Lucknow: उमेश पाल हत्याकांड में घायल गनर राघवेंद्र सिंह की लखनऊ में इलाज के दौरान मौत के बाद परिजनों ने सरकारी नौकरी और एक करोड़ मुआवजा देने की मांग की है. गुरुवार को शहीद के गांव शव रवाना होने से पहले लखनऊ स्थित पुलिस लाइन में उनका पार्थिव शरीर को लाया गया. यहां अंतिम सलामी दी गई. इस दौरान जेसीपी लॉ एंड ऑर्डर, डीसीपी पश्चिम और उत्तरी मौजूद रहे.
उमेश पाल हत्याकांड में शहीद सिपाही राघवेंद्र सिंह रायबरेली जिले के लालगंज कोतवाली क्षेत्र के कोरिहरा गांव का रहने वाला था. राघवेंद्र 2016 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था. शहीद सिपाही का शव गांव में पहुंचने पर जनप्रतिनिधि, अधिकारी और सैकड़ों की संख्या में लोग श्रंद्धाजलि देने के लिए पहुंचे. शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. मृतक राघवेंद्र सिंह की शादी 5 मई हो होनी थी, इससे पहले उमेश पाल हत्याकांड ने उसके और परिवार की खुशियों को छीन लिया. राघवेंद्र के पिता भी पुलिस में थे. अपने पीछे वे परिवार में मां, बहन और भाई को छोड़ गए हैं. बेटे की मौत से परिवार और गांव सभी शोक में हैं.
शहीद की मां अपर्णा सिंह ने मुख्यमंत्री से परिवार को एक करोड़ रुपये के साथ मृतक राघवेंद्र के छोटे भाई, बहन को सरकारी नौकरी की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. मां अपर्णा सिंह ने भावुक होकर कहा कि जिन अपराधियों ने घटना को अंजाम दिया है, उनके सामने पहले उनके बच्चों को काट डाला जाए और उसके बाद अपराधियों को सजा दी जाए. इससे उन्हें पता चले की एक मां को उसके बेटे की हत्या किए जाने पर कितना दुख होता है.
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राघवेद्र को इलाज के लिए राजधानी के एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान बुधवार को उनकी मौत हो गई. इसकी जानकारी मिलने पर परिजनों में मातम छा गया वहीं, अब तक उमेश पाल हत्याकांड में मरने वालों की संख्या 3 हो गई है. उमेश पाल और उनके दूसरे गनर संदीप निषाद की शूटआउट के दौरान मौके पर मौत हो गई थी. इस सनसनीखेज हत्याकांड के बाद राघवेंद्र को प्रयागराज स्थित स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल ले जाया गया था. यहां प्राथमिक उपचार के बद उन्हें लखनऊ के एसपीजीआई के लिए रेफर कर दिया गया था.