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यूपी ATS ने बलिया में महिला समेत 5 नक्सली दबोचे, 15 वर्ष बाद नक्सली गतिविधि से प्रशासनिक महकमे में हलचल

यूपी एटीएस ने बलिया में पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया. इनमें तारा देवी उर्फ मंजू उर्फ मनीषा भी शामिल है. यह जंगलों में नक्सल ट्रेंनिग ले चुकी है. बलिया में 15 वर्ष बाद नक्सली गतिविधि से प्रशासनिक महकमे में हलचल मची है.

Lucknow: यूपी एटीएस ने बलिया में महिला समेत पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया है. वे सभी मुखौटा संगठनों के जरिए अपने नक्सली संगठन का विस्तार करने और पूर्वांचल में गतिविधियां बढ़ाने के लिए एक झोपड़ी में गोपनीय बैठक कर रहे थे. उनके कब्जे से नक्सल साहित्य, पर्चे, हस्तलिखित संदेश, एक लैपटॉप, नौ मोबाइल फोन, एक नाइन एमएम पिस्टल सहित अन्य सामान बरामद हुए. ये अब तक के सबसे हार्डकोर के नक्सली बताए जा रहे हैं. ये सरकार के खिलाफ बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं.

दरअसल, एटीएस ने सहतवार थानाक्षेत्र के बसंतपुर गांव में छापेमारी कर तारा देवी उर्फ मंजू उर्फ मनीषा, लल्लू राम उर्फ अरुन राम, सत्य प्रकाश वर्मा, राम मूरत और विनोद साहनी को गिरफ्तार कर लिया. जानकारी के मुताबिक तारा देवी जंगलों में नक्सल ट्रेंनिग ले चुकी है. जिले में 15 वर्ष बाद नक्सली गतिविधि से प्रशासनिक महकमे में हलचल मची है.

एटीएस के मुताबिक, सीपीआई (माओवादी) नक्सली संगठन के गोपनीय रूप से यूपी, बिहार और झारखंड के बार्डर के जिलों में नक्सली गतिविधियों का विस्तार करने की सूचना मिल रही थी. यह लोग मुखौटा संगठनों के माध्यम से देश के अंदर ही सशस्त्र विद्रोह खड़ा करने की तैयारी कर रहे थे.

महिला सदस्य कई नक्सली घटनाओं में थी शामिल

महिला दस्ते की सक्रिय सदस्य तारा देवी उर्फ मंजू उर्फ मनीषा वर्ष 2005 से ही संगठन से जुड़ी है. वह कई नक्सली घटनाओं में शामिल रह चुकी है. वह संगठन के लिए नए लोगों की भर्ती में जुटी थी. वह पार्टी के लिए चंदा से हथियार जमा करने का काम कर रही थी.

तारा देवी ने चर्चित मधुबन बैंक डकैती कांड नक्सलियों के साथ मिलकर की थी, जिसमें पहली बार नक्सलियों ने शहर में आकर अत्याधुनिक असलहों से अंधाधुंध फायरिंग करते हुए बैंक और बाजार लूटा था. जिसके बाद पुलिस की धरपकड़ में तारा देवी भी नक्सली सतीश उर्फ राम प्रवेश बैठा उर्फ रवि जी के साथ पकड़ी गई थी.

रिमांड पर लेने की तैयारी में एटीएस

एटीएस सूत्रों ने बताया कि जांच में सामने आया कि ये सभी केंद्रीय कमेटी के सदस्यों से बातचीत करने के लिए मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते हैं. वे मैसेज कनवे के करने के लिए कोई न कोई संदेशवाहक, पर्ची, मेमोरी कार्ड, पेन ड्राइव या दूसरे जरिए मैसेज भेजते हैं. पकड़े गए आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लेने के लिए एटीएस तैयारी में है.

बलिया में नक्सली हमले से प्रशासन की उड़ी थी नींद

सदर कोतवाली के सहरसपाली में वर्ष 2008 में गांव के सोहन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस जांच में नक्सली गतिविधि का सुराग मिलने पर प्रशासन में हड़कंप मच गया था. पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया था. सघन चेकिंग अभियान चला, जिसमें कई घरों में हथियार, बम सहित अन्य प्रतिबंधित सामान बरामद हुआ था. कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई थी. नक्सल गतिविधियों से जुड़े कई परिवार पलायन कर गए थे.

इसके तीन वर्ष बाद 2012 में सहतवार थाना क्षेत्र के कुशहर गांव में पुलिस वर्दी में आए नक्सलियों द्वारा कुशहर गांव की प्रधान फूलमती देवी की हत्या कर दी गई थी. इसमें भी छोटे कहार आरोपी था. प्रधान हत्याकांड में आरोपी पूर्व कोटेदार कृष्ण कुमार की दो वर्ष बाद बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. कोटे की दुकान सस्पेंड होने से प्रधान से कृष्ण कुमार की अदावत थी. इसके पूर्व सहतवार थाने में नक्सली गतिविधि को लेकर पुलिस सतर्क रहती थी.

15 वर्ष बाद गिरफ्तार हुआ था छोटे

दोनों नक्सली हमले में हुई हत्याकांड का आरोपी छोटे को 15 वर्ष बाद नगरा थाने से पुलिस ने पिछले माह गिरफ्तार किया था. प्रकाश नाम का एक फर्जी आधार कार्ड बरामद हुआ था. वह तेलंगाना में नाम बदलकर रह रहा था. गिरफ्तार अभियुक्त के विरुद्ध थाना नगरा में आर्म्स एक्ट व कूटरचित दस्तावेज के आरोप में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने चालान कर दिया था.

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