Lucknow News: लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में केजीएमयू कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार के नेतृत्व में कर्मचारी परिषद ने शुक्रवार को ‘काम रोको, आक्रामक आंदोलन’ आयोजित किया गया. कर्मचारियों की हड़ताल को देखते हुए केजीएमयू प्रशासन में खलबली मच गई. दूर-दराज से इलाज कराने आए लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हालांकि, कुछ ही घंटे बाद हड़ताल को चिकित्सा शिक्षामंत्री सुरेश खन्ना के आश्वासन के बाद वापस ले लिया गया.
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह 8 बजे ही न्यू ओपीडी के बाहर कर्मचारियों के एकत्र होने लगे थे. इस बीच प्रशासनिक अधिकारियों ने तत्काल शासन के अधिकारियों को अवगत कराया कि जब तक शासनादेश नहीं जारी होगा कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. मामला गहराया. हड़तालकी सूचना चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना तक पहुंची. वे 8.45 बजे केजीएमयू पहुंचे. खन्ना ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांगों को संज्ञान में लिया है और शासनादेश जारी करने को भी बोला है. इसके कुछ देर बाद ही तीन कैडर का पुनर्गठन का शासनादेश भी जारी कर दिया गया.
इस बाबत प्रदीप गंगवार ने मीडिया को बताया कि कुलपति कार्यालय में चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना, प्रमुख सचिव आलोक कुमार, कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. विपिन पुरी, कुलसचिव आशुतोष दिृवेदी व अन्य सक्षम अधिकारियों के साथ वार्ता हुई. अंतत: 12.15 बजे चिकित्सा शिक्षा विभाग में पहुंच चुके तीन संवर्ग, फिजियोथेरेपिस्ट, आक्युपेशनल थेरेपिस्ट और मेडिकल परफ्यूजनिस्ट के कैडर रिव्यू का शासनादेश प्राप्त हो गया. अन्य दो संवर्ग का सोमवार को शासनादेश प्राप्त होने का आश्वासन मिला है. हालांकि, हड़ताल के दौरान इलाज की आस में आए मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.