लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस ने यूपी 112 के दूसरे चरण की शुरुआत कर दी है. इसमें वह लोग भी इस सेवा की मदद ले सकेंगे जो बोलने में असमर्थ हैं. सेकेंड फेज में वाहनों की संख्या को बढ़ाकर 6278 पीआरवी होने जा रही है. साल 2017 में यूपी 112 का औसत रिस्पांस टाइम 25 मिनट 42 सेकेंड था जोकि अब 2023 में घटकर औसतन 9 मिनट 18 सेकेंड पर आ गया है. पीआरवी में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम होगा, जिसके प्रयोग से कॉलर के पास जीपीएस लिंक का रियल टाइम मैसेज जाएगा, जिससे कॉलर पीआरवी की लोकेशन अपने फोन में ट्रैक कर देख सकेगा. यूपी 112 हेल्पलाइन को अपग्रेड करने के बाद 1.30 लाख कॉल रिसीव की जा सकेंगी. कॉल ड्रॉपिंग में कमी आएगी. इसके लिए कॉल टेकर्स की संख्या को 673 से बढ़ाकर 825 किया जा रहा है.यूपी 112 के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) नीरा रावत ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी.सभी पीआरवी में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम होने से 112 पर शिकायत दर्ज करवाने वाले के पास जीपीएस लिंक का रियल टाइम मैसेज जाएगा. कॉल करने वाला अपने मोबाइल पर पीआरवी की लाइव लोकेशन (PRV 112 Live Location) देखकर जान सकेगा कि पुलिस कितनी दूर है और कब तक पहुंच सकती है. आपको बता दें कि दूसरे चरण में पीआरआई (PRV 112) तकनीक को एसआईपी व सीएडी प्रणाली में उच्चीकृत कर कॉल रिसीव किए जाने की क्षमता को बढ़ाया जाएगा, जिससे प्रतिदिन करीब 1.25 लाख से 1.30 लाख तक कॉल रिसीव हो सकेंगी. अभी 50 से 60 हजार कॉल रिसीव होती हैं.
त्योहारों के दौरान तीन दिनों में उत्तर प्रदेश में यूपी 112 ( डायल 112)ने 63,230 लोगों और परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान की. 825 नए कॉल टेकर्स की नियुक्ति से यूपी112 की कॉल लेने की क्षमता बढ़ जाएगी. कॉल लेने वालों की हड़ताल के बावजूद, UP112 अभी भी चालू है और समस्या को हल करने के प्रयास किए जा रहे हैं. आउटसोर्स कॉल टेकर्स का प्रबंधन करने वाली एजेंसी ने हाल ही में बदलाव किया है और कॉल टेकर्स को बढ़ी हुई सैलरी की पेशकश की है. प्रदर्शनकारी कर्मचारी ₹18,000 के मूल वेतन की मांग कर रहे हैं.यूपी 112 के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) नीरा रावत ने मंगलवार को कहा, त्योहारों के दौरान 11 से 13 नवंबर तक तीन दिनों में यूपी112 (यूपी पुलिस इमरजेंसी इंटीग्रेटेड रिस्पांस सेंटर) से जुड़े पुलिस रिस्पांस वाहन (पीआरवी) द्वारा 63,230 लोगों और परिवारों को तत्काल सहायता प्रदान की गई. मीडियाकर्मियों के साथ जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि पहले 673 कॉल टेकर्स मौजूद थे और अब 825 कॉल टेकर्स को रिस्पांस सेंटर के लिए आउटसोर्स कॉल टेकर्स का प्रबंधन करने वाली नई एजेंसी द्वारा काम पर रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कॉल लेने वालों की संख्या बढ़ने के साथ ही यूपी112 की कॉल लेने की क्षमता और बढ़ाई जाएगी.
एडीजी ने कहा कि दिवाली के दौरान जलने के मामलों, पटाखे फोड़ने से होने वाली घटनाओं और आग लगने की घटनाओं से संबंधित कॉल अक्सर आती हैं और यूपी112 ने राज्य के हर कोने में सहायता प्रदान की है. उन्होंने कहा कि कॉल लेने और कॉल फैलाने की तकनीक को और अधिक उन्नत बनाया गया है, जिसके बाद कॉल लेने की क्षमता 50,000 से बढ़ाकर 1.30 लाख की जा सकती है, जिससे कॉल ड्रॉपिंग में कमी आई है और एक समय में अधिक कॉल अटेंड की जा सकेंगी.
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यूपी112 के विरोध करने वाले कॉल टेकर्स पर उन्होंने कहा कि यूपी112 सामान्य रूप से काम कर रहा है और पिछले एक सप्ताह से अचानक हड़ताल पर जाने के बावजूद राज्य भर में लोगों की मदद कर रहा है. उन्होंने कहा कि मुद्दे को सुलझाने के प्रयास किये जा रहे हैं. एडीजी ने बताया कि आउटसोर्स कॉल टेकर्स का प्रबंधन करने वाली एजेंसी को 2 नवंबर से बदल दिया गया था, जिसके बाद कुछ कॉल टेकर्स ने राशि को एक निश्चित स्तर तक बढ़ाने की मांग की थी उन्होंने कहा कि वर्तमान एजेंसी ने कार्यभार संभालने के बाद सबसे पहले पूर्व में कार्यरत 673 आउटसोर्स कॉल टेकर्स को ऑफर लेटर दिया.उन्होंने कहा कि एजेंसी ने कुशल श्रमिक के मूल वेतन के ₹12,667 के बढ़े हुए वेतन ग्रेड के साथ प्रस्ताव दिया, जबकि पहले उन्हें अर्ध-कुशल श्रमिक का वेतन ग्रेड दिया जाता था. उन्होंने कहा कि पहले से कार्यरत 673 कॉल टेकर्स में से 158 फिर से नौकरी में शामिल हो गए, जबकि एजेंसी ने शेष रिक्त पदों के लिए नए कॉल टेकर्स की व्यवस्था की. एडीजी ने जोर देकर कहा कि “ एजेंसी ने आश्वासन दिया है कि वे अभी भी विरोध करने वाले कॉल लेने वालों से संपर्क करेंगे और उन्हें कुशल कर्मचारी के नए बढ़े हुए वेतन ग्रेड के बारे में समझाएंगे, और वे अभी भी कर्तव्यों में शामिल हो सकते हैं. प्रदर्शनकारी कर्मचारी ₹18,000 के मूल वेतन की मांग कर रहे हैं.