लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में किसी भी जाति और जेंडर का व्यक्ति मेयर के लिये दावेदारी कर सकता है.शहरी निकाय चुनाव-2023 में राज्य के 17 नगर निगम , 199 नगर पालिकाओं तथा 544 नगर पंचायतों में कहां किस जाति वर्ग का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा यह तय हो गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार को नगर निकाय चुनाव को लेकर महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष के पद के लिए नये सिरे से आरक्षण की सूची जारी कर दी.
शहरी निकाय चुनाव-2023 को लेकर नगर विकास विभाग के मंत्री एके शर्मा ने बताया कि 17 नगर निगम, 199 नगर पालिकाओं तथा 544 नगर पंचायतों का आरक्षण जारी किया गया है. नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर 209 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. नगर पालिका में 73 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. ओबीसी को 205 सीट पर आरक्षण दिया गया है. 110 सीट एससी के लिए आरक्षित है.
17 नगर निगम में मेयर के छह पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं. इसमें आगरा नगर निगम अनुसूचित जाति की महिला के लिए , फिरोजाबाद और शाहजहांपुर नगर निगम में महापौर का पद पिछड़ा वर्ग महिला के लिए आरक्षित है. लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद नगर निगम में महापौर की सीट महिला सामान्य वर्ग के लिये आरक्षित की गयी है. वाराणसी, बरेली, मथुरा-वृंदावन, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज, अलीगढ़ और प्रयागराज नगर निगम नगर निगम में यह पद अनारक्षित है. झांसी नगर निगम झांसी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. सहारनपुर और मेरठ को पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित किया गया है.
प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार ‘महापौर’ पद पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग एवं महिला के लिए आरक्षित सीटों को लेकर 06 अप्रैल की शाम 06:00 बजे तक आपत्ति ली जायेंगी. आपत्तियां लिखित रूप में अथवा डाक के माध्यम से निदेशक, स्थानीय निकाय निदेशालय, सेक्टर-7, गोमतीनगर विस्तार, उ०प्र० को भेजनी होंगी. प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग,उप्र शासन को सम्बोधित तथा निदेशक, नगर निकाय निदेशालय, उप्र लखनऊ को प्राप्त आपत्तियों पर ही विचार किया जायेगा.
नगर निकाय चुनाव 2017 में मेरठ एससी महिला के लिए रिजर्व थी, जबकि मथुरा वृंदावन एससी के लिए, फिरोजाबाद, वाराणसी, पिछड़ा वर्ग महिला, सहारनपुर और गोरखपुर पिछड़ा वर्ग, लखनऊ, कानपुर नगर और गाजियाबाद महिला के लिए, आगरा, इलाहाबाद,बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी और फैजाबाद अनारक्षित थीं.