Lucknow News: उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. दोनों संदिग्ध कथित तौर पर आतंकी फंडिंग में शामिल थे. जानकारी के मुताबिक ये लोग धन लेकर सेना से जुड़ी संवेदनशील व प्रतिबंधित जानकारियां आईएसआई को भेजा करते थे. एटीएस के मुताबिक आरोपी 25 वर्षीय अमृत गिल को पंजाब के भटिंडा से बीते दिनों गिरफ्तार करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया गया था. वहीं, गाजियाबाद के भोजपुर निवासी आरोपी रियाजुद्दीन को पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जिसके खिलाफ साक्ष्य मिलने पर उसे रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया. एटीएस काफी समय से आईएसआई एजेंटों की धड़पकड़ का अभियान चला रही है. वरिष्ठ अफसरों के मुताबिक इन दोनों संदिग्धों से भी पूछताछ के आधार पर कई अहम जानकारी मिली है. इनक बैंक खातों की भी पड़ताल की जा रही है, उसके आधार पर भी अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी की जाएगी.
यूपी एटीएस के मुताबिक काफी समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग संदिग्ध स्रोतों से धन हासिल कर रहे हैं, जिनका इस्तेमाल देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों और जासूसी में किया जा रहा है. इसके साथ ही पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आकर धन के लालच में जासूसी करने के साथ गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं बाहर भेजने का भी इनपुट एटीएस को मिला. इसके बाद टीम जांच पड़ताल में जुटी थी, इस बीच तफ्तीश के दौरान एटीएस ने राजधानी लखनऊ में रियाजुद्दीन, इजहारुल और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के एजेंट के विरुद्ध मामला दर्ज किया.
Also Read: UP Vidhan Sabha: यूपी विधानसभा में बसपा-कांग्रेस से पुराने कार्यालय लिए गए वापस, सपा को मिला बड़ा दफ्तर
जांच के दौरान रियाजुद्दीन के बैंक खातों की पड़ताल की गई. इसमें सामने आया कि अज्ञात स्रोत से मार्च 2022 से अप्रैल 2022 के बीच उसके बैंक खाते में लगभग 70 लख रुपए आए, जिन्हें अलग-अलग खातों में भेजा गया. इसी कड़ी में ऑटो चालक अमृत गिल को भी रकम बैंक के जरिए ट्रांसफर की गई. अमृत गिल ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भारतीय आर्मी के टैंक आदि की संवेदनशील सूचनाओं साझा की. एटीएस के मुताबिक रियाजुद्दीन और इजहारुल की मुलाकात वेल्डिंग का काम करते समय राजस्थान में हुई थी. तब से दोनों एक दूसरे के संपर्क में रहते हुए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम कर रहे हैं.
एटीएस के मुताबिक रियाजुद्दीन और इजहारुल दोनों के बैंक खातों में रुपए के आने और फिर ट्रांसफर करने के प्रमाण मिले हैं. इन खाता धारकों की जांच की जा रही है, जिससे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े अन्य लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके.