Lucknow News: उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार लगातार टलता जा रहा है. योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में अब तक कई बार मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जाती रहीं हैं, कई बार समय भी तय किया गया. खास तौर से इस बार दीपावली के मौके पर मंत्रिमंडल विस्तार तय माना जा रहा था. इसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक तथा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी हुई. इसमें मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी देने की बात सामने आई. इसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने जिस तरह से अपने और दारा सिंह चौहान के मंत्री बनने के दावे किए, उससे मंत्रिमंडल विस्तार तय माना जा रहा था. हालांकि इसी दौरान पूर्व मंत्री आशुतोष टंडन का निधन हो गया. कहा गया कि इस वजह से मंत्रिमंडल विस्तार टाल दिया गया. वहीं राज्यों में विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित अन्य मंत्रियों, विधायकों के काफी व्यस्त होने के कारण अब कहा जा रहा है पांच राज्यों के नतीजे आने के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार किया जाएगा. 3 दिसंबर को इन चुनावों के नतीजे आ जाएंगे, जिसको देखते हुए यूपी में लोकसभा चुनाव के पहले मंत्रिमंडल विस्तार होने की प्रबल संभावना है.
यूपी भाजपा से जुड़े नेताओं के मुताबिक विधानसभा चुनाव के नतीजों के अनुसार जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. इस मंत्रिमंडल विस्तार में ओम प्रकाश राजभर, दारा सिंह चौहान का नाम पक्का है. साथ ही कुछ नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. इसके साथ ही कई मंत्रियों के विभागों में फेरबदल होना तय माना जा रहा है. कहा जा रहा है कुछ मंत्री संगठन में भेजे जा सकते हैं, जबकि संगठन के कुछ नेताओं को कैबिनेट में मौका दिया जा सकता है.
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दरअसल समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर अपने पीडीए के फॉर्मूले को धार देने में जुटे हैं. इसके लिए पीडीए को मजबूत करने के लिए वे लखनऊ से समाजवादी सामाजिक न्याय यात्रा को रवाना भी कर चुके हैं. पीडीए समाजवादी सामाजिक न्याय यात्रा सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बरेली, बदायूं, सम्भल, मुरादाबाद, अमरोहा, हापुड़, गाजियाबाद, मेरठ, शामली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर से जन सम्पर्क करते हुए बिजनौर में समाप्त होगी. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी पिछड़ी जातियों के लोगों को अधिक से अधिक सरकार और संगठन में शामिल करने की रणनीति बना रही है. सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल विस्तार में खासतौर पर पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश की जाएगी. इस लिहाज से ओम प्रकाश राजभर और दारा सिंह चौहान को मंत्री बनना तय माना जा रहा है. इसके साथ ही कुछ अन्य लोग भी मंत्रिमंडल में समाहित किए जा सकते हैं. पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा के चुनाव में अहम भूमिका निभाने वाले नेताओं की भी लॉटरी लग सकती है.
कहा जा रहा है कि 3 दिसंबर के बाद होने वाले संभावित मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ बड़े स्तर पर विभागों में फेरबदल भी होने की संभावना है. सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 3 से 5 नए मंत्रियों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल करेंगे तो वहीं मौजूदा 51 मंत्रियों में कुछ को उनके प्रदर्शन के अनुसार विभागों में परिवर्तन भी कर सकते हैं. साथ ही कुछ राज्य मंत्रियों का कद भी बढ़ाया जा सकता है.
इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों को भी लोकसभा चुनाव लड़ाया जाएगा. ऐसे में उनके चुनाव जीतने की स्थिति में इस्तीफा देने पर जुलाई में फिर मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. हालांकि अभी ये सिर्फ अटकलें हैं. फिलहाल भाजपा का शीर्ष नेतृत्व और विशेष तौर पर अमित शाह यूपी की हर लोकसभा सीट पर विशेष तौर पर नजरें लगाए हुए हैं. उनकी कोशिश है कि मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर नेताओं को अन्य जिम्मेदारी सौंपकर लोकसभा चुनाव 2024 के समीकरण साधे जा सकें. पार्टी विपक्ष के इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव एलायंस (I-N-D-I-A) को किसी भी सूरत में यूपी में सफल नहीं होने देना चाहती. इसलिए रणनीति बनाकर काम कर रही है.