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उप चुनाव: स्वार और छानबे में सपा की सफल होगी रणनीति! मैदान से बाहर भाजपा बिगाड़ेगी खेल, एग्जिट पोल पर रोक

उपचुनाव में स्वार और छानबे सीट पर सपा को अपनी रणनीति सफल होने का भरोसा है. वहीं भाजपा मैदान से बाहर होने के बावजूद सहयोगी अपना दल के जरिए सपा का खेल बिगाड़ने में लगी है. ऐसे में उप चुनाव का मुकाबला बेहद रोचक हो गया है. चुनाव नहीं लड़ने के बावजूद इसे भाजपा की प्रतिष्ठा से जोड़ा जा रहा है.

Lucknow: प्रदेश में निकाय चुनाव की सियासी तपिश के बीच रामपुर की स्वार और मीरजापुर की छानबे विधानसभा सीट पर उप चुनाव को लेकर मुकाबला रोचक हो गया है. इन दोनों सीट पर 10 मई और मतदान और 13 मई को परिणाम घोषित किया जाएगा. निकाय चुनाव के नतीजे भी 13 मई को आने हैं. इस तारीख पर सियासी दलों की नजरें टिकी हुई हैं. उप चुनाव में भाजपा ने दोनों ही सीटें अपने सहयोगी अपना दल (एस) को दी हैं. हालांकि मामला सत्ता और विपक्ष के बीच का होने के कारण प्रतिष्ठा भाजपा की ही दांव पर लगी हुई है. इस बीच निर्वाचन आयोग ने उप चुनाव को लेकर एग्जिट पोल प्रतिबंध लगा दिया है.

स्वार में सपा के हिंदू उम्मीदवार उतारने के पीछे की रणनीति

स्वार सीट मुस्लिम बहुल है, इसके बावजूद समाजवादी पार्टी ने उप चुनाव में यहां से अनुराधा चौहान को उम्मीदवार बनाया है. इसके पीछे सपा की खास रणनीति है. दरअसल कांग्रेस और बसपा ने यहां अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं. ऐसे में सपा को लगता है कि आजम खां के प्रभाव और पार्टी के कारण मुस्लिम मतदाताओं के वोटों में बिखराव नहीं होगा और वह सपा प्रत्याशी के पक्ष में ही मतदान करेंगे, जबकि हिंदू प्रत्याशी की वजह से उसे इन मतदाताओं के भी वोट मिलेंगे. ऐसे में पार्टी दोहरे फायदे की स्थिति में उपचुनाव में बाजी पलट सकती है.

अपना दल के लिए गठबंधन का फर्ज इस तरह निभाएगी भाजपा

भाजपा-अपना दल गठबंधन के तहत अपना दल ने शरीफ अहमद अंसारी को उम्मीदवार बनाया है. अंसारी तबका पसमांदा समाज से आता है. भाजपा काफी पहले से ही पसमांदा वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में है. इसके लिए राज्य में कई जगह पसमांदा सम्मेलन आयाजित किए जा चुके हैं. ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि उसकी इन कोशिशों का गठबंधन प्रत्याशी फायदा मिल सकता है. हालांकि स्वार विधानसभ से भले ही अपना दल उम्मीदवार हो. लेकिन, प्रतिष्ठा भाजपा की दांव पर लगी है. खासतौर से तब जब आजम खां खुद प्रचार के लिए सड़क पर उतर गए हैं और पुरानी बातों की याद दिलाकर वोट मांग रहे हैं. उनके निशाने पर सीधे तौर पर भाजपा सरकार है. ऐसे में गठबंधन धर्म निभाने के लिए यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का चुनावी कार्यक्रम लगाने की तैयारी है. इसके अलावा अन्य बड़े नेता भी आ सकते हैं.

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स्वार विधानसभा में पिछली बार के समीकरण

स्वार विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खां के बेटे अब्दुल्लाह आजम की सदस्यता रद्द होने के बाद उपचुनाव हो रहा है. अब्दुल्लाह आजम दोबारा चुनाव जीत कर आए थे. लेकिन, उन्हें सदस्यता गंवानी पड़ी. अब्दुल्लाह आजम ने विधानसभा चुनाव 2022 में अपना दल (एस) के हैदर अली खान ‘हमजा खान’ को हराकर जीत दर्ज की थी. अब्दुल्लाह आजम को 126162 और हमजा खान को 65059 मत मिले थे. अब्दुल्लाह आजम ने 59.19 प्रतिशत और हमजा खान ने 30.52 प्रतिशत मत हासिल किए थे.

मीरजापुर में रोचक हुई उप चुनाव की जंग

मीरजापुर की छानबे सीट की बात करें तो बीते दो चुनावों में इस पर अपना दल का कब्जा रहा है. वर्ष 2017 और 2022 में अपना दल ने खाते में ये सीट गई थी. इस बार जनभावना का ध्यान रखते हुए पार्टी ने पूर्व विधायक स्वर्गीय राहुल कोल की पत्नी रिंकी कोल को ही उम्मीदवार बनाया है. जबकि सपा से कीर्ति कोल मैदान में हैं. अपना दल और सपा दोनों के उम्मीदवार सियासी घराने से हैं. इस वजह से मामला काफी रोचक दिखाई दे रहा है. दरअसल अपना दल की रिंकी कोल सांसद पकौड़ीलाल कोल की पुत्रवधू हैं, वहीं सपा की कीर्ति कोल के पिता भाईलाल कोल भी छानबे से विधायक रह चुके हैं. इस तरह दोनों ही दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. खास तौर से मीरजापुर अपना दल की की अध्यक्ष और केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल का गढ़ माना जाता है, ऐसे में पार्टी के लिए ये सीट प्रतिष्ठ का विषय है.

2017 में सबसे कम उम्र के विधायक बने थे राहुल प्रकाश कोल

छानबे विधानसभा सीट अपना दल (एस) के विधायक राहुल प्रकाश कोल के निधन से खाली हुई है. राहुल प्रकाश कोल का मुंबई स्थित एक कैंसर हॉस्पिटल में निधन हो गया था. वह लंबे समय से कैंसर से पीड़ित थे और इलाज करा रहे थे. राहुल प्रकाश कोल छानबे विधानसभा सीट पर लगातार दूसरी बार विजयी हुए और विधायक बने. 2017 विधान सभा चुनाव में वे सबसे कम उम्र के विधायक बने थे.

उप चुनाव के नतीजे तय करेंगे भविष्य की रणनीति

भाजपा की रणनीति की बात करें तो पार्टी किसी भी चुनाव को बेहद गंभीरता से लेती है. उसके नेता कई बार कह चुके हैं पाटी हर वक्त चुनाव के लिए तैयार रहती है. इस वजह से रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा के साथ रामपुर विधानसभा उप चुनाव में उसकी झोली में जा चुकी हैं. हालांकि मुजफ्फरनगर की खतौली सीट पर उसे हार का सामना करना पड़ा था. इस बार उपचुनाव में अपने उम्मीदवार नहीं उतारने के बावजूद इसे सरकार की प्रतिष्ठा से जोड़ा जा रहा है. इसलिए भाजपा ने गठबंधन धर्म निभाते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को स्वार सीट का प्रभारी बनाया है. वहीं अपना दल से प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष सिंह पटेल छानबे लगातार जुटे हुए हैं. उपचुनाव के नतीजे साबित करेंगे कि इस बार किसी रणनीति सफल हुई है और इनके आधार पर भविष्य की सियासत का भी काफी हद तक रुख तय होगा.

उप चुनाव को लेकर एग्जिट पोल प्रतिबंध

इस बीच उप चुनाव के मद्देनजर एग्जिट पोल पर रोक लगा दी गई है. संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष शुक्ल ने बताया कि 34-स्वार एवं 395-छानबे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव के मद्देनजर 10 मई को सुबह सात बजे से शाम 6:30 बजे तक किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगाया गया है. निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार उपचुनाव में मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ओपिनियन पोल या किसी अन्य मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर भी प्रतिबंध होगा. इसका उल्लंघन करने पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951 की धारा 126(1) (ख) के तहत दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माना हो सकता है.

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