22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Electricity in UP: गांवों को बिजली देने में पिछड़ा यूपी, इस रिपोर्ट ने खोली पॉवर कॉरपोरेशन के दावों की पोल

यूपी के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति बेहतर नहीं होने की हकीकत सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इसमें सुधार की मांग की है. संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप कर गांवों में 20 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की अपील की है.

Electricity in UP: यूपी में शहरों के साथ गांवों में भी बेहतर बिजली आपूर्ति के दावे उतने सही नहीं हैं, जितना अब तक पावर कॉरपोरेशन करता आया है. ग्रामीण इलाकों में बिजली सप्लाई के मामले में यूपी की स्थिति बेहतर नहीं है. हिमाचल प्रदेश को छोड़ अन्य सभी राज्यों से उत्तर प्रदेश पीछे इस मामले में पीछे है.

उत्तर प्रदेश में काफी समय से ग्रामीण इलाकों में 16 घंटे बिजली आपूर्ति का दावा किया जा रहा है. जबकि, अन्य राज्यों में आपूर्ति का आंकड़ा इससे अधिक है. ऊर्जा मंत्रालय की ओर से लोकसभा में रखी गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.

यूपी में गांवों में रहती है 60 फीसदी आबादी

उत्तर प्रदेश की 60 फीसदी आबादी कृषि कार्य से जुड़े होने के कारण गांवों में रहती है. ग्रामीण इलाके में ज्यादातर कनेक्शन किसानों के हैं. इसके बाद भी यहां बिजली आपूर्ति के दावे उतने बेहतर नहीं हैं, जितने किए जाते हैं.

Also Read: UP Breaking News Live: तीन IPS अफसरों का तबादला, चंदौली के एसपी बनाए गए विनीत जायसवाल का ट्रांसफर निरस्त

लोकसभा के पटल पर पिछले पांच वर्षों के ग्रामीण व शहरी आपूर्ति के आंकड़ें में खुसासा हुआ है कि हिमाचल प्रदेश अपने यहां ग्रामीण क्षेत्र को 12 घंटे 85 मिनट बिजली आपूर्ति देता है. उत्तर प्रदेश की बात करें तो 16 घंटे 09 मिनट आपूर्ति के साथ ये दूसरे नंबर पर है.

बिजली आपूर्ति की दर में नहीं हुआ इजाफा

देश में ग्रामीण क्षेत्रों को सबसे अधिक 23.85 घंटे गुजरात और महाराष्ट्र बिजली उपलब्ध कराता है. पावर कॉरपोरेशन की ओर से जारी किए गए शिड्यूल में उत्तर प्रदेश के शहरी क्षेत्र को 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र को 18 घंटे बिजली देने का दावा किया जाता है. इतना ही नहीं वर्ष 2018 की अपेक्षा अन्य राज्यों ने ग्रामीण इलाके में बिजली आपूर्ति की दर में लगातार इजाफा की है, लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसा नहीं हुआ है.

घट रही ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई

उत्तर प्रदेश में ग्रामीण इलाके को बिजली देने की दर साल दर साल घट रही है. लोकसभा में रखी गई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018-19 में 19 घंटे 6 मिनट आपूर्ति की जा रही थी. इसे वर्ष 2019-20 में 17 घंटे 2 मिनट किया गया और वर्ष 2022-23 में 16 घंटे 9 मिनट कर दिया गया है.

लोकल फॉल्ट के कारण भी समस्या में इजाफा

इसके अलावा ब्रेकडाउन और अन्य तरह से लोकल फॉल्ट निरंतर बने रहते हैं. ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को जरूरत के मुताबिक बिजली नहीं मिल पाती है. इसके विपरीत दूसरे राज्य साल दर साल ग्रामीण इलाके की आपूर्ति की दर बढ़ा रहे हैं.

ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे बिजली आपूर्ति की मांग

इन सबके बीच उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा कहते हैं कि लोकसभा में रखी गई रिपोर्ट ये साबित करती है कि पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं के साथ नाइंसाफी कर रहा है. विद्युत निगमों को ग्रामीण ​क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बढ़ाने के लिए हर हाल में काम करना होगा.

सीएम योगी से हस्तक्षेप करने की मांग

ग्रामीण क्षेत्र को किसी भी परिस्थि​ति में 20 घंटे से अधिक बिजली दी जानी चाहिए, जिससे वहां के उपभोक्ताओं को फायदा मिल सके. पहले की अपेक्षा ग्रामीण इलाके में बिजली आपूर्ति की दर में लगातार गिरावट की जा रही है. यह ग्रामीण उपभोक्ताओंके लिए वास्तव में बड़ा धोखा है. उपभोक्ता परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इस रिपोर्ट के आधार पर मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है. इसके साथ ही ग्रामीण इलाके की बिजली दर बढ़ाने का प्रयास करने को कहा गया है, जिससे यूपी के प्रदर्शन में सुधार देखने को मिले.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें