Lucknow: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद में 40 बंदरों की मौत का मामला सामने आया है. गढ़मुक्तेश्वर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत मध्य गंग नहर झडीना रोड स्थित जंगल के पास संदिग्ध परिस्थितियों में ये बंदर मृत मिले. वन विभाग की टीम ने मामले की जांच पड़ताल शुरू कर दी है. मौत के कारणों का पता लगाने के लिए बंदरों के शवों को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. बंदरों को जहर दिए जाने की आशंका जताई जा रही है.
हापुड़ में झडीना रोड स्थित जंगल के पास खाली पड़े खेतों में करीब 40 बंदर मृत मिले. मौके से गुजरने वाले ग्रामीणों ने इसकी जानकारी अन्य लोगों को दी और देखते ही देखते वहां भीड़ जुट गई. लोगों के मुताबिक कई बंदर अर्द्धबेहोशी की हालत में थे और कुछ देर बाद उन्होंने तड़पकर दम तोड़ दिया. बंदरों के मुंह से झाग निकल रहा था. ऐसा लग रहा था कि किसी ने जानबूझकर बंदरों को जहर दे दिया, जिससे उनकी मौत हो गई.
स्थानीय लोगों ने मामले की जांनकारी पुलिस और वन विभाग को दी. फिलहाल मौत की स्पष्ट वजह पता नहीं चल सकी है. वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पोस्टमार्टम और मौत के कारणों को जानने के लिए बंदरों के शवों को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली भेजा गया है. वन विभाग की टीम को बंदरों के शवों के पास से गुड़ और तरबूज मिले हैं. संभावना जताई जा रही है कि बंदरों को कुछ मिलाकर खिलाया गया है, जिससे उनकी मौत हुई है. पोस्टर्माटम रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह स्पष्ट हो सकेगी.
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उधर बड़ी संख्या में एक स्थान पर बंदरों की मौत की जानकारी मिलने पर बजरंग दल के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे. उन्होंने बेजुबान जानवरों की मौत की जांच की मांग की. कार्यकर्ताओं ने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाता है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
वन रेंजर करन सिंह के मुताबिक सूचना मिलने पर वह खुद वन विभाग की टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंची और जांच पड़ता की. प्रथम दृष्टया बंदरों को जहर दिये जाने की बात प्रतीत हो रही है. हालांकि स्पष्ट तौर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कहा जा सकेगा. मामले में कानूनी प्रक्रिया के तहत काम किया जा रहा है. विभाग प्रकरण को लेकर अन्य स्तर पर भी जानकारी जुटा रहा है, जिससे सच्चाई का पता लग सके.