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मुख्तार अंसारी की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, कपिल देव सिंह हत्या के गैंगस्टर एक्ट मामले में आज आएगा फैसला

कुर्क हुए सामान की लिस्ट बनाने और गवाह की जरूरत पड़ने पर लोगों ने सेवानिवृत्त शिक्षक कपिल देव सिंह को बुलाने की सलाह दी. पुलिस के आग्रह पर कपिल देव​ सिंह कुर्की स्थल पर पहुंचे और गवाह के रूप में सूची बनाने में मदद की. इस दौरान उन्होंने पुलिस का सहयेाग किया. इससे दबंग का परिवार काफी नाराज हो गया.

Mukhtar Ansari Case: उत्तर प्रदेश में बाहुबली मुख्तार अंसारी से जुड़े एक अहम केस में गुरुवार को कोर्ट का फैसला आएगा. करीब 14 साल बाद गाजीपुर के बहुचर्चित कपिल देव सिंह हत्याकांड में एमपी-एमएलए कोर्ट आज अपना फैसला सुना सकती है. हालांकि इस केस के मूल मामले से मुख्तार अंसारी पहले ही बरी हो चुका है, लेकिन यह फैसला उस पर लगे गैंगस्टर एक्ट से जुड़ा है. इस फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं. कपिल देव सिंह गाजीपुर में करंडा थाना करंडा थाना क्षेत्र के सुआपुर गांव में रहते थे. वे पेशे से शिक्षक थे और अपने क्षेत्र में काफी मशहूर थे. सेवानिवृत्त होने के बाद वे गांव में परिवार के साथ रहते थे. वर्ष 2009 में गांव में एक दबंग व्यक्ति के घर पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई की. कुर्क हुए सामान की लिस्ट बनाने और आम गवाह की जरूरत पड़ने पर लोगों ने सेवानिवृत्त शिक्षक कपिल देव सिंह को बुलाने की सलाह दी. पुलिस के आग्रह पर कपिल देव​ सिंह कुर्की स्थल पर पहुंचे और गवाह के रूप में सूची बनाने में मदद की. इस दौरान उन्होंने पुलिस का काफी सहयेाग किया. इससे दबंग का परिवार काफी नाराज हो गया. उसके कपिल देव सिंह का पुलिस की मदद करना और कुर्की के दौरान सक्रिय रहना रास नहीं आया.

मुखबिरी के शक में साजिश के तहत हुई कपिल देव सिंह की हत्या

बताया जाता है कि उस वक्त मौके पर मौजूद दबंग के परिवार को लगा कि कपिल देव सिंह की पुलिस से मिलीभगत है और उसने ही उन लोगों के बारे में मुखबिरी की है. इसके बाद साजिश के तहत कपिल देव सिंह की हत्या कर दी गई. इस घटना के वक्त माफिया मुख्तार अंसारी जेल में बंद रहकर अपना गैंग का संचालन कर रहा था. वर्ष 2009 में ही मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के मीर हसन ने मुख्तार अंसारी पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था.

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शुरुआती एफआईआर में मुख्तार अंसारी का नाम नहीं था शामिल

इस हत्याकांड की शुरुआती एफआईआर में मुख्तार अंसारी का नाम शामिल नहीं था. बाद में जब जांच अधिकारी को विवेचना के दौरान कई सबूत मिले, जिसके आधार पर चार्जशीट में मुख्तार अंसारी का नाम जोड़ लिया गया. इसके बाद कपिल देव सिंह हत्याकांड और मीर हसन के मामले को मिलाकर वर्ष मुख्तार अंसारी पर वर्ष 2010 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया. मुख्तार अंसारी बहुचर्चित कपिल देव सिंह हत्याकांड के मूल मामले में पहले ही बरी हो चुका है. हालांकि गैंगस्टर एक्ट के तहत चल रहे मामले में गुरुवार को फैसला आने की संभावना जताई जा रही है. इस मामले में बहस पहले ही पूरी हो चुकी है.

मुख्तार अंसारी को दस साल की सुनाई जा चुकी है सजा

मुख्तार अंसारी काफी समय से जेल में बंद है. उस पर हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण समेत कई मामले दर्ज हैं. उनमें से चार मामलों में उसे सजा सुनाई जा चुकी है. कुछ अरसा पहले कोर्ट ने बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के मामले में मुख्तार अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई थी.

फर्जी एंबुलेंस मामले में 8 नवंबर को सुनवाई

मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज फर्जी एंबुलेंस मामले में बुधवार को बाराबंकी के एमपी-एमएलए कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई हुई. पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी बीमार और सुस्त नजर आया. वह कोर्ट में हाजिर हुए चौथे गवाह वार्ड सभासद फैसल की गवाही चुपचाप सुनाता रहा. जिरह पूरी होने के बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 8 नवंबर तय की है. फर्जी नाम और पते पर ली गई एंबुलेंस (यूपी41 ए टी 7171 ) के मामले में बाराबंकी एसीजेएम विपिन यादव की कोर्ट 19 में पेशी हुई.

वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि वर्चुअल पेशी पर बांदा जेल से मुख्तार अंसारी और उसके दो अन्य गुर्गे जाफर उर्फ चंदा संत कबीर नगर जेल, अफरोज उर्फ चुन्नू गाजीपुर जेल से कोर्ट में हाजिर हुए. मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि सरकार बनाम डॉ. अल्का राय केस में चौथे नंबर के अभियोजन गवाह नगर क्षेत्र नेहरू नगर वार्ड के सभासद मो. फैसल हाजिर हुए.

कोर्ट में मोहम्मद फैसल ने बताया कि जिस मकान के पते पर फर्जी एंबुलेंस का पंजीकरण हुआ था वह हमारे वार्ड में नहीं आता है. सभासद के बयान दर्ज होने के बाद कोर्ट ने अगले गवाह मोहम्मद अनवर को कोर्ट ने तलब किया है. डॉक्टर अल्का राय पर बाराबंकी में एंबुलेंस के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकरण के आरोप में नगर कोतवाली में अप्रैल 2021 में मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में मुख्तार अंसारी का नाम आने और आरोप तय होने के बाद कोर्ट ट्रायल चल रहा है.

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