Taj Mahal Controversy: ताजमहल के 22 कमरों को खोलने को लेकर याचिका को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने सर्वे की मांग खरिज करते हुए कहा कि ऐसी याचिकाओं पर विचार नहीं कर सकते. हाईकोर्ट ने कहा कि फैक्ट फाइंडिग कमेटी नहीं बना सकते है. बता दें कि सुनवाई के दौरान जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाई. उन्होंने जनहित याचिका की व्यवस्था का दुरुपयोग न करने की बात कही. यह भी कहा कि कल आप आएंगे और कहेंगे कि हमें माननीय जज के चेंबर में जाने की इजाजत चाहिए.
Lucknow bench of Allahabad High Court rejects petition seeking to open 22 closed doors in Taj Mahal. pic.twitter.com/rEe3U65xwy
— ANI (@ANI) May 12, 2022
बता दें कि ताजमहल की सुनवाई को लेकर हाइकोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई है. जज डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता से कहा कि पहले रिसर्च करो कि ताजमहल का निर्माण किसने किया था, पहले इस मसले पर रिसर्च करो. यूनिवर्सिटी जाकर इस विषय पर जानकारी एकत्र करो. पीएचडी करो और यदि कोई रोके तो हमारे पास आना. उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा कि इस विषय पर पहले जानकारी हासिल करो.
दरअसल, ताजमहल में बने 22 कमरों को खोलने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि कई सालों से बंद इन कमरों में हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां और शिलालेख मौजूद हैं. फिलहाल, आज इस याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई चल रही है. वहीं इस मामले को एक नया मोड़ देते हुए भाजपा सांसद ने दिया कुमारी ने बड़ा बयान दिया था. दिया कुमारी ने दावा किया है कि ताजमहल जयपुर राजपरिवार की जमीन पर बना हुआ है. उन्होंने जरुरत पड़ने पर इसके दस्तावेज भी उपलब्ध कराने की बात कही है. बीजेपी सांसद ने ताजमहल के बंद कमरों को खोलकर उनकी जांच कराने की भी मांग की थी.