11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

यूपी के 31 जनपदों में सूखे की आहट, अब तक बेहद कम हुई बारिश, पश्चिमी यूपी में नदियों के जलस्तर ने मचाई तबाही

उत्तर प्रदेश में सावन के महीने में लोगों को मौसम से कोई राहत नहीं मिल रही है. राज्य के अधिकांश जनपदों में कम बारिश की वजह से तापमान में इजाफा दर्ज किया जा रहा है.कुछ जगह औसत से भी कम बारिश हुई है. वहीं पश्चिमी यूपी और एनसीआर के कुछ क्षेत्रों में नदियों के तेवर के कारण लोग पलायन करने को मजबूर हैं.

Lucknow: उत्तर प्रदेश में मानसून की बेरुखी लोगों पर भारी पड़ रही है. राज्य के अधिकांश हिस्से में जहां गर्मी का सितम जारी है, वहीं कम बारिश की वजह से खेती भी प्रभावित हुई है. धान सहित अन्य फसलों पर इसका असर पड़ने के आसार हैं. प्रदेश में अभी तक पश्चिमी यूपी में मानसून की सक्रियता ज्यादा देखने को मिली है, जबकि पूर्वांचल और मध्य हिस्से में गर्मी का सितम जारी है.

मौसम विभाग ने सोमवार से तापमान में बदलाव और बारिश की संभावना जताने के बावजूद शाम तक कहीं बारिश नहीं हुई. उमस भरी गर्मी के कारण लोग पसीने से बेहाल रहे. मौसम विभाग ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के तीन जनपदों में रेड अलर्ट और 15 जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है. हालांकि अभी तक राहत ​नहीं मिली है.

कम बारिश वाले जनपदों की स्थिति

प्रदेश के 31 जनपदों में लोग अभी बादलों के जमकर बरसने का इंतजार कर रहे हैं. मौसम विभाग के ताजा आंकड़ों के मुताबिक इनमें 13 जनपदों में जून में 40 से 60 प्रतिशत कम बारिश हुई है. वहीं सात जनपदों में 40 प्रतिशत कम बरसात रिकॉर्ड की गई है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के मुताबिक पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अभी तक जहां अच्छी बारिश हुई है, वहीं पूर्वांचल और अवध का इलाका बारिश की कमी से जूझ रहा है. चंदौली में 305.7 मि.मी. के सापेक्ष सबसे कम 84.2 मि.मी.बारिश हुई है.

Also Read: Gyanvapi Case: अब हाईकोर्ट पर टिकी निगाहें, 26 जुलाई तक सर्वे पर रोक के बाद दोनों पक्ष ने जानें क्या कहा…

प्रदेश में कम बारिश वाले जनपदों में कुशीनगर, मीरजापुर, देवरिया, बस्ती, मऊ, चंदौली, पीलीभीत और कुशीनगर हैं. यहां जून से अभी तक 40 प्रतिशत से भी कम बारिश दर्ज की गई है. इसके अलावा सीतापुर, महराजगंज, गाजियाबाद, संत कबीर नगर, रायबरेली, गौतमबुद्ध नगर, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, प्रयागराज और कौशाम्बी में 40 से 60 प्रतिशत बारिश दर्ज हुई है.

हिंडन के रौद्र रूप के कारण लोगों ने किया पलायन

प्रदेश सरकार ने बाढ़ के लिहाज से संबंधित जिलाधिकारियों को सुरक्षा के सभी उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं. यमुना और हिंडन में उफान से एनसीआर के गाजियाबाद, नोएडा सहित कुछ अन्य क्षेत्र प्रभावित हैं. हिंडन के तेवर के कारण कई लोगों को अपने घरों से पलायन करना पड़ा है. कई इलाकों में पानी प्रवेश कर चुका है. ऐसे में निचले इलाकों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है.

हिंडन भी यमुना की सहायक नदी है. यह सहारनपुर के नजदीक शिवालिक रेंज में शाकंभरी से निकलती है. इसके चलते इस नदी में भी जलस्तर बढ़ा हुआ है. जिस वजह से एनसीआर के इसके क्षेत्र में कई जगह पानी भर गया है.

यहां से सैकड़ों परिवारों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. इसके आगे जाकर अकबरपुर बहरामपुर, कनावनी, चोटपुर और ग्रेटर नोएडा के भी निचले इलाकों में पानी घुस गया है. नोएडा का प्रशासन भी मुस्तैद है और लोगों को निचले इलाकों से निकलने के लिए अपील की है.

गाजियाबाद और एडा के करीब भारी संख्या में अवैध कॉलोनियां ऐसी हैं, जो हिंडन नदी की तलहटी पर बसाई गई हैं ऐसे में वहां अधिकतर बाढ़ आने पर संकट पैदा हो जाता है. हिंडन और यमुना नदी के अलावा गंगा में भी जलस्तर बढ़ गया है, जिसके चलते निचले इलाकों में परेशानी बढ़ गई है.

यमुना के जलस्तर में लगातार इजाफा

वहीं हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण यमुना के जलस्तर में भी अधिकांश जगह इजाफा देखने को मिला है. यमुना का जलस्तर कई जगह खतरे के निशान के पार पहुंचने की वजह से लोग सहमे हुए हैं.

प्रदेश के 13 जनपदों के 331 गांव बाढ़ से प्रभावित

इस बीच राहत आयुक्त जीएस नवीन कुमार के मुताबिक प्रदेश के सभी तटबंध सुरक्षित हैं. वर्तमान में गंगा और यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने से यूपी के 13 जनपदों के 331 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं. अब तक 866 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. लोगों के पशुओं की भी हिफाजत की जा रही है.

25 हजार लोगों के बचाव के लिए 61 राहत शिविर

प्रदेश में अलीगढ़, बदायूं, बिजनौर, फर्रुखाबाद, फिरोजाबाद, गाजियाबाद, कासगंज, नोएडा, सहारनपुर, शाहजहांपुर, शामली जिलों के 331 गांव बाढ़ की चपेट में हैं. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक 25 हजार लोगों के बचाव के लिए 61 शेल्टर बनाए गए है. प्रदेश में गंगा नदी बदायूं और फर्रुखाबाद में खतरे के ऊपर बह रही है. दोनों जनपदों में नदी के रौद्र रूप के कारण बाढ़ की स्थिति है.

कम बारिश का फसलों पर पड़ेगा असर

मौसम विभाग के मुताबिक इस बार कम बारिश के कारण धान की फसल प्रभावित होने के आसार हैं. बारिश नहीं होने से सीजन की मुख्य फसल प्रभावित हो सकती है. ऐसे में किसानों को अहम सलाह दी गई है कि वे धान की फसल की सिंचाई के लिए बारिश के भरोसे न रहें. यह भी कहा गया कि है कि जो किसान जुलाई के आखिरी सप्ताह में धान की फसल की रोपाई कर रहे हैं, वे रोपाई में फसल के बीच अंतर रखे और फसल के तीन चार पौधों को एक साथ रोपें.

मौसम विभाग ने अब बारिश के अनुकूल बताया मौसम

इस बीच मौसम विभाग के मुताबिक 25 जुलाई को बारिश की तीव्रता व इसका क्षेत्र बढ़ेगा. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से बारिश का असर दिखेगा. साथ ही प्रदेश के पूर्वी इलाकों के अधिकतर इलाकों में भी बारिश के आसार हैं. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक 26 जुलाई को भी पश्चिमी यूपी में लगभग सभी जगह और पूर्वी यूपी में अनेक स्थान पर गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है. वहीं 27 और 28 जुलाई को पश्चिमी व पूर्वी उत्तर प्रदेश में अनेक स्थान पर गरज चमक के साथ बारिश हो सकती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें