UP Budget 2023: उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के नेताओं पर जमकर तंज कसा. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को जहां कई मुद्दों पर आईना दिखाया वहीं चाचा भतीजे के साथ आने पर चुटकी भी ली. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा में चाचा शिवपाल यादव की घर वापसी पर कहा कि इधर सत्तापक्ष के भय से ही सही, काकाश्री को सम्मान मिलना तो प्रारंभ हो गया.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘मैं आपको एक चौपाई सुनाता हूं- ‘विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति, बोले राम सकोप तब, भय बिनु होई न प्रीत’ इधर के भय से ही सही, कम से कम सपा में काकाश्री को सम्मान मिलना प्रारंभ हो गया. उन्होंने कहा कि शिवपाल जी आपको देखता हूं तो महाभारत याद आता है. आप जैसा अनुभवी व्यक्ति बार-बार छला जाता है. बार-बार अपमानित होता है. आपके अनुभवों का लाभ सपा को नहीं लेने आता.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शिवपाल जी का सम्मान करते हैं, उनको ये सम्मान मिलना भी चाहिए. इस पर अखिलेश यादव ने शिवपाल की सुरक्षा हटाए जाने पर सवाल किया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा उनको दी जानी चाहिए. आपने सिफारिश कर दी है. जरूर मिलनी चाहिए और चाचा को भी अपने स्वाभिमान को बनाए रखना चाहिए.
Also Read: UP Budget 2023: उमेश पाल हत्याकांड पर सीएम योगी आदित्यनाथ बोले- सपा ने दिया संरक्षण, बनाया विधायक-सांसद
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सदन में कहा था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फीफा विश्वकप का फाइनल मैच अकेले देख रहे थे. इस पर मुख्यमंत्री ने आज जवाब देते हुए अखिलेश पर जमकर चुटकी ली. उन्होंने अखिलेश यादव सरकार के समय मुख्यमंत्री की टीम और अधिकारियों के बीच हुए एक क्रिकेट मैच का जिक्र करते हुए कहा कि शिवपाल जी तब कैबिनेट मंत्री थे.
उन्होंने कहा था कि हमेशा अच्छी नीयत से खेलना चाहिए. मेरे पास भी खेल का सर्टिफिकेट है. मैं भी खेल रहा हूं. हालांकि, मंजिल तक पहुंचने के लिए खेल के साथ दांवपेच भी आना चाहिए. सीएम योगी आदित्यनाथ के इतने कहते ही सदन में सत्ता पक्ष के लोग ठहाके लगाने लगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इनके एक और चाचा जान थे. उन्होंने कहा था कि सीएम साहब अच्छी बात है. आपको खेलने का वक्त मिल जाता है. वरना आप हार जाते तो मैं यही कहता कि अधिकारियों का ध्यान खेल पर है. अधिकारी हार गए मतलब उनका ध्यान काम पर है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा पर तंज कसते हुए कहा कि खेल तो इनके और भी होते थे. प्रदेश में बहुत खेल होते थे. खेल ही खेल तो होते थे. लैपटॉप घोटाले का खेल, गोमती रिवर फ्रंट घोटाले का खेल जैसे कई खेल हुए.