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UP Politics : वंचितों के विकास को सत्ता का साथ जरूरी, अखिलेश- मायावती यूपी की सभी समस्याओं की जड़ : ओपी राजभर

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष, ओम प्रकाश राजभर 'गरीबों, पिछड़ों और वंचितों को कुछ देने के लिए सत्ता में मौजूद लोगों के साथ होना चाहिए'. वह पूर्वांचल की उन 6 सीटों पर चुनाव प्रचार की शुरुआत करना चाहते हैं जहां भाजपा कमजोर है.

लखनऊ. सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष, ओम प्रकाश राजभर ने भारतीय जनता पार्टी में वापसी का कारण गरीब-वंचितों के विकास की चिंता में उठाया गया कदम बताया है. आरोप लगाया कि ‘पिछड़ों और दलितों के दो नेता सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती यूपी में सभी समस्याओं की जड़ हैं’. एक अंग्रेजी अखबार को दिए साक्षात्कार में राजभर ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. 16 जुलाई को, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष, ओम प्रकाश राजभर ने घोषणा की कि वह भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में लौट रहे हैं. 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों के दौरान, जब राजभर ने समाजवादी पार्टी (एसपी) के साथ गठबंधन किया था और राज्यभर में बीजेपी के खिलाफ एसपी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मिलकर प्रचार किया था, तो उनकी पार्टी ने जिन 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था, उनमें से छह पर जीत हासिल की थी. अब, एसबीएसपी भाजपा के साथ हाथ मिलाने के लिए वापस चली गई है.

राजभर बोले- पॉवर में रहेंगे तो कमजोर के लिए कुछ कर पाएंगे

ओमप्रकाश राजभर ने 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव की साथी सपा को छोड़ एनडीए में शामिल होने को लेकर कहते हैं कि गरीबों, पिछड़ी जातियों और वंचित समूहों को कुछ देने की स्थिति में रहने के लिए किसी को सत्ता में रहने वालों के साथ रहना चाहिए. साथ ही हमने यूपी में विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश की थी. लेकिन अखिलेश यादव को मायावती को अपने साथ लाने से एलर्जी है, और ऐसा लगता है कि भावनाएं परस्पर हैं. ये दोनों यह भी नहीं चाहते कि कोई अन्य नेता पिछड़े समुदायों और दलितों का प्रतिनिधित्व करे. प्रदेश में सपा और बसपा की चार सरकारें रही हैं और एक भी दलित या पिछड़े नेता को आगे नहीं बढ़ने दिया गया. हमारी एक छोटी सी पार्टी है.यदि ये दोनों भी हमें समायोजित नहीं कर सकते, तो हमें कहीं और जाना होगा.

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अखिलेश – मायावती को चिंता होती तो साथ आते

भाजपा के साथ आने के बाद अखिलेश यादव के आरोपों पर पलटवार करते हुए राजभर ने कहा कि पिछड़ों के नाम पर उन्होंने सिर्फ यादवों के लिए काम किया है. उन्हें मुस्लिम वोट मिलते हैं, लेकिन उन्होंने एक बार भी किसी मुस्लिम को उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया. पिछड़ों और दलितों के ये दो नेता (अखिलेश और मायावती) राज्य की सभी समस्याओं की जड़ हैं. अगर उन्हें दलितों और पिछड़ों की इतनी ही परवाह है तो साथ क्यों नहीं आते. उन्होंने मेरी राजनीति खत्म करने का फैसला कर लिया. सब कहते हैं कि बीजेपी मुस्लिम विरोधी है. आज वही भाजपा पसमांदा कार्यक्रम कर रही है जिसमें प्रधानमंत्री भी शामिल होते हैं. सोशल मीडिया पर लोग अब कह रहे हैं कि बीजेपी ने हिंदुत्व का एजेंडा छोड़ दिया है. एनडीए में शामिल होने के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से उनके आवास पर मुलाकात करने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री की विकास यात्रा को जन जन तक लेकर जाने और लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में एनडीए को 80 सीटों पर विजय दिलाने का संकल्प लिया था.

सरकार का हिस्सा बनना ही लक्ष्य 

पूर्वी यूपी में अपने मतदाताओं को भाजपा में शिफ्ट करने का फार्मूला बताते हुए कहते आज़मगढ़ की बैठक का उदाहरण देते हैं. वह कहते हैं ” मैंने महसूस किया कि मेरे कार्यकर्ताओं और नेताओं को लगता है कि लोग हमारे प्रति बहुत कठोर हो रहे हैं. सपा कांग्रेस से गठबंधन करती है और फिर टूट जाती है. बसपा सपा से गठबंधन करती है और फिर टूट जाती है. उन्हें कोई कुछ नहीं कहता. इसे लेकर सिर्फ हमें ही निशाना बनाया जाता है.’ जब बड़ी पार्टियां ऐसा करती हैं तो इसे अच्छा माना जाता है. लेकिन जब कोई छोटी पार्टी ऐसा करती है तो इसे गलत माना जाता है. 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए सहयोगी के रूप में कितनी सीटों से चुनाव लड़ेंगे इस पर उन्होंने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वह कहते हैं हमारा लक्ष्य सरकार का हिस्सा बनना होगा. सीटों पर अभी तक कोई बात नहीं हुई है. समय आने पर यह किया जायेगा.

रैली के लिए पीएम मोदी का मांगा समय 

एनडीए में शामिल होने के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने एनडीए के मिशन 80 को लेकर भी काम करना शुरू कर दिया है. एनडीए में शामिल होने के बाद राजभर ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार मुलाकात की. साथ ही पूर्वांचल की उन 6 सीटों को लेकर मंथन किया जहां 2019 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था.ओम प्रकाश राजभर पूर्वांचल में अपने चुनाव प्रचार का आगाज इन सीटों से करना चाहते हैं. राजभर ने आजमगढ़ की लालंगज लोकसभा सीट से इसकी शुरुआत क सकते हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक कार्यक्रम यहां चाहते हैं. मिशन 2024 की शुरुआत लालगंज से करने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ और प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को भी पत्र लिखा है. सितंबर के आखिर या अक्टूबर के पहले हफ्ते में पीएम मोदी के कार्यक्रम के लिए दिल्ली से परमिशन भी मांगी है.

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