UP Dial 112 Protest: उत्तर प्रदेश में इमरजेंसी नंबर डायल 112 सर्विस में संविदा पर महिला कर्मचारियों ने राजधानी लखनऊ में मंगलवार को भी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन जारी रखा. ये महिला कर्मचारी इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम में कम्युनिकेशन अफसर के तौर तैनात हैं. उन्होंने आशंका जताई कि कंपनी बदलने के कारण उन्हें काम से निकाला जा सकता है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि नई कंपनी पहले से काम कर रहीं कर्मियों को नियुक्ति पत्र जारी करे. इसके अलावा महिला कर्मियों ने वेतन बढ़ाने की भी मांग की. दोपहर के बाद प्रदर्शनकारी महिलाओं ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांग रखने का फैसला किया. इसके बाद महिलाएं सीएम आवास की तरफ जाने लगी. लेकिन, पुलिस ने उन्हें रोक लिया. जब प्रदर्शनकारी महिलाएं नहीं मानी तो उन्हें हिरासत में लेकर इको गॉर्डन धरना स्थल भेजा गया. इस दौरान महिलाकर्मियों ने पुलिस पर उनके साथ बदसलूकी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे शांतिपूर्ण तरीके से मुख्यमंत्री आवास जाना चाहती थीं. लेकिन, उन्हें नहीं जाने दिया गया और जबरन इको गॉर्डन के लिए बस में बैठा दिया गया.
लखनऊ की इस घटना पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा. पार्टी ने कहा कि सैलरी बढ़ाने के लिए सोमवार दोपहर से धरना दे रही डायल 112 की लड़कियों ने मंगलवार को अपनी गुहार लेकर सीएम साहब के द्वार का रुख किया. लेकिन, डरपोक सत्ताधीश को यह बात हजम नहीं हुई. इसलिये उसने इन महिलाओं को गिरफ्तार करके इको गॉर्डन भिजवा दिया. सच है, योगी जब-जब डरता है, पुलिस को आगे करता है. लेकिन, क्या पुलिसिया गुंडई के जरिए एक जायज मांग की आवाज का दमन करना न्यायोचित है? किसी आवाज से तो डरना छोड़ दे यह सरकार!
#WATCH | Uttar Pradesh | Women employees of Dial 112 services (Emergency Response Support System) – posted as Communications Officers – protested in Lucknow against low salaries and not being given their joining letters. They were later detained. pic.twitter.com/rlEeKHgTVU
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 7, 2023
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इससे पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि ये है भाजपा के नारी वंदन का सच. अपने वेतन को पाने और महंगाई के इस दौर में थोड़ा बढ़ाने के लिए जब प्रदेश की वो बहन-बेटियां धरने पर बैठी हैं जो डायल 100 के जरिए दूसरों के दुख-दर्द को सबसे पहले सुनकर उनकी मदद की व्यवस्था करती हैं. उन्होंने कहा कि ये कैसी विडंबना है कि आज उनकी ही सुनने वाला कोई नहीं है. 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था के स्वप्न-सौदागर दिल्लीवालों और 1 ट्रिलियन के दावेदार लखनऊवालों के पास क्या इन नारियों को देने के लिए कुछ भी नहीं है, लगता है सारा खजाना नारी वंदन के नाम पर आत्म प्रचार में ही खत्म हो गया है.
समाजवादी पार्टी ने कहा कि रोजगार प्राप्त लोगों को भी बेरोजगार करने पर भाजपा सरकार तुली है. लखनऊ के डायल 112 हेडक्वार्टर में तैनात महिला संवाद अधिकारियों को सरकार हटाने की तैयारी कर रही है. सपा ने कहा कि ये पीड़ित महिला संवाद अधिकारी जब सरकार के विरुद्ध धरना देने को मजबूर हुईं तो पुलिस ने दबाव बनाया. सरकार पीड़ितों को न्याय दे.
दरअसल राजधानी के शहीद पथ स्थित डायल 112 के बाहर महिला कर्मचारियों ने सोमवार को हंगामा किया था. उन्होंने पूरी रात प्रदर्शन जारी रखा. महिलाकर्मी पुलिस अफसरों के समझाने पर भी अपनी मांग से पीछे नहीं हटीं. कर्मचारी वेतन बढ़ाने और ऑफर लेटर की मांग कर रही थीं. महिला कर्मचारियों का आरोप था कि चार साल में एक बार भी उनकी सैलरी नहीं बढ़ाई गई. उन्होंने मांग रखी है कि दीपावली त्योहार से पहले उनकी सैलरी बढ़ाई जाए. साथ ही उन्हें ऑफर लेटर दिया जए. महिला कर्मचारियों के प्रदर्शन के चलते डायल 112 का कार्य भी प्रभावित हुआ है.
महिला कर्मचारियों ने बताया कि हम सभी रोजाना 9 घंटे काम करते हैं, लेकिन सैलरी के नाम पर महज 12 हजार रुपए मिलते हैं. चार साल से सैलरी नहीं बढ़ी है. जबकि 75 जिलों से आने वाली लोगों की कॉल को सुनते हैं. उसके बाद पुलिस की मदद मुहैया कराते है. कई बार सैलरी बढ़ाने की मांग की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके अलावा काम तो यहां कर रहे हैं. लेकिन, ऑफर लैटर तक नहीं मिला है. ऐसे में सभी की मांग है कि त्योहार से पहले हमारी सैलरी बढ़ाकर 18 हजार किया जाए. साथ ही ऑफर लेटर भी दिया जाए.
उधर इस प्रकरण में पुलिस की तरफ से कहा गया है कि किसी भी कॉल टेकर को हटाया नहीं जा रहा है. यूपी सरकार के नियमाें के मुताबिक कॉल टेकर्स को स्किल्ड लेबर माना जा रहा है. इसके अलावा नए नियम और नई कंपनी में हर कॉल टेकर का मानदेय भी बढ़ाया जा रहा है.