लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के समय भी भाजपा और कांग्रेस में सियासत का दौर जारी है. मजदूरों के लिए बसों को लेकर शुरू हुई दोनों पार्टियों के बीच राजनीति थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को बस विवाद में जमानत मिलने के बाद फिर गिरफ्तार कर लिया गया है. देर रात लखनऊ में न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेशी के बाद लल्लू 14 दिन के लिए जेल भेजे गए हैं.
A Lucknow Court has sent UP Congress President Ajay Kumar Lallu to judicial custody for 14 days. He was arrested in connection with protest by party leaders over issue of movement of buses arranged by Congress for migrant labourers. He'll be lodged in a temporary jail. (file pic) pic.twitter.com/jZMqSmeQH9
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 20, 2020
न्यूज एंजेसी ANI के अनुसार यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को लखनऊ के एक कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. गौरतलब है कि आगरा के पास कांग्रेस की ओर से प्रवासी श्रमिकों के लिए भेजी गई बसों को उत्तर प्रदेश में लाने को लेकर अजय ने कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ प्रदर्शन किया था. गौरतलब है कि न्यायिक हिरासत के दौरान उन्हें एक अस्थाई जेल में रखा जाएगा.
बता दें कि कांग्रेस द्वारा प्रवासी कामगारों के लिए राजस्थान-उत्तर प्रदेश सीमा पर भेजी गयी सैकड़ों बसें बुधवार शाम से लौट गयी. इसी मुद्दे को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की गिरफ्तारी भी हुयी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक वीडियो संदेश में कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार फंसे हुए प्रवासी कामगारों की घर वापसी के लिए मदद का उपयोग नहीं करना चाहती तो पार्टी उन 1,000 बसों को वापस ले रही है जिनकी व्यवस्था उसने की थी. उन्होंने कहा कि बसें शाम चार बजे तक उत्तर प्रदेश की सीमा पर रहेंगी. उस समय तक बसों को आए हुए 24 घंटे हो जाएंगे. कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ यदि आप उनका उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो कोई बात नहीं है. हम उन्हें वापस भेज देंगे.”
बस विवाद पर कही ये बात
प्रियंका गांधी ने कहा था कि ” यूपी कांग्रेस इसी भावना के साथ लॉकडाउन शुरू होने के अगले दिन से ही काम कर रही है.हर जिले में कांग्रेस के सिपाही सेवा कर रहे हैं.बस मामले को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा कि यूपी में सड़कों पर हादसे बढ़ने लगे थे लेकिन यूपी सरकार गंभीर नहीं दिखी. तब हमने मुख्यमंत्री जी को चिट्ठी लिख 1000 बसों को बार्डर से चलवाने की अनुमति मांगी.और 500 बसों को हमने गाजियाबाद बार्डर भेजा लेकिन बसों को वापस बुलाना पड़ा.अगले दिन बसों की अनुमति मिली जिसके लिए मैने धन्यवाद भी दिया.हमने 5 घंटों के अंदर बसों की लिस्ट भी दे दी.हमें रात साढ़े ग्यारह बजे 1000 बसों को सुबह 10 बजे तक लखनऊ भेजने को कहा गया.