UP News: बीजेपी प्रत्याशी नितिन अग्रवाल यूपी विधानसभा सभा के उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. उन्हें 304 वोट मिले जबकि सपा प्रत्याशी नरेंद्र सिंह वर्मा को महज 60 वोटों से संतोष करना पड़ा. जीत के बाद नितिन अग्रवाल को डिप्टी स्पीकर की कुर्सी पर बैठाया गया. उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव 14 वर्षों बाद हुआ है. भाजपा के राजेश अग्रवाल को इस पद के लिए जुलाई 2004 में निर्विरोध चुना गया था. उनका कार्यकाल मई 2007 तक था. उसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव हुआ ही नहीं. यह कुर्सी तबसे खाली थी.
Samajwadi Party's (SP) Nitin Agarwal elected as the Deputy Speaker of Uttar Pradesh assembly. pic.twitter.com/9Q3pEXFStv
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 18, 2021
नितिन अग्रवाल सपा के बागी विधायक हैं. वो कई मौके पर समाजवादी पार्टी को घेरते भी नजर आए. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ भी सपा के टिकट पर जीते नितिन अग्रवाल को डिप्टी स्पीकर बनवाना चाहते थे. यूपी विधानसभा के डिप्टी स्पीकर के चुनाव को लेकर योगी सरकार ने विधानसभा के छह घंटे का विशेष सत्र बुलाया है.
बीजेपी ने डिप्टी स्पीकर के लिए नितिन अग्रवाल को चुना है. कहीं ना कहीं बीजेपी ने डिप्टी स्पीकर के चुनाव को समाजवादी पार्टी वर्सेज समाजवादी पार्टी बनाकर सपा के मुखिया अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ाने का काम किया है.
नितिन अग्रवाल के नामांकन में खुद सीएम योगी आदित्यनाथ भी पहुंचे थे. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि बीजेपी संसदीय परंपराओं का पालन कर रही है. विधानसभा के डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष के लिए है. इसी कारण बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े विपक्षी दल के विधायक को कैंडिडेट बनाया है.
नितिन अग्रवाल की बात करें तो वो सात बार विधायक रहे नरेश अग्रवाल के बेटे हैं. साल 2017 में नितिन अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वक्त गुजरा और उनका सपा से मोहभंग हो गया. वो बीजेपी खेमे में माने जाते हैं. इसके पहले साल 2008 में नितिन अग्रवाल ने उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की. इसके बाद नितिन अग्रवाल सपा में शामिल हुए. दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाले नितिन अग्रवाल ने पुणे से एमबीए की डिग्री ली है.
साल 2017 में नितिन अग्रवाल पर अखिलेश यादव ने भरोसा जताकर मैदान में उतारा. उन्होंने जीत भी हासिल की. सपा की सरकार में नितिन अग्रवाल को स्वास्थ्य राज्यमंत्री का जिम्मा मिला. उन्होंने लघु विकास विभाग के राज्यमंत्री का कामकाज भी संभाला है. राज्य में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद नितिन अग्रवाल के पिता नरेश अग्रवाल ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. नरेश अग्रवाल को सपा ने राज्यसभा का टिकट नहीं दिया था. यही उनकी समाजवादी पार्टी से नाराजगी की बड़ी वजह बनी.
Posted By: Achyut Kumar