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अयोध्या राम मंदिर: रामलला के विग्रह का 15 दिसंबर को समिति करेगी चयन, पीएम मोदी सबसे पहले जाएंगे जटायु मंदिर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पहुंचने के बाद सबसे पहले जटायु मंदिर जाएंगे. ये मंदिर राम मंदिर आंदोलन से जुड़े उन कारसेवकों, शहीदों के प्रतीक हैं, जिन्होंने भगवान के कार्य के लिए अपना जीवन लगा दिया.

Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से जारी है. इस काम में जुटे कारीगर अपनी अथक मेहनत से प्राण प्रतिष्ठा की तारीख 22 जनवरी 2024 से पहले सभी काम पूरा करने में जुटे हुए हैं. वहीं श्रीराम जन्भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी आयोजन से संबंधित सभी तैयारियों का जायजा ले रहे हैं. बताया जा रहा है कि रामलला की तीनों मूर्तियां 15 दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएंंगी. मंदिर न्यास की धार्मिक समिति इसी दिन गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठा करने के लिए इनमें से सर्वश्रेष्ठ मूर्ति का चयन करेगी. इसके बाद 17 जनवरी को रामलला की अचल मूर्ति की भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी. इसे देखने के लिए अयोध्या में भारी भीड़ जुटने की संभावना है. इसके बाद रामलला के विग्रह को राम जन्मभूमि परिसर में स्थापित किया जाएगा. बताया जा रहा है कि 22 जनवरी को अभिजीत मुहूर्त मृगषिरा नक्षत्र में दोपहर 12:20 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इसके साथ ही श्रीराम जन्मभूमि परिसर में नवनिर्मित राममंदिर में रामलला के नए विग्रह की पहली आरती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही उतारेंगे. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य खास मेहमान मौजूद रहेंगे.

शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती के मार्गदर्शन में आचार्यों की टोली का चयन

रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की जिम्मेदारी काशी के वैदिक ब्राह्मणों को सौंपी गई है. काशी के मुख्य आचार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मृगशिरा नक्षत्र में मूर्ति स्थापित कराएंगे. इसके लिए वह पहले ही काशी से अयोध्या पहुंच जाएंगे. इस तरह रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह दो वैदिक धार्मिक नगरों को एक दूसरे से जोड़ता नजर आएगा. श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया कि काशी के शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती के मार्गदर्शन में आचार्यों की टोली का चयन हुआ है. काशी के वैदिक विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित प्रमुख आचार्य रहेंगे. उनके साथ डेढ़ सौ पंडितों की टोली रहेगी. विभिन्न पारायण, पाठ, यज्ञ आदि करेगी. काशी के ही प्रसिद्ध वैदिक विद्वान गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ की निगरानी में सारे अनुष्ठान होंगे.

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जटायु मंदिर इस वजह से है बेहद खास

गोविंद देवगिरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पहुंचने के बाद सबसे पहले जटायु मंदिर जाएंगे. ये मंदिर राम मंदिर आंदोलन से जुड़े उन कारसेवकों, शहीदों के प्रतीक हैं, जिन्होंने भगवान के कार्य के लिए अपना जीवन लगा दिया. उन सबके प्रतिनिधि के रूप में जटायु को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इसके बाद वे प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. अयोध्या में रामलला की मूर्ति के साथ ही रामायण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले दिव्य पक्षी जटायु की मूर्ति का निर्माण कराया गया है. जटायु की मूर्ति कुबेर टीला पर पौराणिक गिद्ध के मंदिर में स्थापित की जाएगी. श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों के मुताबिक जटायु को सम्मान देना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन राम भक्तों की याद का भी प्रतीक है, जिन्होंने राम मंदिर को उसी स्थान पर बहाल करने के लिए संघर्ष के दौरान अपने जीवन का बलिदान दिया था.

इन खास लोगों को भी गया आमंत्रित

इस बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन और उद्योगपति मुकेश अंबानी सहित अन्य खास लोगों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है. बताया जा रहा है कि भगवान राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल और देवी सीता की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया को भी इस आयोजन में शामिल होने के लिए आमंत्रण भेजा गया है. इनके अलावा 1990 के राम मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले 50 कारसेवकों के परिवारों को भी बुलाया गया है. कई पत्रकारों, पूर्व सैन्य अधिकारियों, सेवानिवृत्त सिविल सेवकों, वकीलों और पद्म पुरस्कार विजेताओं को भी आमंत्रित किया गया है.

अहमदाबाद से विशेष वाहन से भेजे जाएंगे राम मंदिर के ध्वज स्तंभ

इस बीच राम मंदिर के शीर्ष पर लगने वाले ध्वज स्तंभ जल्द ही गुजरात से अयोध्या भेजे जाएंगे. अहमदाबाद में मंदिर के सात ध्वज स्तंभ बनाए जा रहे हैं. अहमदाबाद की श्री अंबिका इंजीनियरिंग वर्क्स कंपनी सात ध्वज स्तंभों का निर्माण कर रही है. कंपनी के अनुसार इनका कुल वजन लगभग 5500 किलोग्राम है, जिसमें मुख्य ध्वज स्तंभ भी शामिल है. बताया जा रहा है कि इन ध्वज स्तंभों को अगले कुछ दिनों में तैयार कर लिए जाने की उम्मीद है. इसके बाद इन्हें विशेष वाहन से अयोध्या पहुंचाया जाएगा. ये ध्वज स्तंभ पीतल से तैयार किए गए हैं. यह एक अनोखा एंटीना है जो ब्रह्मांड की ऊर्जा को भगवान के गर्भगृह तक ले जाता है. ध्वज स्तंभ 44 फीट लंबा है, जिसका व्यास 9 इंच और दीवार की मोटाई 1 इंच है.

20 एकड़ में स्थापित टेंट सिटी होगी बेहद खास

प्राधिकरण की ओर से विभिन्न स्थानों पर टेंट सिटी का निर्माण कराया जा रहा है. इनमें ठहरने और भोजन की उत्तम व्यवस्था होगी. विकास प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र सिंह के मुताबिक माझा गुप्तार घाट में 20 एकड़ भूमि में टेंट सिटी बेहद खास होगी. इसमें लगभग 20 से 25 हजार श्रद्धालुओं के रहने की व्यवस्था की जा रही है. अयोध्या धाम में ब्रह्मकुंड के पास भी एक टेंट सिटी स्थापित की जा रही है. इसमें 35 टेंट लगेंगे, जिसमें लगभग 30 हजार श्रद्धालुओं के रुकने की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने बताया कि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से बाग बिजेसी में 25 एकड़ भूमि में टेंट सिटी स्थापित की जा रही है, जिसमें लगभग 25 हजार लोगों के रुकने की व्यवस्था हो सकेगी. इसके अलावा कार सेवकपुरम व मणिराम दास की छावनी में भी श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए टेंट सिटी स्थापित की जाएगी.

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