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बेसिक टीचर्स तबादला नीति के विरोध में लामबंद हो रहे शिक्षक, कोई कोर्ट गया, किसी ने CM तक पहुंचाई शिकायत

इस नीति में 14 साल से एक ही जनपद में कार्य कर रहे शिक्षक स्थानातरण नहीं पा पाएंगे और 2 साल पहले सेवा में आए शिक्षक भारांक के आधार पर तबादला का लाभ ले लेंगे.

लखनऊ . बेसिक शिक्षकों के स्थानांतरण नीति 2023 में सबसे बड़ा दोष यह है कि नीति निर्धारण के बाद हितधारकों के सुझाव-आपत्तियां नही मांगी गई.इस कारण बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक तबादला नीति 2023 थोपी गई नीति है. दूसरा सबसे बड़ा दोष है वरीयता को महत्व न दिया जाना. इस नीति में 14 साल से एक ही जनपद में कार्य कर रहे शिक्षक स्थानातरण नही पा पाएंगे और 2 साल पहले सेवा में आए शिक्षक भारांक के आधार पर तबादला का लाभ ले लेंगे. यह कहना है शाहजहांपुर के पुवायां ब्लॉक के एक उच्च प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षक अश्वनी कुमार का. अश्वनी अकेले शिक्षक नहीं हैं जो बेसिक शिक्षकों के तबादला नीति पर सवाल उठा रहे हैं. प्रत्येक जिले के बीएसए द्वारा असाध्य रोगियों सहित भारांक वालों की सूची सार्वजनिक करने की भी मांग की जा रही है.

कारोबारी- निजी क्षेत्र में नियोजित लोगों में नाराजगी 

शिक्षकों का दावा है कि उच्च न्यायालय कई मामलों में स्पष्ट कर चुका है कि अधिभार का महत्व तभी है जब आधार सामान हो वेटेज के आधार पर कोई मेरिट में सबसे ऊपर नही पहुंच सकता . एक ही जनपद में पति-पत्नी को सेवा करने का अवसर तभी मिलेगा जब वे सरकारी सेवा में कार्यरत हो. यानि जिन शिक्षक -शिक्षिकाओं के पति- पत्नियां निजी क्षेत्र में सेवायोजित हैं वह पिछड़ रही हैं. जिन शिक्षक का पति या पत्नी अथवा बच्चों में कोई असाध्य रोग से पीड़ित है तो उसे 20 अंक का भारांक दिया गया है. विकलांग शिक्षक और महिलाओं को 10 अंक का भारांक दिया गया है. राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को तीन अंक तथा राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को पांच अंक का भारांक देय है.

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फर्जी मेडिकल प्रमाण पत्रों की शिकायत

शिक्षक तबादला नीति को लेकर नाराजगी बढ़ रही है. इस मामले में शिक्षकों ने सीएम पोर्टल और मेल के जरिए शिकायतें की हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय तक शिकायत पहुंची हैं. इस संबंध में भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र भी लिखा है. सोशल मीडिया के जरिए शिक्षक अपनी बात रख रहे हैं. ऐसे सात सवाल उछाले हैं जिनका जवाब विभाग के पास भी अभी नहीं है.03 जून 2023 के मूल जीओ में बाद में फेरबदल किन कारणों से किया गया. वरिष्ठता को प्राथमिकता क्यों नहीं दी गई. तबादलों से दो बार वंचित रखे गए आकांक्षी जिला का ट्रांसफर कोटा दो बार तबादला का लाभ ले चुके जिलों के समान रखकर भेदभाव किया गया है. बेसिक के अध्यापक भी सरकारी कर्मचारी नहीं है,फिर उन्हे अन्य की अपेक्षा वरीयता क्यों दी गई है?

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