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UP Agritech Conclave 2023 : खेती में होने जा रहा बड़ा बदलाव, ‘ एक ब्लाक, एक उत्पाद ‘ बनेगा किसानों की पहचान

कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कृषि क्षेत्र को बैक टू बेसिक के साथ-साथ टेक्नोफ्रैंडली बनाने पर जोर दिया है. यूपी एग्रीटेक कान्क्लेव 2023 में दावा किया कि प्रदेश सरकार खेत तथा आधुनिक तकनीक के बीच प्रभावी सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रही है.

लखनऊ.कृषि क्षेत्र को समेकित रूप से विकसित करने के लिए जल तथा मृदा संरक्षण के साथ-साथ फल-फूल, मत्स्य, पशुपालन, डेयरी आदि को एकीकृत रूप से विकसित किया जायेगा. इसके लिए एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर प्रदेश स्तर पर एक ब्लाक एक उत्पाद को प्रोत्साहित किया जायेगा. कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने इसका मास्टर प्लान तैयार करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए है. एक ब्लाक एक उत्पाद की अवधारना जमीन पर उतर आती है तो उत्तर प्रदेश में प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को अच्छा बाजार मूल्य मिल सकेगा. सरकार गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा देकर एग्रोप्रोसेसिंग के लिए भी किसानों को जागरूक करेगी. कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही की अध्यक्षता में आयोजित यूपी एग्रीटेक कान्क्लेव 2023 में मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार केवी. राजू, सचिव कृषि राजशेखर,विशेष सचिव रवि रंजन, निदेशक उद्यान डॉ.आरके तोमर, निदेशक कृषि वीके.सिंह, एग्रीटेक कम्पनियों के प्रतिनिधि, वैज्ञानिक, विशेषज्ञ और किसानों ने कृषि उन्नति पर विचार साझा किए.

नयी खाद्य प्रसंस्करण नीति पर काम कर रहे : कृषि मंत्री
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इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में सोमवार को आयोजित यूपी एग्रीटेक कान्क्लेव 2023 के उद्घाटन पर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच के अनुसार हमें कृषि क्षेत्र को बैक टू बेसिक के साथ-साथ टेक्नोफ्रैंडली बनाना होगा, जिससे किसानों के जीवनस्तर को ऊंचा उठाया जा सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने के लिए कृतसंकल्पित हैं. इसमें कृषि तथा प्राथमिक क्षेत्र की भूमिका अति महत्वपूर्ण रहने वाली है. इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की लागत को घटाकर गुणवत्तापूर्ण उत्पाद तैयार करके उनकी आय में वृद्धि करने के लिए खेत तथा आधुनिक तकनीक के बीच प्रभावी सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास कर रही है.कृषि मंत्री ने कहा कि विगत 6 वर्षों में प्रदेश की कृषि उत्पादकता में सराहनीय वृद्धि हुई है. इसके साथ ही सरकारी सुविधाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए प्रत्येक स्तर पर डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. कृषि क्षेत्र को अधिक लाभदायी बनाने के लिए नयी खाद्य प्रसंस्करण नीति पर भी कार्य किया जा रहा है.

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उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए जो स्टार्टअप तकनीक का विकास कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना होगा कि उनकी तकनीक किसानों द्वारा अपनायी जाने योग्य हों. साथ ही किसानों को गुणवत्तापरक उपज के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता को बरकरार रखते हुए खेत की आवश्यकता के अनुसार उर्वरक, सिंचाई एवं खाद का प्रयोग किया जाय, जिससे किसानों की लागत में कमी लायी जा सकती है. कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि अनुमान के आधार पर की जाने वाली खेती को सटीक तकनीक के आधार पर करने से प्रदेश की कृषि का कायाकल्प किया जा सकता है.

प्रदर्शनी में दिखा खेती का भविष्य

अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि एग्रोटेक कम्पनियां खेत तथा तकनीक के बीच की दूरी घटाने में सफल रहीं तो उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन की बनाने के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है.एग्रीटेक कान्क्लेव 2023 के अवसर पर कृषि उत्पादन से जुड़े हुए विभिन्न समूहों द्वारा अपने उत्पादों तथा कार्यक्रमों पर आधारित प्रदर्शनी लगायी गयी, जिसका अवलोकन कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही के साथ उद्यान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह तथा कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख ने किया.

बजट में हुई किसानों के लिए कई बड़ी घोषणाएं

महात्मा बुद्ध कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कुशीनगर की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. कृषि विश्वविद्यालय कानपुर, अयोध्या, चांदा तथा मेरठ में अवस्थापना कार्यों के लिए लगभग 35 करोड़ की व्यवस्था प्रस्तावित है. वहीं आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय ( कैम्पस ) आजमगढ़ में पठन- पाठन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है. जनपद गोण्डा में कृषि महाविद्यालय ( कैम्पस) की स्थापना का निर्माण कार्य प्रगति पर हैं. वहीं आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय अयोध्या के अन्तर्गत कृषि महाविद्यालय आजमगढ़ में पठन- पाठन का कार्य प्रारम्भ हो चुका है. वहीं गोण्डा में कृषि महाविद्यालय की स्थापना का निर्माण कार्य जारी हैं.

किसानों के लिए हुईं ये घोषणाएं
  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022- 2023 में माह नवम्बर 2022 तक 12 किस्तों में 51.639 करोड़ रुपये का भुगतान डीबीटी के माध्यम से कृषकों के बैंक खातों में किया गया.

  • नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर योजना के लिए 631 करोड़ 93 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

  • नेशनल मिशन ऑन नेचुरल फार्मिंग योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में प्रदेश के 49 जनपदों में गौ आधारित प्राकृतिक खेती का कार्य प्रारम्भ किया गया है. गंगा नदी से जुड़े 26 जनपद सम्मिलित हैं. योजनान्तर्गत 1714 क्लस्टर्स आच्छादित हैं. जिनका सम्मिलित क्षेत्रफल 85,710 हेक्टेयर है. योजना के लिए 113 करोड़ 52 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

  • कृषकों के निजी नलकूपों को रियायती दरों पर विद्युत आपूर्ति के लिए 1950 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.

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