर्चा थी कि बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. इससे बिजली विभाग के कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना जागृत हुई है. हमारा सुझाव है कि बिजली विभाग का निजीकरण न किया जाए, क्योंकि जिन-जिन राज्यों में बिजली विभाग का निजीकरण हो रहा है. वहां उपभोक्ताओं के लिये बिजली महंगी हो जाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें