Lucknow: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अंतर्गत 370 उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को पुरस्कार वितरित किया.
इस मौके पर उन्होंने 3,145 ग्राम पंचायतों सचिवों को लैपटॉप वितरित करने के साथ मातृभूमि योजना का शुभारंभ भी किया. उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों के संसाधनों का उपयोग इस रूप में करने की जरूरत है कि किसी के आगे हाथ फैलाने की नौबत नहीं आए.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री पंचायत पुरस्कार योजना के तहत आज 370 ग्राम पंचायतों को पुरस्कार दिए जा रहे हैं. प्रदेश के अंदर 10 नगर निगम स्मार्ट नगर निगम के रूप में विकसित किए जा रहे हैं. वहीं सात अन्य नगर निगमों को राज्य सरकार ने अपने स्तर पर स्मार्ट बनाने का काम प्रारंभ किया है.
उन्होंने कहा कि आज ग्राम पंचायतों में कई जनाएं लागू हुई हैं. ग्राम सचिवालय, ऑप्टिकल फाइबर, बेहतर सड़कें, जल निकासी की व्यवस्था, एलईडी स्ट्रीट लाइट, कंप्यूटर ऑपरेटर की तैनाती, बीसी सखी आदि को लेकर जिस ग्राम प्रधान ने थोड़ा भी ध्यान दिया है, तो वह ग्राम पंचायत स्मार्ट ग्राम पंचायत से कम नहीं है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 370 ग्राम पंचायतों को आज स्वच्छता संबंधी कार्य, योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से लेकर ग्राम पंचायतों में टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर आज पुरस्कार दिए जा रहे हैं. इसके लिए ये सभी बधाई के हकदार हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर लगभग 58 हजार ग्राम पंचायतों के भी इस स्तर आगे बढ़ने की बात कही.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हर गांव पहले स्मार्ट बने और जब स्मार्ट बनेगा तो आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को भी प्राप्त करेगा. उन्होंने कहा कि हमें अपनी ग्राम पंचायत के संसाधनों का उपयोग इस रूप में करना है कि किसी के आगे हाथ फैलाने की नौबत ना आए. ग्राम पंचायत अपने संसाधनों से समग्र विकास करते हुए जनता को बुनियादी सुविधाओं दे सकें. जिन योजनाओं का संचालन सरकार कर रही है, वह लंबे समय तक सुचारू रहे, इसकी जिम्मेदारी भी ग्राम पंचायतों की है. इसके लिए वह आत्मनिर्भर बनकर अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर सकती हैं.
उन्होंने कहा कि हर घर नल योजना की सफलता की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की है. लोगों को इसका लाभ मिलता रहे, इसके लिए योजना के प्रभावी संचालन के लिए ग्राम पंचायतों को ध्यान देना होगा. पानी की एक बूंद की बर्बादी नहीं होनी चाहिए. प्लंबर रखने से लेकर उसको रुपए देने का काम ग्राम पंचायतें अपने स्तर पर कर सकती हैं. इससे पानी की बचत होगी.
उत्तर प्रदेश इस मामले में बहुत सौभाग्यशाली है कि उसके पास प्रचुर मात्रा में जल साधन हैं. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि हम उसका दुरुपयोग करें. बल्कि, संरक्षण की जरूरत है. हर घर जल योजना के जरिए स्वच्छ पानी की सप्लाई के कारण कई प्रकार की बीमारियों में कमी दर्ज की गई है.
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों में बनाए ग्राम सचिवालयों ने जहां सक्रिय रूप से काम करना प्रारंभ कर दिया है, वहां पर कंप्यूटर के जरिए सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं. इससे ग्राम पंचायतों की आय में काफी इजाफा हुआ है. इसके जरिए वह कंप्यूटर ऑपरेटर की तनख्वाह देने सहित अन्य विकास कार्यों को अपने स्तर से कर रही हैं.