UP Budget 2021-22 उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार सोमवार को अपने इस कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट प्रस्तुत करेगी. विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को पेश किये जाने वाले योगी सरकार के इस पांचवें बजट को कई मायनों में खास माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि योगी सरकार प्रदेश के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा बजट पेश करेगी. इसी के साथ सीएम योगी के नाम एक और रिकॉर्ड जुड़ जाएगा. दरअसल, भाजपा सरकार के वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जिनकी देखरेख में लगातार पांचवीं बार बजट पेश किया जा रहा है.
डिजिटल माध्यमों से प्रस्तुत किए जाना वाला यह बजट पूरी तरह पेपरलेस होगा. चर्चा है कि बजट में चुनावी तैयारियों की झलक देखने को मिल सकती है. योगी सरकार के इस बजट में छात्रों, युवाओं, महिलाओं, किसानों के लिए कुछ नई घोषणाएं होने की उम्मीदें हैं. वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर के माध्यम से जनता के बीच विकास का बड़ा संदेश देने का काम भी इस बजट के माध्यम से सरकार करेगी.
मीडिया रिपोर्ट में यूपी सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक बताया गया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में जब यूपी की कमान संभाली थी, उस समय प्रदेश की स्थिति बहुत अच्छी नहीं थी. आर्थिक रूप से काफी कमजोर प्रदेश को विकास के राह पर लाना आसान नहीं था, लेकिन तमाम चुनौतियों के बावजूद सीएम योगी ने हर वित्तीय वर्ष में बजट को बढ़ाया. योगी सरकार ने अपना पहला बजट वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. वहीं, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 3.84 लाख करोड़, 2018-19 में 4.28 लाख करोड़, 2019-20 में 4.79 लाख करोड़ और 2020-21 में 5.12 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था. सीएम योगी का अब पांचवां बजट भी भारी भरकम होने का अनुमान है.
आर्थिक विशेषज्ञ के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव भी हैं. इसलिए ज्यादातर उम्मीद यह ही है कि इस बार सरकार अपने बजट में उन क्षेत्रों पर भी फोकस करेगी, जिन पर कम काम हुआ है. कहा जा रहा है कि एक ट्रिलियन डॉलर ईकोनॉमी का सपना अगर साकार होता है तो यह प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. योगी सरकार का पहला बजट किसानों पर आधारित था, दूसरा औद्योगिक विकास, तीसरा बजट महिला सशक्तिकरण और चौथा बजट युवाओं के विकास पर आधारित था.
Upload By Samir Kumar