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Ayodhya: पीएम मोदी क्यों पहुंचे निषाद परिवार के घर? जानिए कौन हैं मीरा मांझी

पीएम मोदी ने अयोध्या में निषाद परिवार के घर पहुंचे. वहां उन्होंने उज्ज्वला योजना के संबंध में जानकारी ली. पीएम मोदी ने प्रभु रामलला की नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भी दिया. श्रृंगवेरपुर के राजा निषादराज को प्रभु श्रीराम का मित्र कहा जाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) शनिवार को अयोध्या (Ayodhya) में महर्षि वाल्मिकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Maharishi Valmiki International Airport) और रेलवे स्टेशन (Ayodhya Dham Railway Station) का शिलान्यास (Inauguration) किया. पीएम मोदी ने रोड-शो भी किया, जहां राम पथ मार्ग पर लोक कला और सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से उनका भव्य स्वागत किया गया. इस दौरान पीएम मोदी ने निषाद परिवार (Nishad Family) के घर पहुंचे. वहां उन्होंने उज्ज्वला योजना (Ujjwala Yojana) के संबंध में जानकारी ली. पीएम मोदी ने प्रभु रामलला की नए मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भी दिया. श्रृंगवेरपुर (Shringverpur) के राजा निषादराज (King Nishadraj) को प्रभु श्रीराम (Prabhu Shri Ram) का मित्र (Friends) कहा जाता है. प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण को चौदह वर्ष के वनवास के दौरान निषादराज ने ही अपने नाव से गंगा पार करवाया था. भगवान राम लंका विजय से लौटने के बाद राज्याभिषेक कार्यक्रम में निषादराज को भी आमंत्रण भेजा गया था. कहते हैं कि भगवान राम ने इसके लिए भाई भरत को विशेष निर्देश दिए थे. उन्हें अपना अभिन्न मित्र बताया था. ऐसे में अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन समारोह और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का न्यौता लेकर निषादराज के यहां स्वयं प्रधानमंत्री पहुंचे.इसे राजनीतिक रूप से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पीएम नरेंद्र मोदी ने निषाद परिवार महिला मीरा (Meera) से मुलाकात कर उज्ज्वला योजना के बारे में भी जाना और चाय पीया. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर मीरा ने कहा कि मुझे एक घंटे पहले जानकारी दी गई थी कि कोई नेता हमारे घर आएंगे.

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यकीन ही नहीं हुआ कि हमारे घर पीएम मोदी आए हैं- मीरा

हालांकि, यह नहीं बताया गया था कि कौन आ रहे हैं. हमें बताया गया कि वे हमारे यहां खाना खा सकते हैं. हमने खाना तैयार कर लिया था. पीएम नरेंद्र मोदी आए तो यहां भारी भीड़ जमा हो गई. मुझे तो यकीन ही नहीं हुआ कि हमारे घर प्रधानमंत्री पधारे हैं. उनको देखकर काफी अच्छा लगा. मीरा ने उनके साथ बातचीत की. प्रधानमंत्री ने मीरा से पूछा कि क्या आपने अपना घर अपने मन मुताबिक बनवाया? मीरा ने कहा कि हमने अपना घर अपने मन से बनवाया है. इसके बाद परिवार के संबंध में पूछा. मीरा ने कहा कि राम मंदिर बन गया है. अब अधिक लोग आएंगे. अब कमाई ज्यादा होगी. हम अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और जीवन दे पाएंगे. पीएम मोदी ने उनसे पूछा था कि आपको और कौनसी योजनाओं का लाभ मिला है. इस पर मीरा ने बताया कि उन्हें आवास, उज्ज्वला, राशन, पानी, बिजली समेत कई योजनाओं का लाभ बिना किसी भेदभाव और किसी को रिश्वत दिए मिला है.

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मीरा को शाम को ही मिल गया आयुष्मान कार्ड

बता दें कि पीएम मोदी का मीरा के घर जाना उनके जीवन में बड़ी खुशियां लेकर आया है. मीरा ने पीएम को चाय पिलाई तो शाम को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल और जिलाधिकारी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत आयुष्मान कार्ड लेकर उसके घर पहुंच गए. कमिश्नर गौरव दयाल ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को निर्देश जारी हुआ कि मीरा को मुख्यमंत्री जन आरोग्य बीमा योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड प्रदान किया जाए. इस संबंध में उनकी ओर से आयुष्मान कार्ड लेकर लेकर मीरा के घर पहुंचे थे.

प्रयागराज के बगल में है श्रृंगवेरपुर

बता दें कि वनवास के दौरान भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और सीता को जिस केवट ने गंगा नदी को पार करवाया था, वे श्रृंगवेरपुर राजा निषादराज थे. प्रयागराज से 40 किलोमीटर की दूरी पर श्रृंगवेरपुर स्थित है. रामायण में इस स्थान का वर्णन निशादराज के साम्राज्य की राजधानी के रूप मे किया गया है. श्रृंगवेरपुर में खनन के दौरान यहां एक श्रृंगी ऋषि का मंदिर मिला था. ऐसा माना जाता है कि इस शहर को उन्हीं ऋषि के नाम से जाना जाता है. रामायण में इस बात का भी उल्लेख है कि श्रृंगवेरपुर में प्रभु श्रीराम ने भाई लक्ष्मण व पत्नी सीता के साथ वन जाने के दौरान एक रात बिताई थी. क्योंकि केवट ने उन्हें गंगा नदी पार कराने से इंकार कर दिया था. जिसके बाद स्वयं निशादराज इस समस्या का हल निकालने के लिए आए थे. निशादराज ने यह शर्त रखी कि प्रभु श्रीराम को तभी नदी पार करवाएंगे जब वह अपने चरणों को धोने की अनुमति देंगे.

तब भगवान राम ने उसे अनुमति दे दी. उसने प्रभु श्रीराम के चरण गंगा नदी के पानी से धोए और उसी को पीकर उनके प्रति अपनी श्रद्धा को दर्शाया था. जिस स्थान पर निशादराज ने प्रभु श्रीराम के पैरों को धोया था, वह एक मंच द्वारा चिह्नित किया गया है. इस घटना से जोड़ने के लिए इस स्थान का नाम ‘रामचुरा’ रखा गया है. इस स्थल पर एक छोटा मंदिर भी मौजूद है. हालांकि इस मंदिर का कोई ऐतिहासिक या सांस्कृतिक महत्व नहीं है, परंतु यह जगह बहुत ही शांत है और घूमने योग्य है.

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