UP Cabinet Meeting: रामनगरी अयोध्या में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी पूरी कैबिनेट के साथ मौजूद होंगे. ये पहला मौका होगा, जब यूपी सरकार की कैबिनेट बैठक अयोध्या में होने जा रही है. अयोध्या में रामलला को भव्य मंदिर में विराजमान कराने के लिए जहां तेजी से तैयारी चल रही है, वहीं इस बीच दीपोत्सव के एक दिन पहले प्रदेश सरकार की तीर्थ नगरी में कैबिनेट बैठक बेहद अहम मानी जा रही है. इसके जरिए योगी सरकार ने अपने धार्मिक एजेंडे को भी धार देने की कोशिश की है. रामनगरी में होने वाली कैबिनेट बैठक के लिए ऐसे प्रस्तावों को चुना गया है जो धर्म व संस्कृति से जुड़े हुए हैं. इस बैठक में अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद, देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद व मुजफ्फरनगर के शुक्रताल धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन को हरी झंडी दी जाएगी. तीनों ही विकास परिषद में मुख्यमंत्री अध्यक्ष होंगे. कैबिनेट से इन विधेयकों को पास कराने के बाद नवंबर अंत में होने वाले विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में इन्हें रखा जाएगा. इसके साथ ही अयोध्या में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले मकर संक्रांति मेला एवं वसंत पंचमी मेला तथा बुलंदशहर में होने वाले कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेला के प्रांतीयकरण के प्रस्ताव को हरी झंडी दी जाएगी. हाथरस में प्रतिवर्ष होने वाले लक्खी मेला दाऊजी महाराज का भी प्रांतीयकरण किया जाएगा. इसके अलावा उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन का भी निर्णय हो सकता है. महराजगंज के सोहागीबरवा वन्यजीव प्रभाग के समीप पर्यटन की परियोजनाओं के लिए भूमि पर्यटन विभाग को उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी बैठक में रखा सकता है.
सीएम योगी कैबिनेट के सदस्यों के साथ करेंगे रामलला के दर्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार सुबह 11 बजे अयोध्या स्थित रामकथा पार्क पहुंचेंगे. उनके नेतृत्व में मंत्रिमंडल के सभी सदस्य हनुमानगढ़ी में दर्शन पूजन करेंगे. इसके बाद श्रीराम जन्मभूमि परिसर का पूजन एवं श्री रामलला विराजमान मंदिर में दर्शन एवं पूजन करेंगे. मुख्यमंत्री के साथ सरकार के मंत्री दीपोत्सव की तैयारियों का जायजा भी लेंगे. बैठक में कैबिनेट के सभी सदस्य मौजूद रहेंगे. मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र के साथ सभी प्रमुख विभागों के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव भी उपस्थित रहेंगे।. पुलिस महानिदेशक विजय कुमार भी मौजूद रहेंगे.
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पहले भी लखनऊ से बाहर हो चुकी है कैबिनेट बैठक
प्रदेश में इससे पहले भी कैबिनेट बैठक राजधानी लखनऊ से बाहर आयोजित हो चुकी है. वर्ष 2019 में कुंभ मेला के दौरान प्रयागराज में मंत्रिपरिषद की बैठक की गई थी. तब मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने संगम में पुण्य स्नान भी किया था. इसके अलावा वाराणसी में भी कैबिनेट की बैठक हो चुकी है. इस बार अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों के बीच इस बैठक की काफी चर्चा हो रही है. दरअसल अयोध्या में 9 नवंबर 1989 को श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास हुआ था. सर्वोच्च न्यायालय में दशकों तक चले राम जन्म भूमि विवाद का फैसला भी 9 नवंर 2019 को ही श्रीरामलला के पक्ष में आया था. सीएम योगी गुरुवार को अपनी पूरी कैबिनेट के साथ रामलला की शरण में होंगे.
विधानमंडल का सत्र 28 नवंबर से
इस बीच संभावना है कि विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का 28 नवंबर से आयोजन किया जा सकता है. सत्र चार से पांच दिन संचालित हो सकता है. सरकार अनुपूरक बजट पेश करने के साथ अन्य कई विधेयक भी पेश करेगी. कैबिनेट बैठक में विधानमंडल के सत्र आहूत करने का प्रस्ताव भी मंजूर हो सकता है.
कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों पर लग सकती है मुहर
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कैबिनेट बैठक में अयोध्या तीर्थ क्षेत्र विकास परिषद के गठन को मंजूरी मिलेगी.परिषद के गठन के लिए श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद विधेयक 2023 को विधानमंडल में प्रस्तुत करने का प्रस्ताव मंजूर किया जाएगा.
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अयोध्या में स्थित अयोध्या शोध संस्थान को अंतरराष्ट्रीय अयोध्या रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा होगी.
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अयोध्या के माझा जमथरा गांव में 25 एकड़ भूमि पर भारतीय मंदिर वास्तुकला संग्रहालय की स्थापना के प्रस्ताव पर भी मुहर लगेगी. इसके लिए 25 एकड़ भूमि पर्यटन विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरित देने का प्रस्ताव मंजूर होगा.
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देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद का प्रस्ताव मंजूर किया जाएगा. परिषद गठन के लिए लिए उत्तर प्रदेश प्रदेश श्री देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद विधेयक 2023 को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पेश करने का प्रस्ताव भी मंजूर किया जाएगा.
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शुक्रताल धार्म तीर्थ विकास परिषद के गठन का प्रस्ताव भी मंजूर होगा. उत्तर प्रदेश शुक्रताल धाम तीर्थ विकास परिषद विधेयक 2023 को विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पेश करने का प्रस्ताव भी मंजूर होगा.
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सरकार सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे के तहत अयोध्या में प्रतिवर्ष होने वाले मकर संक्रांति और वसंत पंचमी मेले, बुलंदशहर के अनूपशहर में होने वाले कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले और हाथरस के लक्खी मेला श्री दाऊजी महाराज के प्रांतीयकरण को मंजूरी दी जाएगी. इसके बाद इन मेलों की व्यवस्था में होने वाले खर्च को सरकार वहन करेगी. मेले की व्यवस्था नगरीय विकास विभाग के स्तर से की जाएगी.