Lucknow: प्रयागराज उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद के फरार बेटे असद सहित अन्य हमलावरों की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं. दो एनकाउंटर के बाद एसटीएफ और पुलिस की 15 से अधिक टीमें जहां यूपी में अपराधियों की खाक छानने में लगी हुई हैं, वहीं कोलकाता से लेकर नेपाल में इनकी तलाश में संपर्क साधे जा रहे हैं. इस बीच उत्तर प्रदेश पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर मशहूर अनंत देव तिवारी को एसटीएफ में भेजे जाने के बाद नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं.
अनंत देव तिवारी को ऐसे वक्त में ये जिम्मेदारी दी गई है, जब प्रयागराज का उमेश पाल हत्याकांड सुर्खियों में है और हमलावरों को तलाश में यूपी पुलिस की टीमें लगातार जुटी हुई हैं. अनंत देव तिवारी की कार्यशैली को देखकर कयास लगाए जाने लगे हैं कि आने वाले दिनों में एसटीएफ से अपराधियों का सामना होने पर उनका बचना मुश्किल होगा. हर छोटे बड़े इनपुट पर अब एसटीएफ पहले से ज्यादा तेजी से काम करेगी और हमलावरों पर शिकंजा कसा जाएगा.
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाने वाले अनंत देव पीपीएस संवर्ग से पदोन्नत होकर आईपीएस अधिकारी बने थे. 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी अनंत देव मूल रूप से फतेहपुर के निवासी हैं और वर्ष 1991 में पुलिस सेवा में आए थे. लंबे समय तक एसटीएफ में तैनात रहे अनंत देव ने एएसपी के पद पर रहते हुए कई कुख्यात अपराधियों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई है. अनुमान के मुताबिक उनके खाते में 100 से अधिक एनकाउंटर की लंबी लिस्ट है. कई ऑपरेशन को उन्होंने लीड किया तो कई में खुद अपराधी उनकी गोली का निशाना बने.
इनमें कुख्यात ददुआ और ठोकिया जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं. उन्होंने बावरिया गिरोह, आतंकवाद, माफिया, डकैत उन्मूलन पर ठोस काम किया है. वर्ष 2002 में लश्कर के तीन आतंकियों को उनकी टीम ने ढेर किया. लखनऊ में बावरिया गिरोह के सदस्यों का एनकाउंटर सहित कई मामलों के कारण वह सुर्खियों में रहे.
माना जा रहा है कि प्रयागराज में डीआईजी रेलवे के पद पर तैनात अनंत देव तिवारी को अपने मौजूदा प्रभार के साथ अस्थाई रूप से जिस तरह से एसटीएफ से जोड़ा गया है, यह फैसला काफी सोच समझकर किया गया है. यूपी एसटीएफ संगठित अपराध नियंत्रण क्षेत्र में जल्द बड़ी कार्रवाई कर सकती है.
अनंत देव तिवारी इससे पहले विकास दुबे केस में सस्पेंड किए गए थे. हालांकि पिछले साल उन्हें एक बार फिर बहाल कर दिया गया था और रेलवे डीआईजी की जिम्मेदारी सौंपी गई. अब एक बार फिर एसटीएफ की उनकी मदद ले रही है. जाहिर तौर पर अनंत देव तिवारी अपने संपर्क सूत्रों का इस्तेमाल अतीक अहमद के फरार बेटे असद सहित अन्य शूटर्स की तलाश में करेंगे. अतीक अहमद का परिवार पहले ही खौफजदा है. उन्हें अपनी जान का डर सता रहा है. ऐसे में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर मशहूर अनंत देव तिवारी को नई जिम्मेदारी दिया जाना सामान्य नहीं है. जल्द ही एसटीएफ का कुछ बड़ा एक्शन दिखाई दे सकता है.
इससे पहले सपा के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव प्रोफसर रामगोपाल यादव अंदेशा जता चुके हैं कि अतीक के एक बेटे की हत्या की जा सकती है. वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रोफेसर राम गोपाल यादव के उमेश पाल और जवानों के हत्यारों के समर्थन में दिया गया बयान गैर जिम्मेदाराना, सपा का असली चरित्र अपराधियों का संरक्षण और मनोबल बढ़ाने वाला, यह मुस्लिम तुष्टिकरण की घटिया राजनीति शुरुआत है, मामले में पुलिस कार्रवाई प्रशंसनीय,सवाल उठाना गलत है.