Lucknow News: उत्तर प्रदेश में बॉयोमीट्रिक सत्यापन में 27 फीसदी अल्पसंख्यक छात्रों का डिटेल नहीं मिली है. इनका कोई भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इतने बड़े पैमाने पर ये अल्पसंख्यक छात्र कहां गयाब हो गए. बायोमीट्रिक सत्यापन से पहले ऐसे कोई जानकारी सामने नहीं आई थी. सत्यापन के बाद ये खुलासा हुआ है. ऐस में छात्रों के दाखिले में फर्जीवाड़े की संभावना जताई जा रही है. केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के लिए आवेदन करने वाले छात्रों की उनके आधारकार्ड के जरिये कराई गई जांच में इसका खुलासा हुआ है. उत्तर प्रदेश के सीतापुर, बिजनौर, बस्ती, संतकबीरनगर, मुरादाबाद और कुशीनगर समेत कई जनपदों में बड़ी संख्या में छात्र गायब मिले हैं. इतने बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की आशंका को लेकर अब उत्तर प्रदेश सरकार इसकी गहन पड़ताल करने की तैयारी में जुट गई है, जिससे सही कारण सामने आ सकें और फर्जीवाड़े का खुलासा हो सके. दरअसल केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2022-23 में छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति के लिए आवेदन करने वाले छात्रों का बायोमीट्रिक सत्यापन कराने के निर्देश उत्तर प्रदेश सहित सभी राज्यों को दिए थे. शुरुआती जांच पड़ताल में गड़बड़ियां मिलने पर यह फैसला किया गया. इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि सत्यापन के बाद ही छात्रों को भुगतान किया जाएगा.
इस योजना में उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 359659 छात्रों ने आवेदन किया था. इनमें से 97463 छात्रों ने दी गई अंतिम तिथि तक बायोमीट्रिक सत्यापन नहीं कराया. मुरादाबाद में 46211 छात्रों में से 12161 ने सत्यापन नहीं कराया. इसी तरह से कुशीनगर में 5630, सीतापुर में 4073, बिजनौर में 6738, बस्ती में 3726, फर्रुखाबाद में 4228, गोंडा में 4416 और संत कबीर नगर में 3339 छात्रों ने सत्यापन नहीं कराया. इसके साथ ही इस प्रकरण में अमरोहा, रामपुर, संभल, अलीगढ़, औरेया, अम्बेडकर नगर, सहारनपुर, उन्नाव और मेरठ जनपद में भी स्थिति काफी खराब मिली.
बताया जा रहा है कि बायोमीट्रिक सत्यापन के लिए संस्थान स्तर पर 4483 आवेदन और जिला नोडल अधिकारी के स्तर पर 231 आवेदन पेंडिंग हैं. संस्थान स्तर पर आवेदन अग्रसारित करने की अंतिम तिथि 27 अक्तूबर और जनपद व राज्य नोडल अधिकारी के स्तर पर सत्यापित करने की अंतिम तिथि 28 अक्तूबर कर दी गई है.